उत्तर प्रदेश के कासगंज में शराब माफिया को पकड़ने गई पुलिस पर बेरहमी से हुए हमले और हत्याकांड के मामले में पुलिस ने नवाब नाम के एक आरोपित को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक पकड़ा गया आरोपित कांस्टेबल देवेंद्र सिंह की हत्या में शामिल था। बता दें, नवाब इस खौफनाक कांड के मुख्य आरोपित मोती सिंह का दाहिना हाथ है। जो फिलहाल फरार है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने गिरफ्तार आरोपित नवाब सिंह के निशानदेही पर हत्या और हमले में इस्तेमाल भाला और लाठी को भी बरामद किया है। साथ ही उससे वारदात में शामिल उसके फरार साथियों का पता लगाने की कोशिश भी कर रही हैं। वहीं हिस्ट्रीशीटर मोती धीमर पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम रखा है।
एसपी मनोज कुमार सोनकर ने बताया कि आरोपित नवाब सिंह की धर पकड़ मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर की गई। शराब माफिया मोती का दाहिना हाथ कहे जाने वाले नवाब ने अपने आका के कहने पर ही पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस अलग-अलग ठिकानों पर मोती को पकड़ने के लिए दबिश दे रही हैं।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार (9 फरवरी) की दोपहर दरोगा अशोक सिंह और कॉन्स्टेबल देवेंद्र अवैध शराब की भट्टी पर दबिश देने पहुँचे थे, जहाँ शराब माफियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस पर हमला बोल दिया था। पहले माफियाओं ने दोनों पुलिसकर्मियों को बंधक बनाकर पीटा। फिर उनकी वर्दी फाड़ कर उनसे उनके हथियार छीन लिए थे। इसके बाद दारोगा को रास्ते में फेंक दिया गया व सिपाही को अपने साथ लेकर चले गए थे।
जब किसी ग्रामीण ने रास्ते में बुरी तरह घायल पुलिसकर्मी को देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी। जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुँची और तत्काल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके बाद सब इंस्पेक्टर अर्धनग्न अवस्था में खून से लथपथ जंगल में मिले। पुलिस उन्हें भी जिला अस्पताल लेकर गई लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपितों के विरुद्ध रासुका लगाने के निर्देश दिया था और मृत सिपाही के परिवार को 50 लाख की मदद व एक नौकरी देने का ऐलान किया था। दूसरी ओर पुलिस ने कार्रवाई के दौरान मुठभेड़ में एक हत्यारोपित को मार गिराया था। एनकाउंटर में मारे गए शख्स की पहचान मोती धीमर के भाई एलकार के रूप में हुई थी।