लखीमपुर के एडीएम कार्यालय के अधिकारी साजिद हुसैन की एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई है। इस वीडियो में वो एक हिंदू युवक पर धर्मांतरण का दबाव बना रहे हैं। तरुण गुप्ता नाम के युवक ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया कि घटना तब की है जब वो मुस्लिम महिला से स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी रजिस्टर करने के लिए गए थे और साजिद ने उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए कहा था।
22 जनवरी 2022 को अपना मैरिज सर्टिफिकेट हासिल होने के बाद तरुण गुप्ता ने ये वीडियो ट्विटर पर शेयर की। इस वीडियो में सुन सकते हैं कि साजिद तरुण को बोल रहे हैं कि उन्हें मुस्लिम महिला से अगर शादी करनी है तो सबसे पहले उन्हें धर्म परिवर्तन करना होगा।
Sajid Hussain: Number 1 aap inka dharam parivartan karvaiye (Tarun Gupta ka)
— Tarun Gupta (@TarunGupta_) January 29, 2022
Tarun Gupta: Nahi Karwaiyenge…
See full video@narendramodi @myogiadityanath @AwasthiAwanishK @UPGovt pic.twitter.com/081b9Mp3eM
वीडियो में सुनाई दे रही आवाज के अनुसार बातचीत के अंश इस प्रकार हैं:
साजिद: “नंबर-1 तो इनका धर्म परिवर्तन कराइए।”
तरुण: “नहीं करवाएँगे सर।”
साजिद: “फिर शादी कैसे करेंगे?”
तरुण: “स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 से।”
साजिद: “…आप जाकर के मंदिर में शादी कर लीजिए। रजिस्ट्रार के यहाँ जाकर रजिस्ट्रेशन कराइए।”
तरुण आगे कहते हैं कि वो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करना चाहते हैं। उन्हें इसका अधिकार है। इस पर साजिद कहते हैं कि वो देख रहे हैं कि उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत करनी है। लेकिन क्या उन्हें लॉ एंड ऑर्डर के बारे में कुछ पता है। इसी बात पर तरुण आवाज तेज करके कहते हैं कि उन्हें लॉ एंड ऑर्डर के अनुसार ही ये अधिकार है कि वो किसी से भी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करें।
इसके बाद साजिद लड़की के माता-पिता की रजामंदी पर सवाल खड़े करने लगते हैं जिसके बाद युवक ये भी बताता है कि दोनों के परिजन शादी के लिए राजी है और लड़की का भाई बाहर खड़ा है। सब लोग जल्दी आ जाएँगे। इसके बाद भी अधिकारी की ओर से ना नुकुर देख तरुण सवाल करते हैं कि जब वो रहते यहाँ हैं, उनका पता यहाँ का है, तो उनकी शादी यहाँ नहीं होगी तो फिर देश में कहाँ जाकर उनकी शादी होगी। उन्होंने कहा कि न वो चाहते हैं कि अपना धर्म बदलें और न ही अपनी होने वाली बीवी का वो धर्म बदलवाना चाहते हैं।
तरुण गुप्ता की ‘धर्मांतरण दबाव और साजिद हुसैन पर’ ऑपइंडिया से बातचीत
बता दें कि तरुण के साथ घटित घटना के बाद ऑपइंडिया ने उन्हें संपर्क किया और सारा मामला जानने का प्रयास किया। तरुण ने बताया कि उनके ऊपर ये दबाव अक्टूबर 2021 से ही था। तारीख उन्हें सही से याद नहीं है, लेकिन सबसे पहले 7-8 अक्टूबर को गुप्ता ने अधिकारी को नोटिस दिया था जो कि स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के लिए जरूरी होता है।
23 वर्षीय तरुण का कहना है कि वो लंबे समय से अपनी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर कराना चाहते थे। लेकिन साजिद उन्हें प्रताड़ित करता था और नोटिस पीरियड भी जारी नहीं करता था। तरुण बताते हैं कि साजिद के अनुसार, एक गैर मुसलमान से शादी करने पर उसे इस्लाम में परिवर्तित करना जरूरी है इसलिए वह उस पर धर्मांतरण का दबाव बनाते थे। मगर, जब साजिद को पक्का हो गया कि तरुण अपने धर्म को नहीं छोड़ने वाले तो उन्होंने कहा कि तरुण की बीवी हिंदू धर्म अपना लें।
लंबे समय तक अधिकारी द्वारा प्रताड़ित होने के बाद 19 दिसंबर 2021 को तरुण ने एक वीडियो बनाई। इस वीडियो में उन्होंने उन सभी सवालों को रिकॉर्ड किया जो उनसे लंबे समय से पूछे जा रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून है कि कोई जबरन धर्मांतरण नहीं कर सकता। अगर उन्होंने इस्लाम कबूला तो यूपी पुलिस उन्हें जेल में डाल देगी। इस वीडियो को उच्चाधिकारियों को दिखाने के बाद शादी को मंजूरी मिली और मैरिज सर्टिफिकेट उन्हें मिल पाया।
हालाँकि तरुण की शिकायत है कि इस संबंध में साजिद हुसैन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। युवक के अनुसार, उच्च अधिकारियों ने वीडियो देखने के बाद साजिद को धमकाया था कि अगर साजिद मैरिज सर्टिफिकेट नहीं देते हैं तो उन्हें सस्पेंड किया जाएगा। तरुण ने जानकारी दी कि अक्टूबर से दिसंबर तक के बीच में कई घटनाएँ घटीं जिन्हें वे रिकॉर्ड नहीं कर सके। वे कहते हैं कि जबसे उन्होंने ये वीडियो रिकॉर्ड की उसके बाद उन्हें ऑफिस में मोबाइल लेकर घुसने से मना कर दिया गया। ये उनकी किस्मत थी कि उनके पास एक सबूत था वरना वो अपनी प्रताड़ना का सबूत नहीं दे पाते।
तरुण ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया क्योंकि उन्हें लगा कि जो उनके साथ किया गया वो अन्य लोगों के साथ भी उनके मजहब के हिसाब से होता होगा। वह कहते हैं कि साजिश हुसैन के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि वह कानूनी रूप से किसी को भी अपने धर्म को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए नहीं कह सकते। विशेष विवाह अधिनियम अंतरधार्मिक जोड़ों को अपने विश्वास को बनाए रखने का अधिकार देता है। मालूम हो कि तरुण और उनकी बीवी के विवाह प्रमाण पत्र से ये पता चलता है कि हकीकत में उनकी शादी के लिए दोनों के परिजन ही गवाह के तौर पर पेश हुए थे और शादी दोनों पक्षों की सहमति से हुई थी।