महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में अल्ट्रा-लेफ्ट लिंक्स की भूमिका सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि साधुओं की मॉब लिंचिंग में मुख्य आरोपित का सम्बन्ध अल्ट्रा-लेफ्ट समूहों से है।
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि महाराष्ट्र सरकार इसे महज एक गलतफहमी से हुई हत्या साबित करने का प्रयास कर रही है, लेकिन यह अल्ट्रा-लेफ्ट संगठनों द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई मॉब लिंचिंग थी।
#Breaking | Palghar truth revealed, TIMES NOW follow up the investigation. ‘Ultra Left link’ to lynching emerges as the main accused belongs to the Left. F.I.R reveals the ‘criminal conspiracy’.
— TIMES NOW (@TimesNow) May 6, 2020
TIMES NOW’s Aruneel with details. pic.twitter.com/3v8rxrvQkZ
दिलचस्प बात यह है कि FIR में मुख्य आरोपित वामपंथी पार्टी CPIM ग्राम पंचायत सदस्य है, जिस पर कुल्हाड़ी, पत्थर, लाठी और अन्य धारदार हथियारों से लैस भीड़ इकट्ठी कर साधुओं पर हमला करने के आरोप हैं। उल्लेखनीय है कि सड़क तोड़ना, पेड़ तोडना और सड़कों को अवरुद्द कर हमला करना नक्सलियों के पुराने और जाने-पहचाने तरीके हैं।
‘टाइम्स नाउ’ के इस खुलासे के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने वामपंथी गुटों के इस हत्या से जुड़े होने के अपने अनुमान को सही बताया है। उनका कहना है कि यही वजह है कि वामपंथी इस घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले रिपब्लिक भारत न्यूज़ चैनल के पत्रकार अर्नब गोस्वामी के पीछे पड़े हुए हैं।
Left Wing Terrorism involved in #PalgharSadhuLynching? Not surprising the left/secular parties of govt & its media jamaat tried a quick cover-up.. and why the secular govt with its leftist/secular media went mad over Arnab.. Kudos to Arnab for pursuing it under immense pressure! https://t.co/1dpbMaTbqE
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) May 6, 2020
पुलिस के सामने कर दी साधुओं की निर्मम हत्या
महाराष्ट्र के पालघर के गड़चिनचले गाँव में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। पूरी घटना वहाँ मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई। आरोपितों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।