Friday, November 22, 2024
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बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर केरल कोर्ट के फैसले से NCW भी हैरान: पीड़िता का साथ देने वाली नन ने कहा- हम लड़ेंगे, यह बाहुबल-धनबल की जीत

“केरल अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत के फैसले से स्तब्ध हूँ। पीड़ित नन को उच्च न्यायालय जाना चाहिए। न्याय की इस लड़ाई में NCW उसके साथ खड़ा है।”

केरल की एक अदालत ने शुक्रवार (14 जनवरी 2022) को बहुचर्चित नन रेप केस (Nun Rape Case) में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से पर हैरानी जताई जा रही है। मामले में 83 गवाह, 30 से अधिक सबूत और 2000 पन्नों की चार्जशीट के बावजूद बिशप बरी किए गए हैं।

सिस्टर अनुपमा समेत 4 नन ने इस मामले पर दुख जताया और कहा कि यह धनबल और बाहुबल की जीत है। उन्होंने हाई कोर्ट में भी अपील करने की बात कही। उन्होंने कहा, “हम अपनी लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता। अगर हमें मरना भी पड़े तो भी हम लड़ाई जारी रखेंगे। बिशप फ्रैंको के पास धनबल और बाहुबल दोनों है।” बता दें कि सिस्टर एल्फी, अनुपमा, जोसेफिन, नीना रोज और एंसेट ने पीड़ित नन का खुले तौर पर समर्थन किया था। ट्रायल कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर इन्होंने कहा है कि वे कॉन्वेंट के अंदर रह कर ही पीड़िता के लिए लड़ेंगी। 

गौरतलब है कि पीड़ित नन ने 28 जून 2018 को पुलिस में मामला दर्ज कराया था। इस मामले में बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 19 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था। अप्रैल 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालाँकि 40 दिनों के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। फ्रैंको ने FIR रद्द कराने के लिए केरल हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन दोनों कोर्ट ने मना कर दिया था। फ्रैंको मुल्लकल के खिलाफ स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने जाँच की थी। टीम ने कोर्ट में 80 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें 83 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। सबूत के तौर पर लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेडिकल रिपोर्ट जमा किए गए थे। 

इस हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को कोट्टायम की अतिरिक्त सत्र न्यायालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बिशप ने अपने ऊपर लगे आरोपों को मानगढ़ंत बताया था। नन यौन शोषण मामले में जाँच का नेतृत्व कर रहे कोट्टायम के एसपी हरिशंकर ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि आरोपित को सजा दी जाएगी। हमने जाँच को लेकर पहले ही बैठक करने का फैसला लिया था।” उन्होंने कहा कि यह फैसला स्वीकार्य नहीं है और इसके खिलाफ अपील की जानी चाहिए।

लोक अभियोजक जितेश जे. बाबू ने भी कहा है कि पीड़िता के बयान के बावजूद ऐसा फैसला आया। उन्होंने कहा, ‘‘इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’ सरकार की मँजूरी मिलने के बाद फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस फैसले पर हैरानी जताई और ट्वीट किया, “केरल अतिरिक्त जिला और सत्र अदालत के फैसले से स्तब्ध हूँ। पीड़ित नन को उच्च न्यायालय जाना चाहिए। न्याय की इस लड़ाई में NCW उसके साथ खड़ा है।”

मालूम हो कि बिशप आरोप था कि उसने 2014 और 2016 के बीच अपने कॉन्वेंट में एक नन के साथ 13 बार बलात्कार किया। उन पर नन को गलत तरीके से कैद करने, बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने का आरोप था। बिशप पर पैसा और राजनैतिक संपर्कों की वजह से बचे रहने का भी आरोप लग चुका है।

इस मामले से जुड़े घटनाक्रम इस प्रकार हैं:-

29 जून 2018: जालंधर सूबा के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ एक नन की शिकायत के आधार पर कुराविलंगड पुलिस ने मामला दर्ज किया। शिकायत के मुताबिक मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट में बिशप ने नन के साथ कई बार दुष्कर्म किया।

1 जुलाई, 2018: एर्नाकुलम आर्चडीओसीज़ में भक्तों की बिरादरी, आर्चडियोसेसन मूवमेंट फॉर ट्रांसपेरेंसी (AMT) के संयोजक जॉन जैकब ने कार्डिनल मार जॉर्ज अलंचेरी के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उन्होंने कार्डिनल पर नन के बलात्कार के आरोप के बारे में पुलिस को सूचित करने में विफल रहने का आरोप लगाया।

05 जुलाई, 2018: चांगनचेरी में प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट ने नन का बयान दर्ज किया। यह मामले में विशेष जाँच दल (SIT) द्वारा दिए गए अनुरोध के आधार पर कैमरे में किया जाता है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने जाँच में तेजी लाने की माँग की है।

12 जुलाई, 2018: जाँच दल ने कन्नूर जिले के परियाराम और पनाप्पुझा में मठों से आगंतुकों के रजिस्टर को जब्त कर लिया, जब यह पाया गया कि बिशप ने नन द्वारा बताए गए समय के दौरान कॉन्वेंट का दौरा किया था।

24 जुलाई, 2018: कई महिला संगठनों ने दिल्ली में वेटिकन के राजदूत गिआम्बतिस्ता डिक्वाट्रो के साथ एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि वह पोप को बिशप को उनके पद से बर्खास्त करने की सलाह दें।

25 जुलाई, 2018: नन के एक रिश्तेदार ने आरोप लगाया कि उन्हें एक दोस्त के जरिए केस वापस लेने का बड़ा ऑफर मिला है। कुछ दिनों के बाद, पादरी एक नन को बुलाता है जो पीड़ित नन के साथ खड़ी होती है और उसे शिकायत वापस लेने की सलाह देती है। कॉल मीडिया में उजागर हो गया है। पुलिस ने नन का बयान दर्ज किया।

30 जुलाई, 2018: कुराविलंगड पुलिस ने फोन करने वाले पादरी फादर जेम्स एर्थायिल के खिलाफ मामला दर्ज किया। सबूत जुटाने के लिए जाँच टीम दिल्ली पहुँची। उन्होंने उज्जैन के बिशप मार सेबेस्टियन वडक्कल का बयान दर्ज किया। उसी दिन कुराविलंगड एसआई का तबादला हो जाता है।

8 अगस्त 2018: जाँच दल बिशप मुलक्कल से पूछताछ करने जालंधर पहुँचा। वे सिस्टर रेजिना, मिशनरीज ऑफ जीसस की मदर जनरल, सिस्टर्स अमला और मारिया के बयान दर्ज करते हैं जो मिशन के कार्यालय में काम करते हैं।

13 अगस्त, 2018: बिशप का निजी सुरक्षा गार्ड मीडियाकर्मियों से भिड़ जाता है और कैमरों और अन्य उपकरणों को तोड़ देता है। वे मीडियाकर्मियों को बिशप के घर के अंदर बंद करने का भी प्रयास करते हैं। इसी दिन अदालत ने बिशप के खिलाफ आरोप तय किए।

30 अगस्त, 2018: संयुक्त ईसाई परिषद (JCC) ने बिशप मुलक्कल की गिरफ्तारी की माँग को लेकर कोच्चि में भूख हड़ताल शुरू की।

11 सितंबर, 2018: पीड़ित नन ने भारत में वेटिकन के राजदूत को पत्र लिखा। उसने अपने लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए वेटिकन के हस्तक्षेप की माँग की। बिशप ने पीड़िता पर आरोप लगाया कि उसे चर्च विरोधी लोगों द्वारा स्पॉन्सर किया गया था।

12 सितंबर, 2018: मिशनरीज ऑफ जीसस ने बिशप मुलक्कल की गिरफ्तारी की माँग को लेकर आंदोलन कर रही ननों के खिलाफ जाँच शुरू की। पीड़ित नन भी पूछताछ के तहत छह नन में से एक है।

17 सितंबर, 2018: बिशप मुलक्कल ने पोप को पत्र लिखा। उन्होंने पोप से अस्थायी रूप से कर्तव्यों से दूर रहने की अनुमति माँगी क्योंकि उन्हें मामले पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

19 सितंबर, 2018: जाँच दल ने फ्रैंको मुलक्कल से थ्रिप्पुनिथुरा में सात घंटे तक पूछताछ की। तीन दिन बाद पुलिस ने मुलक्कल को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

9 अप्रैल, 2019: जाँच अधिकारी वैकोम डीएसपी के सुभाष ने मामले में पाला में एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत किया।

5 अगस्त 2020: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल की आरोप मुक्त करने की याचिका बुधवार को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया।

7 जुलाई 2020: केरल हाई कोर्ट ने नन रेप मामले में आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया

7 अगस्त, 2020: बिशप मुलक्कल को दूसरी बार जमानत मिली। उनकी जमानत रद्द होने के बाद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था।

13 अगस्त 2020: कोट्टायम अदालत ने आरोपित बिशप के खिलाफ आरोप तय किए।

सितंबर 2020: अतिरिक्त सत्र न्यायालय, कोट्टायम में सुनवाई शुरू।

14 जनवरी, 2022: नन रेप मामले में कोर्ट ने आरोपित बिशप मुलक्कल को बरी कर दिया।

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