राजस्थान में भरतपुर की डीग तहसील में गहलोत सरकार द्वारा कराए जा रहे परिसीमन के विरोध में 51 हिन्दू ग्रामीणों ने भूमि समाधि ले ली है। हिन्दू ग्रामीणों का आरोप है कि ऐसा करके गहलोत सरकार मुस्लिमों को फायदा पहुँचाना चाहती है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी माँगों को सरकार ने नहीं माना तो वे रेलवे ट्रैक को जाम करेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, आंदोलनरत किसानों ने जहाँ पर भू समाधि ली है, वो जगह भरतपुर-अलवर राजमार्ग के पास स्थित है। बीते 16 दिनों से ग्रामीण सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक सरकार या उसके किसी अधिकारी के कानों में जूँ तक नहीं रेंगी है। इससे पहले 29 जून को ये ग्रामीण अलवर-भरतपुर स्टेट हाईवे को भी जाम कर चुके हैं, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। गहलोत सरकार है कि ग्रामीणों की सुनने का नाम ही नहीं ले रही।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि गहलोत सरकार डीग पंचायत समिति की 9 पंचायतों का परिसीमन करके उसे सीकरी पंचायत समिति और नगर पंचायत से जोड़ रही है। ग्रामीण इसी का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिन 9 पंचायतों का परिसीमन किया जा रहा है, वो पहले से ही डीग से जुड़ी हुई हैं। लेकिन अगर परिसीमन हुआ तो सीकरी काफी दूर हो जाएगा। ऐसे में उन्हें सरकारी कामकाज के लिए परेशान होना पड़ेगा। जबकि अभी तक डीग पंचायत समिति पास में होने के कारण वो आसानी से अपना काम करवा पाते थे।
इस बीच इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता नेम सिंह ने आरोप लगाया कि ऐसा करके राजस्थान सरकार मुस्लिमों को फायदा पहुँचाना चाहती है। अगर परिसीमन हुआ तो थाना और सरकारी दफ्तर सबकुछ ग्रामीणों की पहुँच से दूर निकल जाएँगें।
आंदोलनकारियों का कहना है कि वो अभी गाँधीवादी तरीके से अपनी माँगें मनवाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अगर माँगें नहीं मानी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।