सोनी टीवी का क्राइम बेस्ड शो क्राइम पेट्रोल (Crime patrol) टेलीविजन पर काफी हिट रहा है। इसके कई सीज़न आ चुके हैं और सबके सब दर्शकों के द्वारा पसंद किए गए। निर्माताओं की तरफ से दावा किया जाता है कि कहानियाँ ‘सत्य घटनाओं पर आधारित’ होती हैं। दर्शक इस वजह से इसे ज्यादा पसंद करते हैं। पिछले दिनों क्राइम पेट्रोल में श्रद्धा मर्डर मामले पर आधारित कहानी प्रसारित की गई। सत्य घटनाओं पर आधारित शो बनाने का दावा करने वालों ने न सिर्फ तथ्यों के साथ छेड़-छाड़ की बल्कि पीड़िता और आरोपित के धार्मिक पहचान को भी बदल दिया।
श्रद्धा वॉकर नृशंस हत्या पर आधारित क्राइम पेट्रोल के इस एपिसोड में पीड़िता श्रद्धा को एक ईसाई लड़की ‘एना फर्नांडिस’ के रूप में दिखाया गया है। वहीं, उसकी हत्या करने वाले आफताब पूनावाला को ‘मिहिर’ के रूप में प्रस्तुत किया गया। इस एपिसोड में दोनों को एक मंदिर में विवाह रचाते भी दिखाया गया है। एपिसोड में दोनों को पुणे में शिफ्ट होते दिखाया गया है। जबकि श्रद्धा और आफताब दिल्ली शिफ्ट हुए थे। जहाँ आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर उसके 35 टुकड़ों को अलग-अलग इलाकों में फेंक दिया था। इस एपिसोड में मिहिर की माँ को एक मंदिर जाने वाली धार्मिक स्त्री के रुप में दिखाया गया है। इस दृश्य को फिलमाने की वजह यही है जिससे कातिल हिंदू लगे। जबकि आपको पता है कि आफताब एक मुस्लिम था।
यह एपिसोड फिलहाल SONY LIV पर उपलब्ध है। साथ ही इसे क्राइम पेट्रोल के यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया है।
SONY LIV पर इस एपिसोड की संख्या 212 है और क्राइम पेट्रोल 2.0 के तहत इसे ‘अहमदाबाद-पुणे’ हत्या का नाम दिया गया है। Sony LIV ऐप के इस स्क्रीनशॉट में आप लाल रंग से चिह्नित उक्त एपिसोड को देख सकते हैं।
श्रद्धा वाकर हत्याकांड
बंबल ऐप पर श्रद्धा से दोस्ती के बाद आफताब और श्रद्धा लिव इन में रहने लगे। जब श्रद्धा शादी का दबाव बनाने लगी तो आफताब मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो गया। श्रद्धा को भी यहीं बुला लिया। बताया जा रहा है कि श्रद्धा की हत्या की प्लानिंग आफताब ने मुंबई में ही अप्रैल में कर ली थी। इसी प्लानिंग के तहत वह श्रद्धा को घुमाने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड लेकर गया था। इसके बाद दिल्ली लौटकर उसने जान-बूझकर ऐसी जगह पर फ्लैट लिया, जहाँ जंगल पास में हो।
फिर 18 मई 2022 को गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने उसके शव के 35 टुकड़े किए। श्रद्धा की हत्या के बाद आफताब ने केमिकल से पूरे कमरे और हर सामान को साफ किया था। दिल्ली पुलिस की जाँच में फ्रिज से एक बूँद खून का कतरा भी नहीं मिला। बताया जा रहा है कि ग्रेजुएशन के बाद आफताब मुंबई के एक होटल में शेफ की नौकरी कर चुका था। वहाँ उसने मुर्गा और बकरा काटने की ट्रेनिंग ली थी। डेक्सटर नाम की वेब सीरीज देख उसने लाश 18 दिनों में ठिकाने लगाई थी। कई दिनों तक वह शव के टुकड़े दिल्ली के महरौली के जंगलों में फेंकता रहा था।