Saturday, July 27, 2024
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उत्तरकाशी में विदेश से आई टीम, मंदिर में पूजा के बाद शुरू किया मजदूरों को बचाने का अभियान: कहा- सबको निकालेंगे, किसी को नहीं होगा नुकसान

घटनास्थल पर प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुलबे और पीएमओ में अधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी पहुँचे थे। उनसे रिपोर्ट माँगी गई है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में मलबा आने की वजह से एक सप्ताह से ज्यादा समय से फँसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन की देखरेख के लिए अब अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट पहुँच गए हैं। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है।

सुरंगों के मामले में अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट अरनॉल्ड डिक्स सिल्क्यारा पहुँच चुके हैं। उनके साथ विशेषज्ञों की पूरी टीम है। उन्होंने घटना के रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली और सुरंग का दौरा किया है। उन्होंने उन जगहों का दौरा भी किया है जहाँ से सुरंग में छेद किया जाना है।

डिक्स ने उस मंदिर में पूजा-अर्चना भी की जिसे सुरंग के बाहर स्थापित किया गया है। डिक्स ने कहा, “हम इन सभी लोगों को निकाल लेंगे। हमारी पूरी टीम यहाँ है और हम जल्द ही मजदूरों को निकालने के लिए कुछ रास्ता निकालेंगे। जरूरी यह है कि जिन्हें निकालना है वह सुरक्षित रहें बल्कि जो रेस्क्यू में लगे हैं वह भी सुरक्षित रहें। पूरा विश्व हमारी सहायता कर रहा है। यहाँ काम कर रही टीम काफी मेहनती है, उनकी योजनाएँ सही लग रही हैं। हम इन लोगों को जल्द ही निकाल लेंगे।”

12 नवम्बर को सुबह 5:30 बजे इस सिल्क्यारा सुरंग में अचानक से मलबा आने की वजह से 41 मजदूर फँस गए थे। इन्हें निकालने के लिए कई प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। लगातार अलग-अलग तरीके से मजदूरों तक पहुँचने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में मलबे के भीतर से पाइप डालने के अलावा पहाड़ी के ऊपर से सुंरग में पहुँचने का प्लान भी बनाया गया है। इसके लिए जल्द ही ड्रिलिंग शुरू होने वाली है। अरनॉल्ड डिक्स ने इस जगह का भी दौरा किया है।

अरनॉल्ड ने कहा, “मैंने इस जगह का दौरा किया है। अभी तो यह ठीक दिख रहा है लेकिन हमें बाद में पता चलेगा कि यह नुकसानदायक तो नहीं। हमारे पास हिमालय को जानने वाले विशेषज्ञ मौजूद है। अन्दर मौजूद लोगों को कोई नुकसान पहुँचना चाहिए। हमें यहाँ सभी चीजों पर ध्यान देना है।”

एक्सपर्ट के अलावा सुरंग में रक्षा मंत्रालय से DRDO की रोबोटिक्स टीम भी पहुँची है। यह टीम यहाँ आधुनिक मशीने लेकर पहुँची है। इसके पास छोटे रोबोट से लेकर ड्रोन आदि हैं। बाकी टीमें अब भी सुरंग के भीतर रास्ता बनाने में जुटी हैं । मजदूरों को खाना-पानी भी पहुँचाया जा रहा है। उनसे बात भी की जा रही है।

घटनास्थल पर कल प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुलबे और पीएमओ में अधिकारी मंगेश घिल्डियाल भी पहुँचे थे। उनसे रिपोर्ट माँगी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ फ़ोन पर बात भी की है। उन्होंने कहा है कि इस ऑपरेशन में जो भी मशीनें चाहिए, केंद्र सरकार उपलब्ध करवा रही है। केंद्र और राज्य के सहयोग से यह मजदूर जल्द ही बाहर निकाले जाएँगे।

गौरतलब है कि मजदूरों के फँसने के बाद सबसे पहले मलबा हटाने की कोशिश की गई जो फेल हो गई। इसके बाद मलबे के किनारे से 900 मिलीमीटर व्यास वाले पाइप डालने का प्रयास किया गया जो कि अभी जारी है। इसके लिए ऑगर मशीनें लाई गई हैं। इसके अतिरिक्त, सुरंग में पहुँचने के लिए अब ऊपर पहाड़ी से भी खुदाई की जा रही है। सुरंग के दूसरे मुहाने से भी खुदाई करके मजदूरों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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