उत्तर प्रदेश के लखनऊ से अल्पसंख्यक विभाग में तैनात एक अंडर सेक्रेटरी द्वारा एड हॉक महिला कर्मचारी का यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। आरोपित इच्छाराम यादव महिला को नौकरी से निकलवाने की धमकी देकर महिला के साथ जबरदस्ती कर रहा था। उसकी इस घिनौनी हरकत का वीडियो वायरल होने के बाद अब पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपित व्यक्ति 30 साल की शादीशुदा पीड़िता को जबरन चूमने की कोशिश करता है। इसके अलावा वह उसके स्तन को दबाने की कोशिश करता है। वहीं महिला खुद को उससे बचाने की भरपूर कोशिश कर रही है। एक अन्य वीडियो में आरोपित महिला का हाथ पकड़कर अश्लील हरकतें भी कर रहा होता है।
The first part of the earlier video. The victim made every attempt to save herself. She broke down as one can see in the video.
— Arvind Chauhan (@Arv_Ind_Chauhan) November 10, 2021
Hopefully strong action will be taken.#Lucknow pic.twitter.com/5jeYKmOo8O
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपित इच्छाराम यादव उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी देकर लंबे समय से उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। पीड़िता ने 29 अक्टूबर को आरोपित के खिलाफ लखनऊ के हुसैनगंज थाने में केस दर्ज करवाया था। हालाँकि, जब आरोपित के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने वीडियो को वायरल कर दिया। फिलहाल आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
हैवान सचिवालय अफ़सर इच्छाराम यादव गिरफ्तार कर लिया गया गया है, “माकूल इलाज“ लगातार जारी है। pic.twitter.com/lzAyEUU3Fi
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) November 11, 2021
आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 506 और 294 के तहत मामला दर्ज किया गया है। बहरहाल इस मामले में हुसैनगंज थाने के इस्पेक्टर अजय कुमार सिंह के मुताबिक, पीड़िता की शिकायत पर अल्पसंख्यक विभाग में तैनात अंडर सेक्रेटरी इच्छाराम यादव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि आरोपित का ‘माकूल इलाज’ किया जा रहा है ।
The 30-year-old married #Lucknow woman in her FIR alleged that Iccharam Yadav asked her to come inside bathroom and enjoy with him.
— Arvind Chauhan (@Arv_Ind_Chauhan) November 10, 2021
This is so blood boiling. pic.twitter.com/egJV7Qu0tt
पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वो पहुँची ही नहीं। इसके अलावा पीड़िता ने एफआईआर में अपना एड्रेस नहीं लिखा है, जिससे अब उसके ऑफिस में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है।