Friday, November 15, 2024
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किसान आंदोलन से जुड़े कई एक्टिविस्ट पर यौन शोषण के आरोप, ‘ढोंगी’ योगेंद्र यादव के संगठन ने कहा- केस बंद हो चुका है

पीड़िता ने कहा, "स्वराज इंडिया और योगेंद्र यादव, आरोपित मनीष कुमार पर कार्रवाई का मात्र ढोंग कर रहे हैं। अगर एक निष्पक्ष जाँच की गई है, तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे पारदर्शी बयान के साथ सामने आएँ और उत्पीड़न करने वाले पर अपना पक्ष रखें।" पीड़िता ने योगेंद्र यादव को सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने की बात कही।

पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन से जुड़े हुए कुछ कार्यकर्ताओं पर यौन शोषण के आरोप लग रहे हैं। 7, अप्रैल को हमनें रिपोर्ट में बताया था कि कई पीड़ितों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने साथ हुई घटनाओं को बताया। आरोपों की यह श्रृंखला मोहम्मद जुबेर (_emmzedd, Instagram) के खिलाफ लिखी गई पोस्ट के साथ शुरू हुई। इसके बाद किसान आंदोलन से जुड़े कई कार्यकर्ताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इनमें वरुण चौहान (ट्रॉली टाइम्स का सदस्य), अंतरप्रीत सिंह (स्टूडेंट फॉर सोसायटी का नेता) और स्वराज फॉर यूथ का अध्यक्ष मनीष कुमार भी शामिल है।

वरुण चौहान के खिलाफ पाँचवा यौन शोषण का आरोप :

हमने अपनी रिपोर्ट में चार पीड़ितों के द्वारा वरुण चौहान पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों की रिपोर्ट दी थी। अब वरुण चौहान के खिलाफ यौन उत्पीड़न का पाँचवा मामला सामने आया है। ‘द कौर मूवमेंट’ नाम की एक पहल के तहत इस पाँचवे आरोप को सामने लाया गया है।

पीड़िता ने बताया कि वह वरुण चौहान से 2019 में इंस्टाग्राम के माध्यम से मिली। तब वह 19 वर्ष की थी। उसने बताया कि वरुण ने उससे 2-3 लाख रुपए ऐंठे जो उसने अभी तक नहीं लौटाए। पीड़िता ने यह भी बताया कि वरुण ने उस पर ‘थ्रीसम’ में शामिल होने का दबाव बनाया और कहा कि ‘थ्रीसम’ में शामिल होना सामान्य है और अपनी ‘सेक्सुएलिटी’ को एक्सप्लोर करने से संबंधित है।

वरुण चौहान पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता का बयान (इमेज सोर्स : द कौर मूवमेंट)

पीड़िता ने आगे बताया कि वरुण ने अपने इंस्टाग्राम का उपयोग करके बिना उसकी जानकारी के आपत्तिजनक तस्वीरों को उन लोगों को भेजा जिन्हें वह समझता था कि वो थ्रीसम में रुचि लेंगे। पीड़िता ने कहा कि वह यह मानने लगी थी कि वरुण उससे प्यार करता है लेकिन बाद में उसे पता चला कि वरुण उसे धोखा दे रहा है। इन सब घटनाओं के चलते वह अवसाद से ग्रसित हो गई थी। इसके बाद पीड़िता ने वरुण के बारे में जानने का प्रयास किया तब उसे पता चला कि ऐसी कई पीड़िताएं हैं जो वरुण का शिकार हुई हैं। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि वह निजी तौर पर चार पीड़िताओं को पहचानती है और कई ऐसी भी हैं जिन्हें वह बिल्कुल भी नहीं जानती। वरुण पर निजता के हनन का आरोप लगाते हुए पीड़िता कहती है कि वरुण के पास उसके और अन्य पीड़िताओं के कई फोटो और वीडियो हैं। पीड़िता का कहना है कि इस पहल के तहत उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  

वरुण चौहान पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता का बयान (इमेज सोर्स : द कौर मूवमेंट)
वरुण चौहान पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता का बयान (इमेज सोर्स : द कौर मूवमेंट)

ट्रॉली टाइम्स का कार्रवाई से इनकार :

ट्रॉली टाइम्स ने वरुण चौहान पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वरुण पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूरी जानकारी है किन्तु किसी भी आधिकारिक शिकायत के अभाव में वरुण पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

एक अन्य पीड़िता द्वारा स्वराज इंडिया और योगेंद्र यादव पर मनीष कुमार को बचाने का आरोप:

7 अप्रैल की हमारी रिपोर्ट में एक और पीड़िता का केस बताया गया था। इस केस में योगेंद्र यादव के स्वराज इंडिया संगठन के यूथ विंग यूथ फॉर स्वराज के अध्यक्ष मनीष कुमार पर भी ऐसे ही आरोप लगे थे।  

पीड़िता ने अपनी पोस्ट में बताया कि उसने यौन उत्पीड़न की जानकारी योगेंद्र यादव और अन्य सदस्यों को दी लेकिन उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उसने कहा कि वरुण के केस को जानने के बाद उसे लगा कि उसे भी अपनी बात सबके सामने रखनी चाहिए। उसने आरोप लगाया कि उसे स्वराज इंडिया से उत्पीड़न के चलते इस्तीफा देना पड़ा।

एक अन्य पीड़िता द्वारा मनीष कुमार पर लगाए गए यौन शोषण के आरोप, पीड़िता की पहचान नियमों के तहत गुप्त रखी गई है।

पीड़िता ने ट्विटर के माध्यम से यह आरोप लगाया कि स्वराज इंडिया और योगेंद्र यादव, आरोपित मनीष कुमार पर कार्रवाई का मात्र ढोंग कर रहे हैं। पीड़िता ने लिखा कि “अगर एक निष्पक्ष जाँच की गई है, तो यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे पारदर्शी बयान के साथ सामने आएँ और उत्पीड़न करने वाले पर अपना पक्ष रखें।” पीड़िता ने योगेंद्र यादव को सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने की बात कही।

स्वराज इंडिया ने कहा कि यौन उत्पीड़न के इस केस में हुई जाँच :

मामले पर तीन-चार दिनों तक चुप्पी साधने के बाद स्वराज इंडिया ने बयान जारी किया और कहा कि यौन उत्पीड़न के इस केस की आंतरिक शिकायत कमेटी के द्वारा जाँच हुई है और जाँच में यह पाया गया कि आरोपित के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘गलत और भ्रामक’ हैं। स्वराज अभियान ने अपने बयान में कहा कि जाँच कमेटी ने 18 अप्रैल 2021 को जाँच रिपोर्ट दी जिसकी सिफारिशों को मंजूर किया गया और उसके बाद केस को बंद कर दिया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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