कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्षों सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को बड़ा झटका लगा है। नेशनल हेराल्ड केस में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 751 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त कर ली हैं। ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और मेसर्स यंग इंडियन की 751.9 करोड़ की संपत्तियाँ जब्त कर ली। इसमें एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति की कुल कीमत 661.69 करोड़ रुपए है, जो दिल्ली, लखनऊ और मुम्बई जैसे शहरों में फैली हुई हैं। वहीं, मेसर्स यंग इंडियन की प्रॉपर्टी की कीमत 90.21 करोड़ रुपए है, जो शेयरों के रूप में है। इस मामले में ईडी कॉन्ग्रेस के दोनों नेताओं से पूछताछ की थी।
दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा एक निजी शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद जारी प्रक्रिया के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की थी। अदालत ने माना था कि यंग इंडियन सहित सात आरोपितों ने प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 406 के तहत आपराधिक विश्वासघात, आईपीसी की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी और धोखाधड़ी से संपत्ति दिलवाने, आईपीसी की धारा 403 के तहत संपत्ति की बेईमानी से गबन और आईपीसी की धारा 120बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र के अपराध का मामला है।
अदालत ने माना था कि आरोपितों ने प्लानिंग के तहत यंग इंडियन के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्तियों को हड़पने की आपराधिक साजिश रची थी।
बता दे कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को अखबार प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने 2008 में अपना प्रकाशन बंद कर दिया और संपत्तियों का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए करना शुरू कर दिया।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को 90.21 करोड़ रुपए का ऋण चुकाना था, हालाँकि एआईसीसी ने 90.21 करोड़ रुपए के उक्त ऋण को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से वसूली योग्य नहीं माना और इसे 50 लाख रुपए में एक नई बनाई गई कंपनी यंग इंडियन को बेच दिया, जिसके पास 50 लाख रुपए भी देने का कोई स्रोत नहीं था।
अपने इस कृत्य से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयरधारकों के साथ-साथ कॉन्ग्रेस पार्टी के दाताओं के साथ भी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और कॉन्ग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी की गई।
ED has issued an order to provisionally attach properties worth Rs. 751.9 Crore in a money-laundering case investigated under the PMLA, 2002. Investigation revealed that M/s. Associated Journals Ltd. (AJL) is in possession of proceeds of crime in the form of immovable properties…
— ED (@dir_ed) November 21, 2023
ईडी की जाँच से पता चला कि एआईसीसी से 90.21 करोड़ रुपए का लोन पाने के बाद यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से या तो लोन का भुगतान करने या फिर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के इक्विटी शेयरों को देने की डिमाँड की। इसके बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड ने एक आम बैठक (ईजीएम) आयोजित की और शेयर पूँजी बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया, जिसमें यंग इंडियन के लिए 90.21 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
यंग इंडियन को शेयर मिलने के बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 1000 से अधिक वास्तविक शेयर धारकों की कंपनी में हैसियत महज 1 प्रतिशत की रह गई और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी पूरी तरह से यंग इंडियन कंपनी की सहायक कंपनी बन गई।
यही नहीं, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर भी यंग इंडियन ने कब्जा कर लिया। इस तरह से महज 50 लाख रुपए में बनाई गई यंग इंडियन नाम की कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनी की मालिक बन गई। यंग इंडियन के मालिकान, जिसमें राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी हैं, उनके पास उस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की पूरी कमान आ गई, जो अब तक 1000 शेयरधारकों की कंपनी थी।
ईडी ने बताया है कि इस पूरे मामले की जाँच अभी जारी है। ये पूरा घोटाला 2000 करोड़ रुपए से अधिक का है।