Sunday, April 28, 2024
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केरल के ‘ओरल सेक्स’ वाले प्रोफेसर इफ्तिखार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल: पढ़ाता था – मुख मैथुन मतलब कम्युनिकेशन, चौड़ी ललाट वाली लड़कियाँ कामातुर

केरल पुलिस ने केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें पुलिस ने बताया है कि इफ्तिखार अहमद छात्राओं का यौन उत्पीड़न करता था।

केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्राओं को कविता और साहित्य के नाम पर ‘ओरल सेक्स’ को बेस्ट बताने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। केरल पुलिस ने छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में बेकल पुलिस ने कान्हागंज की अदालत में चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आईपीसी की धारा 354 के तहत चार्जशीट अदालत को सौंपी गई।

ये चार्जशीट 13 नवंबर वाले मामले में दाखिल की गई, जब परीक्षा के दौरान एक छात्रा बेहोश हो गई थी। उस छात्रा को उठाने के बहाने इफ्तिखार अहमद ने उसकी छाती व अन्य अंगों को अनुचित तरीके से छुआ। लेकिन इस मामले में केरल सेंट्रल वूनिवर्सिटी की आंतरिक टीम ने जाँच की खानापूर्ति की और आरोपित इफ्तिखार अहमद को आरोपों से बरी कर दिया। इस दौरान इफ्तिखान अहमद के खिलाफ क्लास की सभी छात्राओं ने उत्पीड़न के आरोप लगाए और कहा कि क्लासरूम में कविता और साहित्य के नाम पर इफ्तिखार अहमद घटिया बाते करता है।

इफ्तिखार अहमद पर 34 छात्राओं ने आरोप लगाए थे। इसके बावजूद आंतरित जाँच समिति ने आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बाद चार छात्राओं के परिजनों ने पुलिस में शिकायत की। जानकारी के मुताबिक, 23 नवंबर को असिस्टेंट प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित कर दिया, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दी। लेकिन जब चार छात्राओं के परिजनों ने कलेक्टर से शिकायत की, तो कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को सूचना दी, जब जाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।

पुलिस ने इस मामले में इफ्तिखार अहमद के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए(1) और आईपीसी की धारा 509 के तहत मामला दर्ज किया। हालाँकि पुलिस ने सभी छात्राओं के आरोपों को खारिज करते हुए सिर्फ एक छात्रा के यौन उत्पीड़न का ही मामला पाया। बता दें कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की जाँच समिति आईसीसी ने इफ्तिखार अहमद को यौन उत्पीड़न की जगह सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया, इसके बाद 23 फरवरी को कुलपति ही उसका निलंबन रद्द कर दिया गया था। इसके बाद पूरे यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके 6 दिन बाद 29 फरवरी को कुलपति ने इफ्तिखार अहमद को फिर से निलंबित कर दिया। इस बार इफ्तिखार अहमद की जमानत की शर्तों को लेकर पेंच था।

छात्राओं के आरोप

छात्राओं ने ये आरोप लगाया कि इफ्तिखार अमहद कविता और साहित्य के नाम पर सेक्स, सेक्सुअल प्लेजर और चरम आनंद की बात करते हैं। अहमद क्लास के लिए डिजाइन अपने कोर्स में महिलाओं को सेक्स की वस्तु कहते हैं। ऐसी ही एक कक्षा में अहमद ने कहा था, “ओरल सेक्स (मुख मैथुन) कम्युनिकेशन का सबसे बेहतरीन माध्यम है।” क्लास में ऐसा ही एक अश्लील उदाहरण देते हुए अहमद ने कहा था, क्या तुम लोग जानती हो कि बस पर सबसे खुश बस कंडक्टर क्यों होता है? क्योंकि, वह बहुत से लोगों (महिलाओं) में टच करता है।”

अहमद ने तो क्लास की एक छात्रा को लेकर ही अश्लील टिप्पणी कर दी। अहमद ने क्लास की एक छात्रा से कहा, क्या तुम मुझे अपने पूरे शरीर को चाटने दोगी, जैसा कि ‘जर्मन संभ्रांत वर्ग’ में प्रचलित था। उन्होंने चौड़ी ललाट वाली लड़कियों को क्लास में घूरते हुए कहा कि मध्यकालीन इंग्लैंड में चौड़ी ललाट वाली महिलाओं को काम-वासना से परिपूर्ण महिला माना जाता था।

इसी तरह ‘To His Coy Mistress’ कविता की चर्चा करते हुए अहमद ने कविता के संदर्भ हटकर बताया कि योनि प्रवेश (Penetration) कैसे किया गया है। इस दौरान अहमद ने छात्राओं की देखकर शारीरिक रूप से अश्लील संकेत भी किया। अहमद ने पढ़ाने को सेक्स करने की तरह बताया और कहा कि इसमें बोरियत से बचने के लिए पोजिशन बदलते रहने और अलग-अलग तकनीक अजमाने की जरूरत होती है।

एक छात्रा की ओर इशारा करते हुए अहमद ने यौन प्रलोभन और उन्माद को लेकर कहा कि वह दो साड़ी देकर उस लड़की को अपने कमरे में बुलाए और वह आने के लिए तैयार भी हो गई, लेकिन इसके बदले उसने तीन साड़ी की माँग की। अहमद ने कविता के जूनून को महिलाओं के अंडरवियर सूंघने की दीवानगी से की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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