Wednesday, May 8, 2024
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सचिन वाजे से जुड़े दो और लक्ज़री SUV को NIA ने किया जब्त, एक शिवसेना नेता का: एंटीलिया-मनसुख केस में आया नया मोड़

विजयकुमार गणपत भोंसले शिवसेना नेता हैं और उन्होंने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के अपने हलफनामे में, टोयोटा प्राडो एसयूवी को इसी नंबर के साथ सूचीबद्ध किया था कि उनके पास यह मोटर वाहन हैं। उन्होंने उस समय वाहन की मौजूदा कीमत 38 लाख रुपए बताई थी।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एंटीलिया के सामने विस्फोटक से लदी कार खड़ी करने के मामले में दो और लक्जरी कारों को जब्त कर लिया, जिन पर एपीआई सचिन वाजे से जुड़े होने का संदेह है। इससे अब मामले में जब्त वाहनों की संख्या 5 हो गई है, और रिपोर्ट के अनुसार ऐसा कहा जा रहा है कि एनआईए दो और लग्जरी कारों की तलाश में है।

आज एनआईए इसी मामले मुंबई के अपने कार्यालय में दो और लक्जरी एसयूवी लेकर आई। कारों में से एक काले रंग की लक्जरी एसयूवी, एक मर्सिडीज बेंज एमएल 250 सीडीआई है। उसके बाद, एजेंसी दूसरी एसयूवी, एक सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर प्राडो जीआरजे 120 आर लेकर आई।

मर्सिडीज बेंज एमएल 250 सीडीआई

पंजीकरण संख्या MH43AR8697 के साथ मर्सिडीज कार नवी मुंबई में वाशी आरटीओ में नर्मदा ऑफशोर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है, जबकि पंजीकरण संख्या MH02CC101 के साथ प्राडो मुंबई के बोरीवली में पंजीकृत है, और आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार इसके मालिक विजयकुमार गणपत भोसले हैं। हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ये कारें किस तरह से उनसे संबंधित हैं। क्या सचिन वाजे का कारों के मालिकों के साथ कोई संबंध है या दूसरा कोई मामला है।

सफेद टोयोटा लैंड क्रूजर प्राडो जीआरजे 120

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विजयकुमार गणपत भोंसले शिवसेना नेता हैं और उन्होंने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के अपने हलफनामे में, टोयोटा प्राडो एसयूवी को इसी नंबर के साथ सूचीबद्ध किया था कि उनके पास यह मोटर वाहन हैं। उन्होंने उस समय वाहन की मौजूदा कीमत 38 लाख रुपए बताई थी।

2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भोसले का हलफनामा

गौरतलब है कि एंटीलिया के बाहर मिली स्कॉर्पियो का नंबर प्लेट एक ऐसी ब्लैक मर्सिडीज से मिला है, जिसे मंगलवार (मार्च 16, 2021) को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की टीम ने मुंबई क्राइम ब्रांच के ऑफिस के नजदीक क्रॉफर्ड बाजार क्षेत्र से बरामद किया। कथित तौर पर कार से कई और चीजें भी मिली है।

इंडिया टुडे के अनुसार, NIA के आईजी अनिल शुक्ला ने बताया है कि ये बरामद की गई मर्सिडीज सचिन वाजे इस्तेमाल कर रहे थे। इसमें से 5 लाख के करीब कैश निकला है। इसके अलावा कुछ कपड़े, पेट्रोल, डीजल और काउंटिंग मशीन भी मिली है। साथ ही वो नंबर प्लेट भी मिली है, जो एंटीलिया के बाहर खड़ी स्कॉर्पियों पर थी।

पूरे मामले में सबसे सनसनीखेज खुलासा ये भी हुआ है कि एंटीलिया बम मामले में सीसीटीवी फुटेज हाथ लगी है। इसमें सचिन एक पीपीई किट या लूज फिटिंग कुर्ता जैसी चीज पहने नजर आ रहे हैं, जिसे कथित तौर पर बाद में जला दिया गया था।

बता दें कि कल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि मनसुख हिरेन की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि हिरेन को मारने के बाद शव को खाड़ी में फेंका गया। लो टाइड की वजह से शव बहा नहीं, अगर शव हाई टाइड में चला जाता तो मिलता ही नहीं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हिरेन के फेफड़ों में पानी नहीं है। अगर हिरेन की मौत पानी में डूबने से हुई होती तो फेफड़ों में पानी दिखता। इससे साफ है कि हिरेन की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मनसुख हिरेन का गला घोटने की जानकारी सामने आई है। 

शिवसेना के नेताओं के साथ नजर आता था वाजे

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सचिन वाजे मनसुख हिरेन को जानते थे। उन्होंने कहा कि वाजे मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और शिवसेना के मंत्रियों के साथ नजर आते थे। उन्होंने दावा किया कि वाजे को वसूली के लिए लाया गया था और साजिश के तहत वाजे ने ही मनसुख से पूछताछ की थी। उन्होंने माँग की कि इस मामले की जाँच एटीएस को नहीं करनी चाहिए बल्कि एनआईए के हाथ में दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह और सचिन वाजे बहुत छोटे लोग हैं। इसकी जाँच होनी चाहिए कि इनके पीछे कौन लोग हैं।

वाजे और परमबीर छोटे लोग, इनके पीछे कौन…

फडणवीस ने कहा कि ये पूरा मामला अकेले सचिन वाजे के बस की बात नहीं थी। सचिन वाजे और परमबीर सिंह जैसे लोग बहुत छोटे हैं। उन्होंने कहा कि इनके पीछे कौन लोग हैं कौन इन्हें नियंत्रित कर रहे हैं, इसकी जाँच होनी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि शिवसेना ने सचिन वाजे के लिए दबाव बनाया। मनसुख हिरेन की वाजे से लगातार बातचीत हुई थी। सचिन वाजे वसूली के लिए बदनाम था। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री सचिन वाजे का बचाव क्यों कर रहे हैं। मुंबई में अपराध का राजनीतिकरण हुआ। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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