उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के भीतर फँसे मजदूरों के पास कैमरा पहुँच गया है। सुरंग के भीतर मलबे के बीच फँसे 41 मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई हैं। सामने आई तस्वीरों में सभी मजदूर स्वस्थ दिख रहे हैं। तस्वीरों में अन्दर आया मलबा भी देखा जा सकता है। यह मजदूर 12 नवम्बर 2023 से सुरंग के भीतर मलबा आने के कारण फँसे हुए हैं।
सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों से पहली बार एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा गया। सभी श्रमिक बंधु पूरी तरह सुरक्षित हैं। pic.twitter.com/vcr28EHx8g
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 21, 2023
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | First visuals of the trapped workers emerge as the rescue team tries to establish contact with them. The endoscopic flexi camera reached the trapped workers. pic.twitter.com/5VBzSicR6A
— ANI (@ANI) November 21, 2023
रेस्क्यू टीम ने इसी के साथ फँसे हुए मजदूरों से लाइव सम्पर्क स्थापित कर लिया है। इससे पहले 20 नवम्बर की शाम को सुरंग के भीतर फँसे मजदूरों तक 6 इंच व्यास का पाइप पहुँचाने में सफलता मिली थी। यह पाइप 90 मीटर से भी अधिक लंबा है।
VIDEO | Uttarkashi tunnel collapse: "We have achieved our first breakthrough, for which we had been trying for the last nine days and was our first priority. A 6-inch pipe has been installed and they (trapped workers) can hear us through it. We will now provide them with food and… pic.twitter.com/gfww1hlLE8
— Press Trust of India (@PTI_News) November 20, 2023
इस पाइप के जरिए अब खाना, पानी, दवाइयाँ और अन्य सामान भेजा जा रहा है। अब इस पाइप के जरिए खिचड़ी और अन्य पका हुआ भोजन भी मजदूरों को भेजने में सफलता मिली है। इससे पहले उन्हें केवल सूखा भोजन भेजा जा रहा था।
So here comes First Packet of food (Khicdi in Bottle,DryFruits,Orange,Apple,Juice) for 41 Stranded Workers inside the Tunnel at #SilkyaraTunnel. Picture perfect from #Uttarkashi, Watch @indiatvnews Exclusive. pic.twitter.com/7YkRoP3fWn
— Manish Prasad (@manishindiatv) November 20, 2023
रेस्क्यू टीम इसी पाइप के जरिए सुरंग में अंदर कैमरा भी भेजने में सफल रही है। अन्दर फँसे मजदूरों को निर्देश देने के लिए भी इस पाइप का सहारा लिया जा रहा है। अन्दर मौजूद लोगों में गब्बर सिंह नेगी, सुशील और सहाबा हैं, जो अपने साथी मजदूरों के हौसले को बनाए रखने में सहायता कर रहे हैं।
These 41 stranded workers are not less then a soldiers. They are inside trapped in the #Tunnel. Showing all cavity, Debris and location. Gabbar Singh Negi, Sahaba, Sushil and all workers are motivated and fit. Col Deepak Patil,@nhidcl AnshuManish and team good work. Rescue ops… pic.twitter.com/tgc8c499Ez
— Manish Prasad (@manishindiatv) November 21, 2023
इस सुंरग के भीतर इंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा भेजा गया है। इसे एक रबर के पाइप के मुहाने पर लगाया गया है, जिससे पाइप के जरिए इसे अन्दर को धकेला जा सके। ऐसे कैमरों का इस्तेमाल तंग जगहों की जानकारी लेने के लिए किया जाता है। ऐसे कैमरों का उपयोग डॉक्टर भी करते हैं।
Endoscopic camera used for first visuals inside the #SilkyaraTunnel. Meeting and rescue on. @DRDO_India @indiatvnews pic.twitter.com/FKK24u2MH6
— Manish Prasad (@manishindiatv) November 21, 2023
इससे पहले 20 नवम्बर को घटनास्थल पर अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स भी पहुँचे थे। उन्होंने मजदूरों को जल्द निकाल लेने की बात कही थी। सुरंग के जायजे के लिए रक्षा मंत्रालय से एक रोबोटिक्स टीम भी पहुँची थी।
टीम का कहना था कि वह अन्दर एक वाईफाई कनेक्शन लगाने की भी कोशिश कर रहे हैं। पाइप के जरिए अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी भेजे गए हैं। कैमरे से अन्दर मौजूद प्रत्येक मजदूर की स्थिति जानी जा रही है।
#WATCH | Uttarkashi Tunnel Accident | Colonel Deepak Patil says, "We will send food, mobile, and charger to the people who are trapped inside the tunnel. We will also try to install a WiFi connection inside. DRDO robots are also working…" pic.twitter.com/5cj6cENt9G
— ANI (@ANI) November 20, 2023
इसी के साथ ही मजदूरों के निकालने के लिए 900 मिलीमीटर (.9 मीटर, मतलब 1 मीटर से थोड़ा सा कम) वाली पाइप को आगे धकेलने का काम भी पुनः चालू होने वाला है। मलबे के भीतर से यह पाइप अब ऑगर मशीन की सहायता से भेजा जा रहा है। मशीन के कलपुर्जों की दोबारा मरम्मत हुई है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel accident: The vertical drilling machine at the Silkyara Tunnel, rescue operation continues pic.twitter.com/aeYCckX8RA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 21, 2023
सुरंग में ऊपर की तरफ से खुदाई के लिए मशीन भी पहुँच गई हैं। पहाड़ी में ऊपर की तरफ से ड्रिलिंग करके भी मजदूरों को निकालने की योजना बनाई जा रही है। घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कल मुख्यमंत्री पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी भी ली थी।