उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में शिव मंदिर सेवक कांति प्रसाद की हत्या के मामले में पुलिस ने अनस कुरैशी नाम के युवक को जेल भेजा है। लेकिन इस पूरे प्रकरण में एक नाम ऐसा भी सामने आया है, जिसका इस इलाके में कई वर्षों से दबदबा रहा है और लगभग हिन्दुओं के खिलाफ होने वाले हर तमाम बड़े-छोटे अपराध के पीछे इस शख्स की अहम भूमिका होती है।
इस हिस्ट्रीशीटर का नाम नदीम मेवाती है। थाना भावनपुर क्षेत्र के अब्दुल्लापुर का रहने वाला नदीम कभी नगर निगम की राजनीति में चमकने वाले पूर्व पार्षद है। बताया जा रहा है कि भावनपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती का थाने से लेकर चौकी तक हर मामले में दखल होता है। नदीम मेवाती का नाम हथियारों के बल पर लोगों को धमकाने में भी कई बार सामने आ चुका है।
वहीं, शिव मंदिर सेवक कांति प्रसाद की हत्या में आरोपित अनस से भी इसी नदीम मेवाती ने थाने में सरेंडर करवाया है। स्थानीय लोगों ने नदीम मेवाती की गिरफ्तारी की भी माँग की है। यही नहीं, लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुलिस पर भी हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती से संबंधों का आरोप लगाया है।
नदीम मेवाती की हिन्दुओं से घृणा नई नहीं है। कुछ रिपोर्ट्स से पता चलता है कि इस हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती के दम पर ही मुस्लिम समुदाय के लोग अब्दुल्लापुर में मंदिर में घंटी बजाने तक का विरोध करते हैं। यह वही अब्दुल्लापुर है, जहाँ स्थित शिव मंदिर के उपाध्यक्ष कांति शाह की जुलाई 14, 2020 को सिर्फ भगवा पहनने के कारण जान से मार दिया गया।
इस इलाके में नदीम मेवाती के रौब पर स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि नदीम मेवाती थानेदार की कार में बैठकर भी चलता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कांति प्रसाद की हत्या के मामले में नदीम मेवाती की गिरफ्तारी की माँग भी की है। साथ ही, पीड़ित परिवार के घर पर धमकी देने आए आरोपितों अनस के पिता निजाम कुरैशी, बाबर, अब्बास कुरैशी, हामसीब कुरैशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की भी माँग की है।
अब्दुल्लापुर में कांति प्रसाद के भगवा गमछा पहनने और माथे पर तिलक लगाने पर मुस्लिम समुदाय के लोग हर रोज ही टिप्पणी करते थे। इसी के चलते जब एक दिन कांति प्रसाद ने विरोध जताया, तो उनकी पिटाई की गई, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
एसपी देहात अविनाश पांडेय ने बताया कि हत्या के अलावा धमकी देने का भी मुकदमा पुलिस की तरफ से दर्ज कर लिया है। उसके बाद भी नदीम मेवाती को पुलिस ने आरोपित नहीं बनाया है।
नदीम मेवाती की दादागिरी और अपराधों की लिस्ट लम्बी है। सितम्बर 2017 में ही एक दिन इसी अब्दुल्लाहपुर में नदीम मेवाती ने अपने आधा दर्जन हथियारबंद साथियों के साथ मिलकर एक दुकान पर हमला बोल दिया और वहाँ बैठे 3 लोगों की जमकर पिटाई की थी। नदीम मेवाती ने बेख़ौफ़ दिनदहाड़े दुकान में तोड़फोड़ की और फायरिंग करता हुआ वहाँ से फरार हो गया था।
पुलिस ने जब इस मामले में कार्रवाई शुरू की तो नदीम मेवाती ने पीड़ित पर केस वापस लेने का दबाब भी बनाया। लेकिन जब पीड़ित पक्ष ने केस वापस लेने से मना कर दिया तो नदीम मेवाती ने फिर हथियारबंद होकर पीड़ित, उसके भाई और भतीजे पर हमला किया।
अक्टूबर, 2018 की एक और वारदात में, हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती ने जुआ-सट्टे खेलने की शिकायत करने पर भाजपा कार्यकर्ता पर अपने साथियों के साथ उस समय हमला कर दिया था, जब वो मंदिर से लौट रहे थे। भाजपा किसान मोर्चा के सदस्य और वार्ड 17 से बूथ अध्यक्ष संदीप बिवानिया ने आरोप लगाया था कि सुबह जब वह मंदिर से पूजा करके निकले थे, तभी रास्ते में पूर्व पार्षद व थाने के हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती ने आधा दर्जन युवकों के साथ लाठी-डंडों से हमला बोल दिया।
भाजपा कार्यकर्ता के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया। तमंचे से फायरिंग की गई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। एक बार फिर नदीम मेवाती ने पीड़ित पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की।
नवम्बर 2017 में ही भावनपुर के अब्दुल्लापुर में नगर निगम मेरठ के वार्ड-17 से निर्दलीय प्रत्याशी नदीम मेवाती पर बिना परमिशन सभा करने के कारण नदीम मेवाती के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया था।
हिस्ट्रीशीटर नदीम मेवाती के आतंक से लोग इतने परेशान हैं कि कई बार इलाके के अनुसूचित जाति के परिवार गाँव से पलायन करने की चेतावनी तक दे चुके हैं। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार सोनकर ने अपनी शिकायत में कहा था कि नदीम मेवाती ने सरकारी तालाबों पर कब्जों सहित कई अवैध धंधे चला रखे हैं। शिकायत करने पर नदीम परिवार वालों को भी मार देने की धमकी दे चुका है।