Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजजामिया हिंसा मामले में बेल के बाद भी जेल में ही रहेगा शरजील इमाम,...

जामिया हिंसा मामले में बेल के बाद भी जेल में ही रहेगा शरजील इमाम, दिल्ली दंगे से जुडे़ 3 अन्य मामलों में है आरोपित

इसके पहले एक सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि शरजील इमाम ने किसी को भी हथियार उठाने या हिंसा करने के लिए नहीं कहा। शरजील इमाम के बयान से कोई हिंसा नहीं हुई।

दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार (9 दिसंबर) को राजधानी स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने के मामले में आरोपी शरजील इमाम को जमानत दे दी। हालाँकि, जमानत के बावजूद वह बाहर नहीं आ सकेगा और फिलहाल वह जेल में ही रहेगा, क्योंकि फरवरी 2019 में दिल्ली में हुई हिंसा से संबंधित तीन अन्य मामलों में भी उसे आरोपित बनाया गया है। बता दें कि शरजील इमाम के भड़काऊ भाषण की वजह से दिसंबर 2019 में विश्वविद्यालय के बाहर हिंसा हुई थी।

पिछले साल 23 फरवरी से 26 फरवरी के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर हुई हिंदू विरोधी हिंसा में हुई थी। इस दौरान लगातार भड़काऊ भाषण दिए जाते रहे थे। दिल्ली पुलिस का दावा है कि इस हिंसा के पीछे एक बहुत बड़ी साजिश थी, जिसके कारण 53 लोग मारे गए थे।

अप्रैल 2020 में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके भाषण ने लोगों के बीच दुश्मनी बढ़ाई, जिसके कारण जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय क्षेत्र में दंगे हुए। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी जाँच में पाया कि शरजील इमाम ने जामिया यूनिवर्सिटी के साथ-साथ अलीगढ़ विश्वविद्यालय में भी भड़काऊ भाषण दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद शरजील इमाम को इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में जमानत दी थी। यह जमानत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में CAA कानून के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में मिली थी। शरजील इमाम ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में 16 दिसंबर 2019 को भाषण दिया था। तब अलीगढ़ पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह के तहत केस दर्ज किया था। शरजील इमाम फ़िलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। हालाँकि उस समय भी बेल मिलने के बावजूद उसे जेल में ही रहना पड़ा था।

इस दौरान उच्च न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि शरजील इमाम ने किसी को भी हथियार उठाने या हिंसा करने के लिए नहीं कहा। शरजील इमाम के बयान से कोई हिंसा नहीं हुई। हाईकोर्ट ने आगे कहा था कि शरजील इमाम के बयान से कोई हिंसा नहीं हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि पुष्ट आरोप और बयान से होने वाले दुष्प्रभाव को लेकर जाँच की जा सकती है। 

बता दें कि ये मामला ‘अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)’ में 16 जनवरी, 2020 को शरजील इमाम द्वारा ‘नागरिकता संशोधन कानून (CAA)’ के विरोध में आयोजित एक कार्यक्रम में दिए गए भड़काऊ बयान का था। इस मामले में उनके खिलाफ ‘भारतीय दंड संहिता (IPC)’ की धारा-124A (देशद्रोह), 153A (दो समूहों के बीच वैमनस्य पैदा करना), 153B (राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ दिया गया बयान), 505(2) (विभिन्न समुदायों दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कर्नाटक में सारे मुस्लिमों को आरक्षण मिलने से संतुष्ट नहीं पिछड़ा आयोग, कॉन्ग्रेस की सरकार को भेजा जाएगा समन: लोग भी उठा रहे सवाल

कर्नाटक राज्य में सारे मुस्लिमों को आरक्षण देने का मामला शांत नहीं है। NCBC अध्यक्ष ने कहा है कि वो इस पर जल्द ही मुख्य सचिव को समन भेजेंगे।

मार्क्सवादी सोच पर नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe