लता मंगेशकर अब हमारे बीच नहीं रहीं। वो सिर्फ देश की बेटी नहीं थीं, भारत-रत्न भी थीं। 2 दिन का राष्ट्रीय शोक भी घोषित किया जा चुका है। उनकी याद में देश शोक में डूबा है… सिवाय कुछ ऐसे लोगों के, जिनकी मानसिकता बेहद जहरीली है। ऐसे लोग हँस रहे हैं, खुशियाँ मना रहे हैं।
Just because Lata ji was a Nationalist and close to PM Modi ji pic.twitter.com/PAJckglo21
— Naweed (@Spoof_Junkey) February 6, 2022
लता मंगेशकर का नजरिया राष्ट्रवादी रहा था और उन्होंने कभी इसे छिपाया भी नहीं। पीएम मोदी उनके चहेते नेता थे, यह भी समय-समय पर सबको बताया। बस यही वजह है कि उनके निधन पर जहरीले लोग हँस रहे हैं, सोशल मीडिया पर ‘हाहा’ रिएक्शन दे रहे।
Lata Mangeshkar was a sanghi. Khandani one at that, her family had ties with savarkar's. Also her voice was the equivalent of pressure cooker whistle. Pls save the RIP stuff.
— Shivangi 🏳️🌈 (@sheevaangii) February 6, 2022
Also she has gone on record saying that Savarkar- a man who advocated for rape as a political tool against minorities- was a true patriot.
— Shivangi 🏳️🌈 (@sheevaangii) February 6, 2022
Woman was vile.
Lata Mangeshkar "pita saman savarkar" 🤡. pic.twitter.com/x3YGjgNp19
— Umar II (@khaana_sona) February 6, 2022
बॉलीवुड में काम करने के बावजूद वीर सावरकर को लेकर लता मंगेशकर ने हमेशा खुल कर अपनी बात रखी। अब उनके निधन पर इसे लेकर भी जहर उगला जा रहा है। वीर सावरकर को लता मंगेशकर पिता समान मानती थीं और सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक में यह बात दम-खम के साथ स्वीकारती भी थीं।
Before posting your “RIP Lata Mangeshkar” posts, note that she ardently supported the RSS – a fascist hate group that took inspiration from Nazism & is the main culprit behind the oppression of minorities in India today. Yes, she had a beautiful voice but she supported fascism. https://t.co/wUMJl39OHG pic.twitter.com/PaQEsNUUmp
— Manveer Singh (@manveerssihota) February 6, 2022
Lata was a life long supporter of fascist RSS and had a close family tie with Savarkar .. just thought today would be a good day for this trivia!
— Abz (@AbzzLive) February 6, 2022
https://t.co/RKTgoiSZUB
Lata Mangeshkar didn't use her influence to speak against Hindutva fascism but lent it credibility by endorsing Savarkar. Nothing for me to mourn here.
— Nobody नास्ति ناچیز (he/him/his, they/them/theirs) (@N0cheese) February 6, 2022
लता मंगेशकर ने अपने राष्ट्रवादी नजरिए को लेकर हमेशा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का साथ दिया। आरएसएस की कार्यशैली से वो सदैव अपने आप को जोड़ती थीं। सरसंघचालक के साथ उनकी तस्वीरें भी मीडिया में आती थीं। अब इन्हीं चीजों को लेकर उनके निधन पर जहरीले लोग ‘ऊँ शांति’ या RIP जैसी श्रद्धांजलि देने से लोगों को बचने की सलाह दे रहे हैं।
लता मंगेशकर देश की सम्मान थीं। उन्हें अपने निधन पर चंद जयचंदों से श्रद्धांजलि की जरूरत नहीं। ऐसे जयचंद सोशल मीडिया पर रोते रहें, चिल्लाते रहें… इनके कुनबे के चंद लोगों के सिवाय इनकी कोई सुनता भी नहीं। बस इनकी पहचान जरूरी है, ताकि हम सावधान रहें।