Saturday, November 16, 2024
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अयोध्या में राम मंदिर: पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा सुन्नी वक्फ बोर्ड, 6-1 से लिया फैसला

सुन्नी वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी इस मामले के दो मुख्य मुस्लिम पक्ष थे। अंसारी भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।

अयोध्या भूमि विवाद में नौ नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। लखनऊ में मंगलवार (नवंबर 26, 2019) को हुई बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया। 6 सदस्य फैसले के समर्थन में थे, जबकि एकमात्र सदस्य अब्दुल रज्जाक ने इसका विरोध किया। एक अन्य सदस्य बैठक में मौजूद नहीं थे।

सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि रामलला को सौंपते हुए मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को कहीं और पॉंच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिय केंद्र सरकार को दिया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में मस्जिद के लिए जमीन कबूल करने के संबंध में कोई फैसला नहीं हो पाया है। इसकी पुष्टि खुद अब्दुल रज्जाक खान ने की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बोर्ड की अगली बैठक में विचार किया जाएगा। हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बोर्ड जमीन लेगा लेकिन वहाँ मस्जिद की बजाय इस्लामिक यूनिवर्सिटी बनेगी।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड कई मौकों पर पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने की बात कह चुका है। हालॉंकि आखिरी फैसला आज की बैठक में होने की बात कही गई थी। पिछली बैठक में बोर्ड के दो सदस्यों ने पु​नर्विचार याचिका दाखिल करने का समर्थन किया था। बोर्ड की बैठक से पहले जानी-मानी 100 मुस्लिम हस्तियों ने रिव्यू पीटिशन नहीं दाखिल करने अपील की थी। इनलोगों का कहना था कि पुनर्विचार दायर करना विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुँचाएगा।

सुन्नी वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी इस मामले के दो मुख्य मुस्लिम पक्ष थे। अंसारी भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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