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Sunday, April 13, 2025
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‘दंगा होने दे, हम तैयार हैं’, भेल की रेहड़ी लगाने वाले नीलेश को ग्राहक अकील सुन्नाभाई ने दी धमकी: महाराष्ट्र के श्रीरामपुर की घटना

आरोपित सुन्नाभाई ने उसके साथ गाली-गलौज और धमकी दी। मामले में कार्रवाई करते हुए अकील सुन्नाभाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ भेल बेच रहे एक रेहड़ी वाले से मुस्लिम ग्राहक ने भेल लिया और पिर उससे रद्दी कागज माँगा। लेकिन, जब कागज नहीं मिला तो उसने उसे धमकी दी कि दंगा होने दे, हम तैयार हैं।

यह मामला बुधवार (20 अप्रैल 2022) का है। रात के करीब 10 बज रहे थे तो श्रीरामपुर के गोंधवानी रोड पर नितिन शिवाजी लम्बोले नाम के एक भेल विक्रेता अपना स्टॉल चला रहे थे। उस दौरान आरोपित सुन्नाभाई ने उसके साथ गाली-गलौज और धमकी दी। मामले में कार्रवाई करते हुए अकील सुन्नाभाई के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

देशदूत की रिपोर्ट के मुताबिक, अकील सुन्नाभाई के खिलाफ श्रीरामपुर नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। इस शिकायत में श्रीरामपुर में झिरंग बस्ती के पास गोंधवानी रोड के रहने वाले नितिन शिवाजी लम्बोले ने पुलिस को बताया है कि आरोपित सुन्नाभाई अपनी बीवी के लिए भेल खरीदने के लिए हमारे स्टाल पर आय़ा था। उस दिन लम्बोले का बड़ा भाई नीलेश लम्बोले भेल की रेहड़ी पर था। आरोप है कि भेल खरीदने के बाद अकील सुन्नाभाई ने नीलेश से 2 किलो रद्दी कागज भी माँगा। लेकिन, जब नीलेश ने कहा कि ये उसके पास नहीं है तो नाराज आरोपित अकील सुन्नाभाई ने लम्बोले को गाली देते हुए कहा कि होने दे दंगा, हम तैयार हैं।

पुलिस अधिकारी ने किया दौरा

इस मामले में नितिन लम्बोले द्वारा श्रीरामपुर शहरी थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस निरीक्षक मच्छिंद्र खाड़े ने घटनास्थल का दौरान किया। पुलिस ने इस केस में श्रीरामपुर के वार्ड नंबर 2 के अंतर्गत गुलशन चौक निवासी 55 वर्षीय आरोपित अकील सुन्नाभाई के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504, 506 के तहत असंज्ञेय केस दर्ज कर लिया है।

गौरतलब है कि इस घटना की टाइमिंग बड़ी अहम है। क्योंकि देश के कई हिस्सों में हाल ही में हिंदू धार्मिक जुलूसों के दौरान पथराव की घटनाओं के बाद संप्रदायिक हिंस्सा हुई। देश की राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई अन्य स्थानों पर रामनवमी और हनुमान जयंती के जुलूसों में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हमले किए। खास बात ये रही कि पथराव की इन घटनाओं के बाद कुछ मुस्लिम नेता ऐसे ही रहे, जो इसे सही ठहराते नजर आए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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