कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर से जूझ रहे महाराष्ट्र में एक और लॉकडाउन लगाया गया है। कोरोना की दूसरी लहर से जंग में केवल मई के महीने में अहमदनगर जिले में लगभग 8000 बच्चे संक्रमित पाए जा चुके हैं।
प्रदेश में मंडरा रहे नए खतरे से निपटने के लिए अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई में अहमदनगर जिले में हजारों बच्चों और किशोरों को कोरोना संक्रमित पाया गया जो जिले के कुल संक्रमितों की संख्या 10 फीसदी है।
इस कठिन हालात की पुष्टि करते हुए अहमदनगर जिले के प्रमुख राजेंद्र भोसले ने कहा, “अकेले मई में 8,000 बच्चे पॉजिटिव मिले जो कि काफी चिंताजनक है।” कोरोना की भयावहता को देखते हुए राज्य के सांगली जिले में बच्चों के लिए एक नया कोविड वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें फिलहाल पाँच बच्चों का इलाज चल रहा है।
बच्चों को ध्यान में रखकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए एक स्थानीय नगरसेवक अभिजीत भोसले ने बताया, “हमने बच्चों के लिए यह कोविड वार्ड तैयार किया है ताकि जब तीसरी लहर आए, तो हम उसके लिए पहले से तैयार रहें। ये कुछ इस तरीके से बनाया गया है कि यहाँ बच्चों को लगेगा ही नहीं कि वे अस्पताल में हैं, उन्हें लगेगा कि वे स्कूल या फिर नर्सरी में हैं।”
इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी कर दी है। तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ने की बात कही गई है।
महाराष्ट्र में बढ़ाया गया लॉकडाउन
कोरोना की दूसरी लहर के कहर से कराह रहे महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार (30 मई 2021) को फेसबुक पर लॉकडाउन को 15 जून तक बढ़ाने का ऐलान किया था। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने वाले राज्यों में से एक था, जो कि इससे बुरी तरह से प्रभावित हुआ।
मुख्यमंत्री ठाकरे ने लॉकडाउन में कुछ ढील का ऐलान करते हुए कहा, “सरकार कोरोनी की तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुझे नहीं पता कि तीसरी लहर कब और किस तारीख को आएगी। इसलिए हमें अपनी सुरक्षा को कमजोर नहीं होने देना है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मई 2021 को ही महाराष्ट्र में 15,077 नए कोरोना के केस सामने आए थे और 500 लोगों की मौत भी हो गई थी।
मई माह में एक लाख से अधिक बच्चे संक्रमित
मई की शुरुआत में प्रकाशित न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में 10 साल से कम उम्र के 1,34,470 बच्चे संक्रमित पाए गए जोकि 3 अप्रैल के 88,827 के मुकाबले काफी अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, संक्रमितों में 10 वर्ष की आयु तक के 3.04 प्रतिशत बच्चे थे। 11-20 आयु वर्ग के 6.80 प्रतिशत और 21-30 आयु वर्ग के 15.51 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित मिले थे।
राजस्थान में भी संक्रमित बच्चों के सर्वाधिक मामले
मई 2021 में राजस्थान में हजारों बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए। इसे मामले में ऑपइंडिया ने पहले ही बताया था कि बीते तीन सप्ताह में भरतपुर गाँव में 18 साल से कम आयु वर्ग के 600 से अधिक पॉजिटिव केस मिले थे।
ताजा अपडेट के मुताबिक, दौसा जिले में भी 10-12 वर्ष की आयु के 345 से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा डूंगरपुर जिले में भी 300 से अधिक बच्चे कोविड पॉजिटिव मिले हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में 7000 से अधिक नाबालिग ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमित हैं। ये सभी गैर-लक्षण वाले मामले हैं। बहरहाल सभी राज्य कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं।