Monday, October 7, 2024
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‘राम-राम नहीं, जय भीम बोलो’: दरोगा रमेश राम ने माँ का श्राद्ध कर रहे परिजनों को जम कर पीटा, CM योगी ने लिया संज्ञान

उक्त थाना प्रभारी रमेश कुमार राम ने पीड़ित को थाने में बंद कर के कई घंटों तक पीटा और जब दर्द के मारे उनके मुँह से राम-राम निकलने लगा तो दरोगा ने 'जय भीम' कहने को कहा। जातिवादी टिप्पणी करते हुए उसने कहा कि वो ब्राह्मणों और ठाकुरों को सबक सिखाने के लिए ही पुलिस में भर्ती हुआ है।

गाजीपुर के नगसर हॉल्ट थानाध्यक्ष द्वारा किए गए कृत्य का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। नूरपुर की इस घटना के बाद थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर कर दिया गया है। बता दें कि थानाध्यक्ष रमेश कुमार राम ने एक भारतीय सेना के जवान सहित 8 लोगों की क्रूरतापूर्वक सिर्फ इसीलिए पिटाई कर दी क्योंकि क्योंकि उसने अपनी माँ का श्राद्ध किया था। मुख्यमंत्री ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने नूरपुर पहुँच कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने नगसर हॉल्ट थाने के पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की। उन्होंने इस मामले में जाँच कर के तुरंत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय को इस घटना को लेकर अवगत कराया। जिले के प्रभारी मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी नूरपुर पहुँच कर स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित का नाम झनकू पांडेय उर्फ़ राजन है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उक्त थाना प्रभारी रमेश कुमार राम ने पीड़ित को थाने में बंद कर के कई घंटों तक पीटा और जब दर्द के मारे उनके मुँह से राम-राम निकलने लगा तो दरोगा ने ‘जय भीम’ कहने को कहा। जातिवादी टिप्पणी करते हुए उसने कहा कि वो ब्राह्मणों और ठाकुरों को सबक सिखाने के लिए ही पुलिस में भर्ती हुआ है। पीड़ित की चमड़ी तक उधेड़ दी गई। दरोगा ने परिवार के 9 लोगों को जेल भी भेज दिया।

सोशल मीडिया पर पीड़ितों की पिटाई के बाद की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसके बाद लोगों ने इस घटना पर आक्रोश जताया। पीड़ितों के कपड़े उतार कर पिटाई की गई थी, जिससे उनके शरीर पर लाल-लाल धब्बे बन गए थे। पीड़ितों में सुशिल पांडेय भी शामिल हैं, जो सेना में हैं। ये मामला शुरू हुआ माया देवी नामक महिला की मृत्यु के बाद जो पीड़ितों की बड़ी माता थीं। श्राद्ध में कई परिजन भी पहुँचे थे।

परिजन जब खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे थे, तभी दरोगा रमेश कुमार राम ने पुलिसकर्मियों के साथ सादी वर्दी में पहुँच कर माँ की गाली दी और आरोप लगाया कि उनलोगों ने झनकू पांडेय को घर में छिपा रखा है। जातिवादी टिप्पणी करते हुए थानाध्यक्ष ने अपने पुलिसकर्मियों को पीड़ितों की पिटाई करने का निर्देश दिया। थानाध्यक्ष ने कहा कि इनकी हड्डियाँ तोड़ दो। लाठी और बन्दूक के पिछले हिस्से से मार खाते हुए बचने के लिए लोग घरों में घुस गए।

इसके बाद रमेश कुमार राम और उसके मातहत पुलिसकर्मियों ने घर में घुस कर भी लोगों की पिटाई की और सामान को तोड़ना शुरू कर दिया। उनके बचाव में आए ग्रामीणों को भी गाड़ी में ठूँस कर थाने ले जाया गया। पीड़ितों के मुँह पर मुक्के भी मारे गए। एफआईआर में परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की इस हरकत के कारण श्राद्ध तक नहीं हो पाया। वहीं पुलिस ने पीड़ित परिवार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

थाना का कहना है कि पीड़ित परिजनों ने मुजरिम को घर में छिपा रखा था और तहकीकात करने गई पुलिस के साथ उन्होंने हाथापाई की। वहीं 3 पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात भी कही गई है। पुलिस के अनुसार, उसे सूचना मिली थी कि झनकू पांडेय हत्या की नीयत से रिवाल्वर लेकर गाँव में घूम रहा है। मौके से कारतूस बरामद होने की बात भी कही गई है। लेकिन, थाने में हुई बर्बरतापूर्वक पिटाई से जनाक्रोश अभी भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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