Sunday, September 1, 2024
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खलीफा गैंग से खतरे के बाद ऋचा भारती को सुरक्षा का आश्वासन: BJP सांसद और SC अधिवक्ता ने मामले को उठाया

ऋचा ने पुलिस को बताया है कि उनके घर के सामने मुस्लिम युवक थूक कर चले जाते हैं और चिल्लाते हुए कहते हैं, "कुरान की बेहूरमती का बदला, ऋचा भारती हम तुमसे लेकर रहेंगे'। लॉकडाउन के बावजूद उनके घर के बाहर संदिग्ध लोगों की आवाजाही बढ़ी ही रहती है जबकि थाना वहाँ से ज्यादा दूर नहीं है। ऋचा ने आशंका जताई है कि......

ऋचा भारती को झारखण्ड पुलिस द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके लिए ऑपइंडिया ने आवाज़ उठाई थी। अब धीरे-धीरे इस ख़बर का असर भी दिख रहा है। पुलिस ने सुरक्षा का आश्वासन दिया है। बता दें कि ऋचा तब सुर्ख़ियों में आई थीं, जब अदालत ने उन्हें कुरान बाँटने की अजीबोगरीब सज़ा दी थी। राँची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने भी परिवार से बात कर के मदद का आश्वसन दिया है।

पीड़ित परिवार ने इस मामले को उठाने के लिए ऑपइंडिया को धन्यवाद दिया। ऋचा के पिता प्रकाश पटेल ने बताया कि सांसद संजय सेठ ने कहा है कि वो लॉकडाउन के ख़त्म होते ही इस मामले को देखेंगे और तब तक डरने की ज़रूरत नहीं है। सांसद ने कहा कि अभी घबराने की ज़रूरत नहीं है, पार्टी इस सम्बन्ध में जल्द ही कुछ करेगी। प्रकाश पटेल ने एसएसपी और डीआईजी को आवेदन देकर फिर से अपनी बात रखी है।

हालाँकि, वो लॉकडाउन का पालन करते हुए थाने नहीं गए लेकिन उन्होंने व्हाट्सप्प के माध्यम से ही अपनी बात रखी। ऋचा भारती की ओर से दिए गए आवेदन में बताया गया है कि उनके नाम से सोशल मीडिया में कई एकाउंट्स बन गए हैं, जिनसे तरह-तरह की बातें लिखी जा रही हैं और उन फेक एकाउंट्स को बंद कराया जाना चाहिए। ऋचा ने बताया कि उन्हीं फेक एकाउंट्स से कुछ टिप्पणियाँ की गई थीं, जिसके बाद उन्हें स्थानीय मुस्लिम समाज की ओर से धमकी मिल रही है।

अपनी शिकायत में ऋचा ने पुलिस को बताया है कि उनके घर के सामने मुस्लिम युवक थूक कर चले जाते हैं और चिल्लाते हुए कहते हैं, “कुरान की बेहूरमती का बदला, ऋचा भारती हम तुमसे लेकर रहेंगे‘। लॉकडाउन के बावजूद उनके घर के बाहर संदिग्ध लोगों की आवाजाही बढ़ी ही रहती है जबकि थाना वहाँ से ज्यादा दूर नहीं है। ऋचा ने आशंका जताई है कि उनके साथ दिवंगत कमलेश तिवारी जैसी कोई घटना घट सकती है। बता दें कि हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी को लखनऊ स्थित उनके दफ्तर में बेरहमी से मार डाला गया था।

ऋचा ने बताया है कि उनके घर के आसपास थूके जाने से इलाक़े में संक्रमण की घटना भी बढ़ सकती है, इसीलिए पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने की माँग की है क्योंकि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। फर्जी सोशल एकाउंट्स को लेकर ऋचा ने थाने में एक प्रार्थना पत्र पहले ही दे दिया था। परिवार की सुरक्षा की माँग की समीक्षा के लिए डीएसपी नीरज कुमार ऋचा के घर पर पहुँचे थे।

पुलिस ने ऑपइंडिया की ख़बर के बाद सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही उन्होंने थाना प्रभारी को भी परिवार के सामने ही बुला कर ऋचा के घर के आसपास पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने भी परिवार की मदद करते हुए उन्हें क़ानूनी रूप से सलाह उपलब्ध करवाई। उन्होंने आगे भी मदद का आश्वासन दिया है। बावजूद इसके परिवार को आशंका है कि कहीं राज्य सरकार में बदले की भावना न आ जाए।

कुरान बाँटने वाले प्रकरण में ऋचा के ख़िलाफ़ स्थानीय अंजुमन कमिटी के मंसूर खलीफा ने मुक़दमा दर्ज करवाया था। वो अब भी परिवार के पीछे पड़ा हुआ है। जिस शहजाद खलीफा ने बीच चौक पर ऋचा और उनके परिवार को मार कर भगाने की बात की थी, वो मंसूर का ही बेटा है। दोनों पिता-पुत्र का कारोबार जमीन से लेकर अन्य चीजों में फैला हुआ है और उन्हें स्थानीय लोग माफिया भी बताते हैं। उनके नेटवर्क को देखते हुए परिवार भयभीत है।

ऋचा भारती ने बताया कि उन्हें स्थानीय हिन्दुओं का भी समर्थन मिला है लेकिन डर की बात ये है कि खलीफा पिता-पुत्र ने अगर आक्रामक रुख अख्तियार किया तो फिर उनके पक्ष में कोई खड़ा होगा या नहीं। ऑपइंडिया से बात करते हुए सांसद संजय सेठ ने बताया कि वो परिवार को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए देंगे। सांसद सेठ ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से बात करके इस मामले को उठाया है और अब कोई परेशानी वाली बात नहीं है।

बता दें कि गुरुवार (अप्रैल 23, 2020) को अचानक से 5-6 पुलिसवाले ऋचा के घर आए और उनका मोबाइल फोन ले गए थे। मुद्दा क्या था, कारण क्या है, शिकायत किसने की- पुलिस ने ये सब कुछ भी नहीं बताया था। बिना किसी सर्च वॉरंट वगैरह के पुलिस घर में घुस गई और परिवार के सभी सदस्यों का मोबाइल फोन खँगालने लगी थी। प्राइवेट मैसेजों की भी पड़ताल की है। ऋचा के भाई का फोन लेकर छानबीन की गई थी। वो लोग बार-बार पूछते रहे कि किसकी शिकायत पर ये हो रहा है, तो कुछ नहीं बताया गया था।

वहीं ऑपइंडिया की ख़बर के बाद ऋचा के साथ प्रशासन ने भी सहयोग किया है। लॉकडाउन के बीच जब ऋचा की माँ की तबियत अचानक से ख़राब हो गई, तब प्रशासन ने ही गाड़ी भेज कर उन्हें अस्पताल पहुँचाया था। ऋचा की माँ सर्जरी के कारण बेड-रेस्ट पर हैं। इससे पहले पुलिस जब उनके घर पहुँची थी, तब भी उनकी तबियत अचानक से बिगड़ गई थी। अब देखना ये है कि परिवार को कब तक सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।

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अनुपम कुमार सिंह
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भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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