झारखण्ड के लोहरदगा में गुरुवार (जनवरी 23, 2020) को सीएए के समर्थन में हुई रैली पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया। विहिप ने आरोप लगाया कि हथियारबंद इस्लामिक जिहादियों ने रैली पर हमला किया। इसके बाद आलम कुछ यूँ रहा कि पूरे शहर में उपद्रव पसर गया और इलाक़ा रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। सुबह 11:30 बजे ललित नारायण स्टेडियम से निकली विशाल रैली 1 घंटे बाद जैसे ही मस्जिद के पास पहुँची, जुलूस पर पथराव किया जाने लगा। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे 15,000 लोगों की रैली पर पेट्रोल बम फेंके गए। बम फटा, आगजनी शुरू हो गई और जान बचाने के लिए लोगों में भगदड़ मच गई।
मुस्लिमों ने हिन्दुओं के घरों में आग लगा दिया। चुन-चुन कर हिन्दुओं की गाड़ियों को आग के हवाले किया गया। कई ऐसे घरों को भी फूँक डाला गया, जिनमें अंदर लोग थे। उन्होंने किसी तरह बाहर भाग कर अपनी जान बचाई।लोहरदगा के लोगों का कहना है कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके बीच रहने वाले लोग इस तरह की हरकत कर सकते हैं। पुलिस ने आँसू गैस के गोले छोड़े और क़रीब 100 राउंड फायरिंग की गई। बेख़ौफ़ उपद्रवियों इतने ढीठ थे कि उन्होंने डीसी और एसपी जैसे अधिकारियों तक को नहीं बख्शा। उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
क़रीब 100 से ज़्यादा दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। कई चार पहिया वाहन भी धू-धू कर जले। पुलिस लगातार इस्लामी भीड़ को समझा रही थी लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे। रैली में शामिल लोग काफ़ी सहम गए। पथराव, आगजनी, मारपीट, तोड़फोड़ और दुर्व्यवहार की इस घटना के कारण स्थानीय लोगों में ख़ासा आक्रोश है। विहिप सहित अन्य हिन्दू संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि अगर 24 घंटों के भीतर दोषियों को पकड़ा नहीं गया तो आंदोलन किया जाएगा।
झारखंड के लोहरदगा में आज हिंदुओं पर मुस्लिमों द्वारा आक्रमण के बाद जो हिन्दू घर /प्रतिष्ठान मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में हैं आज रात्री को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी काँग्रेस समर्थित राज्य सरकार की है. विहिप इन हमलों की कडी निंदा करती है. प्रशासन मुकदर्शक क्यों है?
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) January 23, 2020
पूरे वारदात में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दो दर्जन से अधिक लोग लोहरदगा सदर अस्पताल में इलाजरत हैं। एक दर्जन से ज़्यादा घायलों को बेहतर इलाज हेतु राँची रेफर कर दिया गया है।
पथराव करने वालों में 8 से 12 साल तक के मुस्लिम बच्चे भी शामिल थे। लोहरदगा के स्थानीय लोगों का कहना है कि अमला टोली के मुट्ठी भर लोगों ने पूरे शहर को दिन भर एक तरह से बंधक बना कर रखा। ऐसा नहीं है कि शांति-व्यवस्था बना रखने के लिए हिन्दुओं ने कोई पहल नहीं की थी। मुस्लिम समुदाय से और उस इलाक़े के वरिष्ठ जनों व प्रबुद्ध लोगों से बातचीत कर के आश्वासन लिया गया था कि रैली को शांतिपूर्ण तरीके से गुजरने दिया जाएगा। इन सबके बावजूद मुस्लिम समुदाय के लोग हिंसा पर उतर आए। घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। रैली में बड़ी संख्या में महिलाएँ हिस्सा ले रही थीं, जिन्हें ख़ासी चोटें आई हैं।
पुलिस ने रात भर मुस्लिम समुदाय के लोगों को समझाया था कि वो शांति-व्यवस्था भंग न करें। इसके बावजूद दिन भर डीसी-एसपी भाग-दौड़ करते रहे और उपद्रवी पुलिस पर पथराव करते रहे। शहर में सन्नाटे का माहौल है। लोग डरे हुए हैं। मातम जैसा माहौल है। एक पुलिसकर्मी का माथा फट गया। एसपी के बॉडीगार्ड को चोटें आईं। कुछ घरों व दुकानों की छत पर पहले से ही ईंट-पत्थर इकट्ठे कर के रख लिए थे। रैली के वहाँ पहुँचते ही ईंट-पत्थर चलाए जाने लगे। घायलों में 24 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
अनुमान लगाया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के उत्पात के कारण करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इस घटना के बाद मुस्लिम बहुल अथवा मुस्लिमों के प्रभाव वाले इलाक़े में रह रहे हिन्दुओं के अपना ठिकाना बदल लिया है। कई परिवार तो शहर के धर्मशाला व होटलों में रुके हुए हैं। घटना के बाद पूरे जिले में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जिले के स्कूल-कॉलेजों को 2 दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
Lohardaga Dist Collector: Curfew imposed in Lohardaga. Schools-colleges to remain closed for 2 days. After this,decision will be taken as per situation. Situation under control. Extra forces deployed. #Jharkhand
— ANI (@ANI) January 24, 2020
Violence erupted y’day in Lohardaga town following a pro-CAA rally