Friday, April 26, 2024
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1992 में मुंबई में हुआ दंगा, 2004 में भगोड़ा घोषित हुआ, अब गोरेगांव से पकड़ा गया तबरेज अजीम खान: पहचान बदलकर रह रहा था

तबरेज नाम और पहचान बदलकर रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। इस संबंध में सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पहले उस पर नजर रखनी शुरू की। फिर छापेमारी कर उसे धर दबोचा।

तबरेज अजीम खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह 18 साल से फरार चल रहा था। वह 1992 के दंगों में आरोपित है। वह मंसूरी के नाम से भी जाना जाता है। 2004 में अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया था। गोरेगांव से उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि रविवार (11 दिसंबर 2022) को की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तबरेज खान को जिस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसमें साल 1992 में 9 आरोपितों पर IPC की अलग-अलग धाराओं में FIR दर्ज हुई थी। इन सभी में से 2 आरोपित ट्रायल के दौरान कोर्ट से बरी हो गए थे। एक अन्य आरोपित की मौत हो गई थी। इस बीच तबरेज फरार हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार तबरेज नाम और पहचान बदलकर गोरगांव में रह रहा था। रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम कर रहा था। इस संबंध में सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पहले उस पर नजर रखनी शुरू की। फिर छापेमारी कर उसे धर दबोचा।

इससे पहले 4 नवम्बर को मुंबई 1992 सीरियल ब्लास्ट मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया था कि हिंसा के दौरान 60 पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिला था, जबकि 108 परिवारों का कुछ पता नहीं चल पाया था। इसके बाद कोर्ट ने बचे परिवारों को भी मुआवजा देने के आदेश दिए थे। इस मुआवजे के लिए कोर्ट ने सरकार को 9 माह का समय भी दिया था।

गौरतलब है कि साल 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद देश के तमाम हिस्सों में कट्टरपंथियों ने हिंसा शुरू कर दी थी। इसी हिंसा की चपेट में मुंबई भी आ गई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 1992 और जनवरी 1993 के बीच इस हिंसा में लगभग 900 लोग मारे गए थे और 3000 लोग घायल हुए थे। इसी हिंसा में 170 लोग घायल भी हुए थे और करोड़ों रुपए की सार्वजानिक और निजी सम्पत्ति का नुकसान हुआ था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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