Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजयाद हैं कमलेश तिवारी जिनका मोइनुद्दीन और अशफाक ने रेत दिया था गला? हाई...

याद हैं कमलेश तिवारी जिनका मोइनुद्दीन और अशफाक ने रेत दिया था गला? हाई कोर्ट ने 1 साल में ट्रायल पूरा करने को कहा, सैयद आसिम को नहीं दी बेल

कमलेश तिवारी हत्याकांड के एक आरोपित सैयद आसिम अली को जमानत चाहिए। इसके लिए उसने कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। हालाँकि अदालत ने उसकी इस माँग को खारिज कर दिया है।

साल 2019 में हुए कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपित सैयद आसिम अली को अब जमानत चाहिए। इसके लिए उसने इलाहाबद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। हालाँकि अदालत ने उसकी इस माँग को खारिज कर दिया। आसिम पूरे हत्याकांड में मुख्य आरोपितों के साथ लगातार संपर्क में था और उसकी भी इस हत्या में अहम भूमिका थी।

अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अधीनस्थ अदालत (प्रयागराज की अदालत) को आदेश दिया कि वो इस मामले में ट्रायल को पूरा करें। अदालत के अनुसार अगर एक साल में ट्रायल पूरा नहीं होता तो याची हाई कोर्ट आ सकता है। अभी तक इस मामले के 35 गवाहों में से 7 गवाहों का परीक्षण किया गया है। कोर्ट ने जल्द से जल्द ट्रायल पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

बता दें कि आसिम की याचिका को खारिज करने वाला आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस सौरभ श्याम शमसेरी की सिंगल बेंच ने दिया। इस मामले में साल 2019 में लखनऊ के नाका हिंडोला थाने में केस दर्ज हुआ था जिसके बाद कमलेश तिवारी के हत्यारे गिरफ्तार किए गए थे।

कमलेश तिवारी हत्याकांड

गौरतलब है कि कमलेश तिवारी ने साल 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी की थी। इसके बाद कई कट्टरपंथियों द्वारा उन्हें धमकी मिली, ऐलान हुआ कि जो हत्या करेगा उसे 51 लाख रुपए से लेकर डेढ़ करोड़ तक इनाम मिलेगा। शुरू में कमलेश तिवारी को उनकी टिप्पणी के लिए जेल भेजा गया, लेकिन इससे कट्टरपंथी शांत नहीं हुए, उन्होंने कमलेश की हत्या की साजिश रचना जारी रखा और 2019 में जाकर इसे अंजाम दिया गया।

18 अक्टूबर 2019, घटना के दिन रोज की तरह कमलेश तिवारी पार्टी मुख्यालय पहुँचे थे। इसी दौरान भगवा वस्त्र में दो साजिशकर्ता हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर नेता उनसे मिलने पहुँचे। बातचीत कर साथ में चाय पी और उसके बाद मिठाई के डिब्बे में छिपाकर लाए रिवॉल्वर व चाकू निकाल लिया। चाकू से ताबड़तोड़ 15 से ज्यादा वार उनके गले पर किए। इसके बाद वे गोली मारकर भाग निकले। कमलेश तिवारी को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। बाद में इन हत्यारों की सीसीटीवी फुटेज सामने आई तो सब सन्न रह गए।

पुलिस ने फुटेज के आधार पर अपनी छानबीन शुरू की तो आरोपित एक के बाद एक गिरफ्तार हुए। आज उस घटना को साढ़े चार साल बीच गए हैं। गिरफ्तारा आरोपितों पर कमलेश तिवारी को दिनदहाड़े गोली मारने या इस हत्या की साजिश रचने का या हत्यारों की मदद करने का इल्जाम है, लेकिन फिर भी उन्हें जमानत चाहिए। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आसिम को फिलहाल बेल देने से साफ मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक घृणा फैलाना और दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या करना गंभीर अपराध है इसलिए बेल किसी कीमत पर नहीं दी जा सकती।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -