Saturday, September 30, 2023
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पूछताछ के नाम पर पत्रकार अमन चोपड़ा को प्रताड़ित करती रही राजस्थान पुलिस: 6 घंटे तक खाने और चाय पीने का भी मौका नहीं दिया

इसके पहले राजस्थान पुलिस उनके अपार्टमेंट में घुस गई थी और अमन चोपड़ा के फ्लैट के दरवाजे पर वॉरंट चिपका दिया। इसके साथ ही पुलिस उनके दरवाजे पर कुर्सी डाल कर बैठी रही थी, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। इस संबंध में उसने नोएडा पुलिस से पहले इजाजत नहीं ली थी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार (Rajasthan Government) ‘न्यूज़ 18’ के पत्रकार अमन चोपड़ा (Aman Chopra) के पीछे पड़ी हुई है। दो मामलों में हाईकोर्ट द्वरा गिरफ्तारी पर स्टे लगाने के बाद राजस्थान ने डूंगरपुर में दर्ज एक केस में चोपड़ा को पूछताछ के नाम राजस्थान पुलिस उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित कर रही है।

News18 के अनुसार, अमन चोपड़ा को प्रताड़ित करने के लिए राजस्थान पुलिस उन्हें सुबह से शाम तक थाने में बैठाए रही। इस दौरान न ही उन्हें खाने के लिए कुछ दिया गया और ना ही चाय आदि ही दी गई। इस दौरान उनसे अनर्गल सवाल पूछकर उनका समय खराब किया जाता रहा और मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता रहा है।

पूछताछ के नाम पर राजस्थान पुलिस उन्हें झूटे मनी ट्रेल (अवैध लेनदेन) के मामले में फँसाने की कोशिश कर रही है। लाइव डिबेट से जुड़े मामले में पुलिस अमन चोपड़ा से सवाल कर रही है कि उनके खाते ये पैसे क्यों आए, कहाँ से आए, किसने भेजे, क्यों भेजे आदि-आदि।

राजस्थान पुलिस के सवालों से स्पष्ट है कि वह राजनीति साधने की कोशिश कर रही है। राजस्थान पुलिस ने अमन चोपड़ा से पूछ रही है कि जिस लाइव डिबेट को उन्होंने प्रसारित किया वो किसके कहने पर किया, इसे किसने लिखा, इसकी स्क्रिप्ट कहाँ से आई, इसके पीछे कौन है आदि-आदि।

हालाँकि, इस मामले में लाइव डिबेट की पूरी सीडी कोर्ट को सौंप दी गई थी। कोर्ट ने भी माना कि यह लाइव डिबेट है, लेकिन पुलिस ने कोर्ट को बताया कि वह चोपड़ा से पूछताछ करना चाहती है और इसके लिए उसने समय में दिया। हालाँकि, सुबह 11 बजे से शाम 5 तक राजस्थान पुलिस उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित करती रही।

इसके पहले राजस्थान पुलिस उनके अपार्टमेंट में घुस गई थी और अमन चोपड़ा के फ्लैट के दरवाजे पर वॉरंट चिपका दिया। इसके साथ ही पुलिस उनके दरवाजे पर कुर्सी डाल कर बैठी रही थी, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। इस संबंध में उसने नोएडा पुलिस से पहले इजाजत नहीं ली थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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