Saturday, April 20, 2024
Homeदेश-समाज'हिंदुओं यहाँ से भागो, हमारे बीच में रह रहे हो और हमसे ही मुँहजोरी...

‘हिंदुओं यहाँ से भागो, हमारे बीच में रह रहे हो और हमसे ही मुँहजोरी दिखा रहे हो?’

बता दें इस मामले में पहली एफआईआर हमले की रात ही दर्ज हुई थी। जिसमें दानिश के साथ उसके पिता सफायत नबी, उसके दो भाई मोहसिन, छोटू और 2 कज़न अकरम और इरफान का नाम शामिल था।

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के दिलारी से खबर आई थी कि वहाँ एक 54 वर्षीय व्यक्ति गंगाराम की मुस्लिम भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, क्योंकि उसने अपनी बेटी के अपहरण की शिक़ायत पुलिस से की थी। इस मामले में पहले गंगाराम ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप दूसरे समुदाय के पड़ोसी पर लगाया था, लेकिन बाद में पता चला, कि नदीम नाम के व्यक्ति द्वारा बच्ची का अपहरण किया गया है।

हालाँकि यह मामला 19 जून का है लेकिन मामले पर स्वराज्य पत्रिका की सीनियर पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा द्वारा कवर की गई ग्राउंड रिपोर्ट ने कुछ नए खुलासे किए हैं, जो बेहद चौंकाने वाले हैं। शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक लड़की का इस घटना से 2 महीने पहले भी अपहरण हुआ था, जो कि उसके पड़ोसी 25 वर्षीय दानिश द्वारा किया गया था। दानिश बच्ची को घर से 700 किलोमीटर दूर राजस्थान ले गया था।

गंगाराम के बेटे दीपक के मुताबिक उस समय परिवार ने पुलिस की जगह पड़ोस के गाँव पीपली उमरपुर से मदद की गुहार लगाई थी क्योंकि वह लोग अपने गाँव के प्रधान अब्दुल रहमान के पास जाने तक से डर रहे थे। उन्हें डर था कि प्रधान उनकी न सुनकर, आरोपितों की तरफदारी करेंगे। दीपक ने बताया कि उनका गाँव मुस्लिम बहुल गाँव है। जहाँ 100 मुस्लिम परिवारों में सिर्फ़ 2 हिन्दू घर हैं। ऐसे में उनकी सुनवाई होना मुश्किल था।

इस घटना के बाद 18 जून को नाबालिग लड़की फिर घर से गायब हो गई। पिछली घटना के आधार पर गंगाराम ने दानिश को दोषी समझा और समाज की परवाह न करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पहुँचे, जहाँ मामले पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने की जगह पुलिस ने गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव दिखाया।

इस बीच जैसे ही दानिश के परिवार को शिकायत के बारे में पता चला वह लोग जबरन गंगाराम के घर में घुस आए और उन्हें तब तक मारा जब तक वह होश नहीं गवा बैठे। रिपोर्ट के मुताबिक गंगाराम की पत्नी सविता ने दावा किया कि हमलावरों ने कहा था,“तुम लोग हमारे बीच रहते हो, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमारे ख़िलाफ़ खड़े होने की।” सविता ने दावा किया कि गंगाराम को मारने के लिए 6 आदमी और 2 महिलाएँ आईं थीं। उनके पास लाठियाँ थी और कसाई वाला चाकू था।

वह लोग उनके घर में गाली देते हुए घुसे और सविता के सिर पर मारा, फिर उन्होंने चौहान को बहुत तेज छाती पर घूँसा मारा और उन्हें कई बार उठा-उठाकर ज़मीन पर पटका। गंगाराम के होश गंवाने तक उन्हें पीटा गया और फिर वे लोग उन्हें छोड़कर चले गए। सविता के अनुसार उनके पति को देखकर ऐसा लग रहा था कि उनकी मृत्यु हो गई है।

वहीं, चौहान के छोटे बेटे दीपक के मुताबिक हमलावर कह रहे थे, “हमारे बीच में रह रहे हो और हमसे ही मुँहजोरी दिखा रहे हो? हिंदुओं यहाँ से भागो।” इस भीड़ में दानिश का पिता सफायत नबी भी शामिल था, जो बार-बार दोहरा रहा था कि वह उनकी बेटी को उनकी आँखों के सामने उठाकर अपने घर ले जाएँगे और वह कुछ नहीं कर पाएँगे।

