Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजकेरल में कोविड से हुई मौतों का छिपाया जा रहा असल डेटा, ज्यादातर जिलों...

केरल में कोविड से हुई मौतों का छिपाया जा रहा असल डेटा, ज्यादातर जिलों के आँकड़े से मिलान पर खुली राज्य सरकार की पोल

तिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय के आँकड़े कहते हैं कि यहाँ कोविड से हुई मौतें की गिनती अपेक्षाकृत सटीक है। वहाँ शुक्रवार तक कुल 2501 मौतें रिकॉर्ड की गई। लेकिन कोल्लम में 2306 संक्रमितों की मौत हुई जबकि आधिकारिक साइट पर ये डेटा केवल 710 का है।

कोरोना काल में मृत्यु के आँकड़ों को छिपाने का इल्जाम कई राज्य सरकारों पर लगा। ताजा मामले की बात करें तो केरल में ये अनियमितता पकड़ी गई है। वहाँ जिलों में दर्ज की गई मौत की गिनती राज्य सरकार द्वारा दर्शाई जा रही संख्या से बहुत ज्यादा अलग है। आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई जिलों से केवल आधी मौतों को काउंट किया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय के आँकड़े कहते हैं कि यहाँ कोविड से हुई मौतें की गिनती अपेक्षाकृत सटीक है। वहाँ शुक्रवार तक कुल 2501 मौतें रिकॉर्ड की गई। लेकिन कोल्लम में 2306 संक्रमितों की मौत हुई जबकि आधिकारिक साइट पर ये डेटा केवल 710 का है। 

इसी तरह एर्नाकुलम में 2250 मौतें हुईं लेकिन ऑफिशियल आँकड़ा सिर्फ 1160 बताता है। इडुक्की में 588 मौत हुई और सरकार के हिसाब से वहाँ केवल 125 लोगों ने अपनी जान गवाई। पठनमिट्ठा में 482 मरे और रिकॉर्ड सिर्फ 355 को किया गया। कोटय्यम में भी लगभग मृत्यु की संख्या 1000 है और सरकार इसे सिर्फ 508 दिखा रही है। मलप्पुरम में 1046 मौत हुई और प्रशासन ने उन्हें 883 दिखाया।

कोजिकोड़े में असल संख्या 2,096 मानी जा रही है लेकिन सरकार सिर्फ 919 की पुष्टि कर रही है। कसारगोड़ में 500 के आसपास मरीजों की कोरोना से डेथ हुई जबकि आँकड़ों में ये डेथ रेट 191 है।

बता दें कि मौत के आँकड़ों में इतनी विसंगति का खुलासा होने के बाद इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव से स्पष्टीकरण माँगा। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी इन विसंगतियों को दूर करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कोई मामले में मृत्यु दर (सीएफआर) की जाँच करता है, तो यह स्पष्ट है कि आधिकारिक मृत्यु दर में विसंगतियाँ हैं। तिरुवनंतपुरम में, जहाँ रिपोर्ट की गई मौतें अपेक्षाकृत सटीक मिली और सीएफआर 0.88% है। वहीं सबसे अधिक कोविड संक्रमित जिलों में से एक मलप्पुरम में सीएफआर केवल 0.28% दिखाया। यह राज्य के औसत 0.42 प्रतिशत से भी कम है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -