देश में बढ़ रहे इस्लामी कट्टरवाद पर लगाम लगाने के लिए मध्य प्रदेश की पुलिस चौकस नजर रखे हुए है। कट्टरपंथ और उग्रवाद पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जीरो-टॉलरेंस की नीति है। इसी के तहत मध्य प्रदेश पुलिस की आतंक निरोधी दस्ते (ATS) ने हिज्ब उत् तहरीर (HuT: Hizb-Ut-Tahrir) नाम के इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
हिज्ब उत् तहरीर नाम का संगठन तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश ATS ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार (10 मई 2023) को भोपाल के शाहजहाँनाबाद, ऐशबाग, लालघाटी और पिपलानी में रेड मार कर इसके 10 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं छिंदवाड़ा से 1 और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से 5 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथियों के पास से तकनीकी उपकरण, देश विरोधी दस्तावेज, कट्टरपंथी साहित्य एवं अन्य सामग्री बरामद की गई हैं। मध्य प्रदेश पुलिस ने आरोपितों पर UAPA सहित भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। ATS उनसे आगे की पूछताछ कर रही है।
कट्टरपंथियों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर से टीचर तक शामिल
HuT के कट्टरपंथी अपने कामों को अंजाम देने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करते थे। वे रेकी करने के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में कंप्यूटर इंजीनियर, टेक्नीशियन, टीचर, व्यवासायी, जिम ट्रेनर, कोचिंग सेंटर संचालक, ऑटो ड्राइवर, दर्जी आदि शामिल हैं। ये सभी आम लोगों के बीच रहते हुए और अपना काम करते हुए कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।
भोपाल के शाहजहाँनाबाद से गिरफ्तार किया गया 29 साल का यासिर खान जिम ट्रेनर है। शहीद नगर से गिरफ्तार 32 साल का सैयद सामी रिजवी कोचिंग में टीचर है। जवाहर कॉलोनी ऐशबाग से गिरफ्तार शाहरूख दर्जी है, जबकि उसी इलाके से गिरफ्तार 29 साल का मिस्बाहुल हक मजदूरी करता है। ऐशबाग का ही शाहिद ऑटो चलाता है।
भोपाल के ही ऐशबाग का रहने वाला सैयद दानिश अली सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि ऐशबाग का ही 25 वर्षीय मेहराज अली कंप्यूटर टेक्नीशियन है। भोपाल के लालघाटी का रहने वाला 40 साल का खालिद हुसैन टीचर और व्यवसायी है। इसके अलावा, भोपाल से ही ATS ने वसीम खान और 35 साल के मोहम्मद आलम को गिरफ्तार किया है। वहीं, छिंदवाड़ा से गिरफ्तार करीम प्राइवेट नौकरी करता था।
हिज्ब उत् तहरीर (HuT) आतंकी ऐसे करते थे काम
ATS के मुताबिक, ये सभी आरोपित गोपनीय रूप से जंगलों में जाकर क्लोज कॉम्बैट ट्रेनिंग कैंप आयोजित कर निशानेबाजी का अभ्यास करते थे। इसमें हैदराबाद से आए हुए इस्लामी कट्टरपंथी इन लोगों को ट्रेनिंग देने का काम करते थे। ये ट्रेनर अपने काम में माहिर हैं। ट्रेनिंग के अलावा, आरोपितों द्वारा गोपनीय रूप से दर्श (दीनी सभा) का आयोजन करके भड़काऊ तकरीरें दी जाती थीं। इस दौरान लोगों के बीच कट्टरपंथी और जिहादी साहित्य भी बाँटे जाते थे।
मध्य प्रदेश ATS का कहना है कि आरोपित ऐसे युवकों की पहचान करके अपने साथ शामिल करते थे, जो उग्र स्वभाव के हों और अपनी जान देने से भी ना हिचकें। सभी आरोपित आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब के विभिन्न चैनलों का इस्तेमाल करते थे। इनमें ‘रॉकेट चैट’, ‘थ्रीमा’ जैसे ऐप शामिल हैं। इस तरह के कम्युनिकेशन का उपयोग अधिकतर ISIS जैसे आतंकी संगठनों द्वारा किया जाता है।
ये अधिक से अधिक युवकों को जोड़कर हिंदुओं के खिलाफ जिहाद की योजना बना रहे थे। ये बड़े शहरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में धमाके करके लोगों में अपना भय कायम करना चाहते थे। इसके लिए वे कई शहरों को चिह्नित भी कर चुके थे। इसके लिए उन्होंने ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया था। रेकी के बाद इलाके का नक्शा बनाकर घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। संगठन में जो भी सदस्य शामिल किए जाते थे, उनसे चंदा जुटाने के साथ-साथ अन्य संसाधन बटोरने के लिए कहा जाता था।
हिज्ब उत् तहरीर: क्या है, कहाँ-कहाँ है
हिज्ब उत् तहरीर उर्फ तहरीक-ए-खिलाफत इस्लामी कट्टरपंथी संगठन है, जो गैर-इस्लामी इलाकों में शरिया शासन कायम करने की सोच रखता है। इस संगठन के तार 50 से भी अधिक देशों में फैला हुआ है। इस संगठन की हिंसक गतिविधियों एवं सोच को देखते हुए 16 देश प्रतिबंध लगा चुके हैं।
भारत में शरिया शासन स्थापित करने के लिए इस कट्टरपंथी संगठन ने मध्य प्रदेश में अपना आधार तैयार किया था। इसके जरिए वे अपने कैडरों की भर्ती कर रहे थे। संगठन से जुड़े सदस्यों का उद्देश्य था – मुस्लिम युवाओं को अपने से जोड़ना। इसके लिए वो भारत की वर्तमान शासन प्रणाली को इस्लाम विरोधी बताते थे। इसके बाद वे खिलाफत की बात करते थे।
आतंक के खिलाफ MP सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में आतंक करने वालों और कट्टरपंथ की राह पर चलने वालों को बहुत पहले ही सचेत कर दिया था। खरगोन दंगों में जिन कट्टरपंथियों ने पत्थरबाजी की थी, जिन्होंने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया था… उन पर कैसी कार्रवाई होगी, CM शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट कर दिया था।
#BREAKING | It was an unfortunate incident in Khargone. We won't spare anyone. Strict action will be taken against rioters: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhanhttps://t.co/srgeNZ0ZkR pic.twitter.com/vcSqatFyWk
— Republic (@republic) April 11, 2022
मध्य प्रदेश की पुलिस आतंक को कुचलने के लिए तब भी तत्पर थी, आज भी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले PFI के भी 22 सक्रिय सदस्यों को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, मार्च 2022 में जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के मॉड्यूल का भी मध्य प्रदेश की पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। इस दौरान 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था।