एंटीलिया मामले में समय के साथ जाँच में नए खुलासे हो रहे हैं। एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अम्बानी के घर के बाहर बम लदी कार का मिलना, कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या और इन सबके पीछे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का हाथ होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। अब पता चला है कि इस केस को सॉल्व करने की वजह एक बार डांसर बनी। महाराष्ट्र आतंक निरोधी दस्ता (ATS) उस तक सबसे पहले पहुँची थी।
इसी साल 4 मार्च को मनसुख हिरेन के मोबाइल फोन पर एक व्हाट्सएप कॉल आया था। इस कॉल को ट्रेस करने के बाद मुंबई पुलिस उक्त बार डांसर तक पहुँची। उसके जरिए ही क्रिकेट बुकी गोरे को गिरफ्तार किया गया। 4-5 मार्च को ही मनसुख हिरेन की हत्या भी हुई थी। पुलिस ने लगभग 9000 यूजर्स के फोन का डेटा उस दिन खँगाला था। मुंबई के रेती बंदर की खाड़ी मुम्ब्रा से उस दिन जो भी गुजरा, ये उन लोगों के डेटा थे।
इन सबके बीच अब मुंबई पुलिस ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बरख़ास्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है, जो फ़िलहाल NIA की गिरफ्त में है। मनसुख हिरेन की हत्या उसने ही की थी। मनसुख के व्हाट्सएप कॉल की जाँच के बाद पुलिस को पता चला कि उन्हें एक ऐसे नंबर से कॉल आया था, जो गुजरात के भुज से खरीदा गया था। दुकानदार ने पूछताछ में बताया कि उसने नरेश गोरे को ऐसे 14 सिम कार्ड बेचे हैं।
गोरे ने इनमें से एक सिम कार्ड अपनी बार डांसर दोस्त को दे दिया था। ATS ने ये कड़ी मिलाकर गुजरात से नरेश गोरे और गुजरात के ही एक होटल से विनायक शिंदे को दबोचने में कामयाबी पाई थी। महाराष्ट्र के गृह विभाग की सिफारिश के बाद वाजे को बरख़ास्त किया जाएगा और उसके खिलाफ IPC की धारा 311 (2) के तहत मुकदमा चलेगा, जो ऐसे कृत्य में लिप्त सरकारी अधिकारी को बरख़ास्त करने का प्रावधान देता है।
मुंबई की गामदेवी पुलिस मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो चोरी होने की जाँच कर रही है। उसमें बम बरामद होने के मामले की जाँच NIA के हाथों में है। मनसुख हिरेन की हत्या की जाँच ATS के हाथों में है। उधर इस मामले की जाँच का नेतृत्व कर रहे NIA अधिकारी अनिल शुक्ला का 6 साल का कार्यकाल सोमवार को पूरा हो गया। अब वो वापस अपने AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एंड यूनियन टेरिटरीज) कैडर में लौट जाएँगे।
Former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh reaches DRDO guesthouse, CBI begins questioning
— Free Press Journal (@fpjindia) April 14, 2021
– @s_somen reports#AnilDesmukh #CBI #SachinVaze #ParamBirSingh https://t.co/zn8n0fUWzR
कहा जा रहा है कि इससे जाँच पर थोड़ा असर तो पड़ेगा, लेकिन एजेंसी में रूटीन प्रक्रिया के तहत ऐसा होता रहता है। उनकी जगह कोई IGP स्तर का अधिकारी लेगा। किसी IPS को सामान्यतः केंद्रीय एजेंसियों में 5 साल के लिए तैनात किया जाता है। हालाँकि, अगर वो अधिकारी और उसका पैरेंट कैडर चाहे तो एक-एक वर्ष के लिए 2 बार ये अवधि बढ़ाई जा सकती है। शुक्ला का कार्यकाल पहले ही 1 वर्ष बढ़ाया जा चुका है और दूसरे के लिए उन्होंने एक्सटेंशन की इच्छा नहीं जताई है।
सचिन वाजे के घर से जब्त एक पासपोर्ट की गुत्थी भी सुलझाई जा रही है। NIA का मानना है कि ये पासपोर्ट जिस व्यक्ति का है, वाजे उसका एनकाउंटर करने वाला था। इसके साथ वो एक और व्यक्ति का एनकाउंटर कर अपनी पुरानी ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ वाली छवि को फिर से पाने की कोशिश में था। दोनों आपराधिक प्रवृत्ति के लोग थे। साथ ही वे वाजे के जानने वाले भी थे। स्कॉर्पियो जब्त होने के कुछ ही घंटों बाद चीजें उसके मनमुताबिक नहीं हुईं, तो उसका प्लान धरा का धरा रह गया।
इस मामले में CBI राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से भी पूछताछ कर रही है। कुछ ही दिनों पहले एंटीलिया बम विस्फोट मामले की जाँच के सिलसिले में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने एपीआई रियाजुद्दीन काजी को भी निलंबित कर दिया। काजी को पूरे मामले की अच्छी जानकारी थी क्योंकि स्कॉर्पियो, जिसका इस्तेमाल एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ें लगाने के लिए किया गया था और जिसके बारे में विक्रोली पुलिस स्टेशन में चोरी का मामला दर्ज था, ठाणे में वाजे के अपार्टमेंट में पार्क किया गया था, लेकिन उसने कुछ नहीं बोला।