Sunday, October 6, 2024
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PFI के नेताओं के विदेशों में बार और रेस्टोरेंट, ED की छापेमारी में कई संपत्तियों के मिले सबूत, संगठन पर बैन लगाने वर्षों से हो रही माँग

दरअसल पीएफआई के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही है। पीएफआई पर समाज में उन्माद फैलाने और देश विरोधियों गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में सीएए विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में भी इसकी भूमिका सामने आई थी।

देश विरोधी गतिविधियों के लिए कुख्यात पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कार्रवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पीएफआई के नेताओं और पदाधिकारियों के केरल स्थित चार ठिकानों पर बुधवार (8 दिसंबर) की गई छापेमारी में उनके विदेशों में बीयर बार और रेस्टोरेंट सहित कई संपत्तियाँ के ठोस प्रमाण मिले हैं। इस दौरान पीएफआई के सदस्यों ने छापेमारी में बाधा डालने का प्रयास किया, लेकिन केंद्रीय पुलिस बल (सीआरपीएफ) की मौजूदगी के कारण वे इसमें सफल नहीं हो सके।

ईडी ने बताया कि पीएफआई के सदस्य शफीक पेयथ के घर, पीएफआई के मलाप्पुरम में पेरमपादप्पु के डिविजनल अध्यक्ष बीपी अब्दुल रजाक, एर्नाकुलम के मुवाट्टुपुझा में पीएफआई नेता एमके अशरफ उर्फ तमर अशरफ के मुन्नार के मनकुलम स्थित मुन्नार विला विस्टा परियोजना परिसर पर छापेमारी की गई। इस दौरान एजेेंसी को कई दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, विदेश से धन प्राप्त करने और विदेश में संपत्ति रखने के सबूत मिले।

ईडी ने बताया कि छापेमारी में बरामद किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि मुन्नार विला विस्टा परियोजना सहित केरल में विभिन्न परियोजनाओं के जरिए पीएफआई मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त है। ईडी ने अपने बयान में कहा, “पीएफआई के नेताओं द्वारा अबू धाबी में बार और रेस्टोरेंट सहित विदेश में संपत्तियाँ जमा करने के मामले संज्ञान में आए हैं। इसकी जाँच की जा रही है।”

दरअसल पीएफआई के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जाँच कर रही है। पीएफआई पर समाज में उन्माद फैलाने और देश विरोधियों गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में सीएए विरोधी प्रदर्शनों की आड़ में दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में भी इसकी भूमिका सामने आई थी। विरोध को उकसाने, सरकार के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काने, सिमी से नजदीकी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोपों के कारण पीएफआई और इसकी राजनीतिक इकाई एसडीपीआई सरकारी एजेंसियों के रडार पर है।

इस पर केरल में हत्याएँ करने, हथियार रखने, बम बानने से संबंधित दस्तावेज मिले थे। इसके बाद इस पर अलकायदा जैसे इस्लामिक आतंकी संगठनों के साथ संबंध होने के आरोप लगे। इतना ही नहीं, केरल सहित दक्षिण भारत में लव जिहाद को बढ़ावा देने के भी इस आरोप लगे हैं। कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और इसकी देश विरोधी गतिविधियों देेखते हुए साल 2012 से ही इस पर प्रतिबंध लगाने की माँग उठ रही है।

पीएफआई खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाला संगठन बताता है। इस संगठन की जड़ें केरल के कालीकट में और मुख्यालय नई दिल्ली में है। नवभारत टाइम्स के अनुसार, दिल्ली के गोकुलपुरी स्थित जन्नते मस्जिद के प्रेसिडेंट खुर्शीद अंसारी का कहना है कि किसी भी मुसलमान के लिए शराब या उसका कारोबार वर्जित है। उन्होंने कहा कि शराब का बिजनस इस्लाम में बिल्कुल हराम है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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