Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाजजजों के साथ मंत्रियों जैसा व्यवहार करें, अदालत का काम रुकने पर मद्रास HC...

जजों के साथ मंत्रियों जैसा व्यवहार करें, अदालत का काम रुकने पर मद्रास HC ने सरकारी अधिकारियों को लगाई फटकार

हाईकोर्ट के समन के बाद गृह सचिव एसके प्रभाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए और इस घटना पर खेद जताया। उन्होंने न्यायाधीश से कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए कदम उठाए जाएँगे।

मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने शुक्रवार (1 अक्टूबर 2021) को सरकारी अधिकारियों से हाईकोर्ट के जजों से मंत्रियों के समान व्यवहार करने और उस प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, जिसके वे हकदार हैं। अदालत ने शहर में यातायात पाबंदियों के कारण काम करने में देरी होने के संबंध में यह टिप्पणी की।

न्यायाधीश ने पुलिस द्वारा सड़कों पर बैरिकेड्स लगाने और उनके वाहन सहित अन्य वाहनों को रोकने पर नाराजगी जताई। न्यायाधीश ने उन्हें बिना किसी बाधा के जाने देने लिए कोई व्यवस्था नहीं करने को लेकर पुलिस को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “इसकी वजह से हमें आज देर से अदालत का काम शुरू करना पड़ा।”

दरअसल, दिवंगत दक्षिण भारतीय अभिनेता शिवाजी गणेशन की 94वीं जयंती के अवसर पर आरए पुरम में अड्यार पुल के पास उनके स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस ने वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया था। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य मंत्री भाग लेने पहुँचे थे।

इस दौरान न्यायाधीश की गाड़ी वहाँ करीब 30 मिनट तक रुकी रही। उन्होंने कहा कि उनके पीए द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारियों को पहले से सूचित करने के बावजूद ऐसा हुआ। हाईकोर्ट के समन के बाद गृह सचिव एसके प्रभाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए और इस घटना पर खेद जताया। उन्होंने न्यायाधीश से कहा कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए कदम उठाए जाएँगे।

न्यायाधीश ने इस पर कहा कि वह इस आधार पर अदालत की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू कर सकते थे कि उन्हें अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोका गया। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं और मामले को यहीं खत्म किया जाता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe