कानपुर हिंसा केस में समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता निजाम कुरैशी की व्हॉट्सएप चैट लीक होने के बाद साफ हो गया है कि कैसे शहर में हिंदुओं के विरुद्ध प्लॉनिंग चल रही थी। निजाम कुरैशी ग्रुप की हिंदूफोबिक चैट में मुस्लिमों से अपील की जा रही थी कि वह हिंदुओं से सामान न खरीदें। मैसेज में कुछ हिंदू दुकानदारों के नाम थे जिन्हें खासतौर पर बॉयकॉट करने को कहा गया था। इस ग्रुप चैट के खुलासे के बाद ये भी पता चला है कि इस समूह से कुछ सपा विधायक और पार्टी के महानगर अध्यक्ष डॉ इमरान भी जुड़े थे।
बता दें कि जिस ग्रुप में हिंदुओं के विरुद्ध प्लॉनिंग चल रही थी उस ग्रुप का नाम ‘ टीम निजाम कुरैशी’ था। निजाम के तमाम समर्थक व कुछ सपा नेता इस ग्रुप का हिस्सा थे। निजाम खुद भी पहले पार्टी से जुड़ा था और एक समय में सपा का नगर सचिव चुना गया था। हालाँकि यतीमखाना बवाल में उसका नाम आने के बाद सपा नगर अध्यक्ष ने उसे पार्टी से निकाल दिया था। लेकिन तब तक वह मुस्लिम समुदाय में अपनी अच्छी पकड़ बना चुका था।
#KanpurRiotCrackdown#Kanpur violence accused, who is a former SP leader, #NizamQureshi's WhatsApp chats have been accessed.
— TIMES NOW (@TimesNow) June 8, 2022
'Qureshi & members wrote hateful posts'.
Amir Haque joins @RichaSharmaB & @anchoramitaw with more details. pic.twitter.com/usoixqMlat
उसकी ग्रुप चैट में साझा किए गए संदेश में मुस्लिमों से अपील की गई है कि वो लोग परेड चौराहे के आसपास जो भी खाने-पीने या घर में इस्तेमाल होनी वाली सामग्री है, उसे वह वहाँ (हिंदुओं) के लोगों से नहीं खरीदें। संदेश में कहा गया, “मुसलमान इनकी हर चीजों को बायकॉट करें। खासकर दयाराम स्वीट्स नमकीन हाउस, बंसीलाला जनरल स्टोर, गुप्ता जी घास वाले, गुप्ता जी कूलर वाले, सुमित फल वाला आदि दुकानों से माल नहीं खरीदें।”
इस चैट के वायरल होने के बाद खबर है कि सपा नेताओं ने इस ग्रुप को लीव कर दिया है। महानगर अध्यक्ष डॉ इमरान ने अपनी सफाई में कहा है कि वह ऐसी चीजों का समर्थन नहीं करते। उनके पास बहुत सारे व्हॉट्सएप ग्रुप हैं उनके लिए हर समूह को देख पाना संभव नहीं होता। ग्रुप से जुड़े होने का मतलब यह नहीं है कि वो उसमें शेयर सामग्री का समर्थन करते हैं। चैट का पता लगने के बाद इस ग्रुप को उन्होंने छोड़ दिया, यह जानकारी भी उन्होंने खुद दी।