Saturday, June 21, 2025
Homeदेश-समाज'प्वाइंट ब्लैंक रेंज' से गोली, पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टर भी दंग: PM रिपोर्ट से...

‘प्वाइंट ब्लैंक रेंज’ से गोली, पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टर भी दंग: PM रिपोर्ट से विकास दुबे की हैवानियत सामने

सीओ देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया था। डॉक्टरों के अनुसार, यही हाल अन्य पुलिसकर्मियों का भी हुआ होगा। ज्यादातर गोलियाँ शरीर के शरीर के आर-पार हो गई थीं।

कानपुर में विकास दुबे और उसके गुर्गों के साथ हुए एनकाउंटर में वीरगति को प्राप्त हुए 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब जब कानपुर में बिकरू गाँव के नरसंहार में बलिदान हुए पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, इसमें पता चला है कि दुर्दांत अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी बेरहमी से मारा था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि CO देवेंद्र मिश्रा समेत सभी पुलिसकर्मियों की हत्या करने के लिए धारधार हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया था। उनकी इतनी बेरहमी से हत्या की गई थी कि इन गुंडों का सिर्फ मारना ही नहीं बल्कि बदला लेने का मकसद दिखाई पड़ता है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, CO देवेंद्र मिश्रा को 4 गोली मारी गई थी, जिनमें से तीन उनके शरीर से आर-पार हो गई। 1 गोली उनके सिर में, एक छाती में और 2 पेट में लगी थी। इसके अलावा विकास दुबे और उसके साथियों ने सीओ देवेंद्र मिश्रा पर गोलीबारी करने के बाद उनके पैर को भी काट दिया था।

पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, सभी गोलियाँ ‘प्वाइंट ब्लैंक रेंज’ से मारी गईं। इसका अर्थ है कि काफी नजदीक से गोली चलाई गई थी। इसके अलावा 3 पुलिसकर्मियों के सिर पर और 1 के चेहरे पर गोली मारी गई। सभी 8 पुलिसकर्मियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ये साफ होता है कि बेहद बेरहमी से सभी की हत्या की गई।

सिपाही सुल्तान को दो गोलियाँ मारी गईं। अन्य पुलिसकर्मियों को आठ से दस गोलियाँ मारी गईं, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यहाँ तक कि पोर्टमॉर्टम करने के दौरान डॉक्टर भी शरीर पर गोलियों के निशान देखकर दंग रह गए।

पुलिसकर्मियों के सिर, चेहरे, हाथ, पैर, सीने और पेट में गोलियाँ दागी गईं। वहीं बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र के चेहरे पर एक गोली लगने से वाइटल ऑर्गन बाहर आ गया और उन्होंने तुरंत दम तोड़ दिया था।

डॉक्टरों के अनुसार, यही हाल अन्य पुलिसकर्मियों का भी हुआ होगा। ज्यादातर गोलियाँ शरीर के शरीर के आर-पार हो गई थीं। तीन पुलिसकर्मियों के शरीर में गोलियों के टुकड़े मिले जो हड्डियों से टकराने से कई टुकड़ों में बँट गए थे।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कानपुर पुलिस हत्याकांड में विकास दुबे और उसके साथियो ने रायफल से गोलीबारी की थी। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया के दौरान मिले गोलियों के टुकड़ों को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।

बता दें कि पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद एक एनकाउंटर में मार गिराया था। गौरतलब है कि गुरुवार को उज्जैन में पकड़े जाने के बाद यूपी पुलिस विकास दुबे को कानपुर लेकर आ रही थी।

इस दौरान रास्ते में अचानक उत्तर प्रदेश एसटीएफ की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और विकास दुबे ने मौका देखकर भागने की कोशिश की। पुलिस ने इस दौरान उसे आत्मसमर्पण करने को कहा। मगर विकास दुबे ने पुलिस की बंदूक से उन पर गोली फायर कर दी। इसके बाद पुलिस को भी उसे रोकने के लिए जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आज जो छाँटते हैं मीडिया एथिक्स का ‘ज्ञान’, वही थे आपातकाल का ‘गोदी मीडिया’: इंदिरा गाँधी ने झुकने को कहा, वे खुद को बड़ा...

आपातकाल के दौरान मीडिया पर कड़ा नियंत्रण हुआ। स्वतंत्र पत्रकारिता दबा दी गई और बड़े मीडिया हाउस इंदिरा गाँधी के प्रचार का औज़ार बनकर रह गए।

भारत-हिंदू-यहूदी विरोधी जोहरान ममदानी बनना चाहता है न्यूयॉर्क का मेयर, जमकर डॉलर दे रहे इस्लामी कट्टरपंथी संगठन: मीरा नायर का बेटा ‘सोशलिज्म’ की आड़...

जोहरान का मकसद साफ है - वो उन ताकतों का साथ लेकर न्यूयॉर्क का मेयर बनना चाहता है, जो भारत और हिंदुओं के खिलाफ हैं।
- विज्ञापन -