मध्य प्रदेश के खरगोन (Khargone, Madhya Pradesh) में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभा यात्रा पर हमला करने वाले दंगाइयों के नाम व चेहरे सामने आ रहे हैं। इस मामले में चार आरोपितों के नाम सामने आए हैं। इन पर दंगा भड़काने का आरोप है। इन दंगाइयों के नाम मोहसिन उर्फ नाटी, नवाज शेख, वसीम उर्फ मोहसिन और इरफान उर्फ इलियास खान हैं। वसीम पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी को गोली मारने का आरोप है।
बता दें कि उपद्रव के दौरान संजय नगर के त्रिवेणी चौक में पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना मिलने के बाद एसपी सिद्धार्थ पुलिस बल के भारी भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे। पथराव, तलवार और पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे। इसी बीच सिर पर सफेद कपड़ा बाँधकर इरफान खान नंगी तलवार लेकर हिंदुओं की तरफ दौड़ा। एसपी ने 12-15 पुलिसवालों के साथ उसे पकड़ने की कोशिश की। पुलिस ने उसे पकड़ लिया, लेकिन वह छूटकर फिर से भागने लगा। फिर एसपी ने जैसे ही उसे दौड़कर पकड़ने की कोशिश की, वसीम ने पीछे से उनके पैर पर गोली मार दी। गोली एसपी के बाएँ पैर में लगी थी। एसपी ने बताया कि उन्हें लगा कि किसी ने पत्थर मारा है, लेकिन उनके गनमैन को समझ आ गया था कि गोली लगी है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, एसपी चौधरी पर हुए हमले के मामले में उनके गनमैन आरक्षक गिलदार पुत्र रायसिंह द्वारा दर्ज करवाई गई रिपोर्ट के आधार पर ही आरोपित वसीम उर्फ मोहसिन (पुत्र जानू निवासी मुबा वाली गली संजय नगर खरगोन) और इरफान खान (निवासी संजय नगर) के नामों का खुलासा किया गया है। इनके बारे में पुलिस पता लगा रही है और गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
वहीं, दो अन्य आरोपितों नवाज और मोहसिन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई की जा रही है। प्रभारी एसपी रोहित काशवानी ने इन आरोपितों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये दोनों आदतन अपराधी है और पूर्व में भी कुछ केस में इनके शामिल होने की बात सामने आई है। इनमें से मोहसिन के खिलाफ 10 और नवाज के खिलाफ 8 अपराध दर्ज हैं। आरोप है कि दंगों के दौरान दोनों आरोपित अन्य उपद्रवियों के संपर्क में थे और उन्हें भड़का रहे थे।
10 अप्रैल को खरगोन के तालाब चौक इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने इस पर पथराव किया था। इस दौरान 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा के दौरान छह पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हो गए। हमले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना अचानक नहीं घटी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे।