हाथरस मामले के बाद महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। कई मामले इस बीच अन्य प्रदेशों से भी सामने आए हैं। हालाँकि, देश में इस घृणित अपराध पर वास्तविक स्थिति क्या है? इसे बिना आँकड़ों के नहीं समझा जा सकता और न ही एक मामले से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कौन सी सरकार महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने में सबसे ज्यादा विफल है।
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपनी वेबसाइट ncrb.gov.in पर आँकड़ों सहित ‘भारत में अपराध’ शीर्षक के साथ रिपोर्ट जारी की है। इसमें महिलाओं के विरुद्ध किए गए अपराधों को राज्यवार कई श्रेणियों में बाँटा गया है।
आइए NCRB के आँकड़ों से समझने की कोशिश करें कि पिछले साल किन राज्यों में सबसे अधिक रेप की घटनाएँ हुईं। NCRB द्वारा जारी की गई सूची बताती है कि साल 2019 में भारत में रेप के 30,641 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें रेप पीड़िताओं की संख्या 30868 है। रिपोर्ट बताती है कि 94% केसों में पीड़िता के साथ बलात्कार करने के आरोपित उनके जान-पहचान के थे।
सूची के मुताबिक सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएँ राजस्थान में सामने आई थीं। वहाँ पिछले साल 5997 मामले दर्ज किए गए। यानी प्रतिदिन का औसत देखा जाए तो प्रदेश में हर दिन 16 रेप की घटना हुईं। सूची, रेप पीड़िताओं की संख्या भी प्रदेश में 6051 बताती है। इतना ही नहीं प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की दर 15.9 है।
वहीं हाथरस, बलरामपुर आदि मामलों के बाद से चर्चा में आ रहे उत्तर प्रदेश में 2019 में 3065 मामले दर्ज किए गए और पीड़िताओं की संख्या 3131 रही। यानी प्रतिदिन औसत वहाँ करीब 8 मामले रिकॉर्ड हुए। हालाँकि प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर यदि अपराध के आँकड़े देखें तो दर 2.8 है। साथ ही सूची में उत्तर प्रदेश का स्थान कुल 36 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 24वाँ है।
तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है। यहाँ कुल 2485 मामले रिकॉर्ड किए गए। पीड़िताओं की संख्या 2490 दर्ज की गई और प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से अपराध की दर 11.1 रही। प्रतिदिन औसत प्रदेश में 6.8 थी।
महाराष्ट्र 2299 रेप के मामलों के साथ चौथे नंबर पर आता है। यहाँ रेप पीड़िताओं की संख्या 2305 है। प्रतिदिन औसतन 6 रेप हुए और प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध का दर 3.9 रहा।
इसके बाद सूची के अनुसार केरल में 2023 मामले आए। इसी तरह असम में 1773, हरियाणा में 1480, झारखंड में 1416 और ओडिशा में 1382 मामले सामने आए। देश की राजधानी दिल्ली में 1253 रेप के मामले दर्ज किए गए। सिक्किम में यह संख्या 11, पुडुचेरी में 10, नागालैंड में 8 और दादर नगर हवेली तथा लक्षद्वीप में 0 मामले सामने आए।