इतना ही नहीं सविता के अनुसार दानिश की अम्मी अमीना ने जान बूझकर खुद अपना हाथ काटा ताकि वह पुलिस के पास जाकर मामला दर्ज करवा सके कि उन्होंने (गंगाराम के परिवार वालों) उसपर हमला किया है। दीपक के अनुसार हमलावर बार बार गंगाराम से कह रहे थे कि न तू रहेगा न लड़की ढूंढेगा।

रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी गाँव पीपली उमरपुर में रहने वाले चौहान के भाई हरस्वरूप ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस हमले की खबर मिली, वह तुरंत अपने भाई के घर पहुँचे और उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। स्वास्थ्य केंद्र से उन्हें मुरादाबाद भेजा गया, लेकिन कॉसमॉस अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परिवार ने जब मामला दर्ज किया तो उनके पास पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट भी नहीं थी।

बता दें इस मामले में पहली एफआईआर हमले की रात ही दर्ज हुई थी। जिसमें दानिश के साथ उसके पिता सफायत नबी, उसके दो भाई मोहसिन, छोटू और 2 कज़न अकरम और इरफान का नाम शामिल था। इस प्राथमिकी में दर्ज था कि 6 लोग चौहान के घर में 8 बजे के करीब घुसे और उनसे मारपीट की, लेकिन उसमें यह नहीें था कि उन लोगों ने चौहान की बेटी को अगवा किया और शिकायत करने पर हमला किया।

इस एफआईआर में धारा 302, 147 और 452 के तहत मामला दर्ज है लेकिन इस प्राथमिकी में किसी महिला आरोपित का नाम नहीं शामिल किया गया और न ही धर्म के नाम पर फैलाई घृणा से जुड़े मामले को जोड़ा गया। इस लापरवाही के कारण दिलारी के एसएचओ दीपक कुमार को सस्पेंड भी कर दिया गया है।

एसएचओ के निलंबन पर मुरादाबाद जिले के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि मामले में जिम्मेदारियों को सही ढंग से न निभाने के कारण उन्हें निलंबित किया गया है। जैसे एसएचओ ने परिवार की शिकायत को न रात में दर्ज किया और न ही 19 जून की सुबह, उन्होंने बच्ची को ढूँढने के लिए तत्परता नहीं दिखाई और न ही मामले के ‘हिंदू-मुस्लिम’ एंगल होने की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को दीं।

एसएसपी के मुताबिक उनकी आगे की जाँच अभी जारी है ताकि 2 महीने पहले हुए अपहरण मामले में दिलारी पुलिस की लापरवाही की जाँच हो सके।

बता दें इस मामले में 21 जून को लड़की का पता लगा लिया गया है। लड़की के चचेरे भाई संदीप ठाकुर का कहना है कि जब वह आश्रय गृह में उससे मिली तो उसने स्वीकारा कि वह नदीम के साथ भाग गई थी, जो कि दानिश का चचेरा भाई था। संदीप ने बताया कि लड़की के मुताबिक यह सब दानिश का प्लान था, लेकिन अपने पिता की हत्या के बाद वह नदीम के साथ नहीं रहना चाहती है और साथ ही उसने पिता के हत्यारों के लिए सख्त से सख्त सजा की भी माँग की।

दिलारी थाना के दरोगा विजेंद्र सिंह राठी ने बताया है कि इस मामले में दानिश सहित चार लोगों पर धारा 363 और 366 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और लड़की की मेडिकल रिपोर्ट आनी भी अभी बाकी है।

इस घटना के बाद चौहान का परिवार हरस्वरूप के घर जाकर रहने लगा है क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर डर है। वह अपना अलियाबाद गाँव स्थित घर बेचने की भी सोच रहे हैं। जिसके लिए उनका कहना है कि उन्हें कोई हिंदू घर नहीं मिलेगा, उन्हें अपने घर को किसी दूसरे मजहब वाले को ही बेचना होगा, जो उनकी जरूरतों को देखते हुए उनकी मदद करे।

बता दें कि पीपली के प्रधान ने चौहान के परिवार को आश्वासन दिया है कि वह उनके गाँव में सुरक्षित है क्योंकि पीपली हिंदुओं का गाँव है, जहाँ उनके समुदाय के लोग उनकी मदद करेंगे। वहीं स्वाति के मुताबिक जब वह आलियाबाद पहुँची तो वहाँ उनसे कोई बात करने को तैयार नहीं हुआ। मोहम्मद इबरार नाम के शख्स ने सिर्फ़ इतना बताया कि जिस दिन यह घटना हुई उस वक्त वह अपने घर नहीं था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe