अयोध्या भूमि विवाद में नौ नवंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। लखनऊ में मंगलवार (नवंबर 26, 2019) को हुई बोर्ड की बैठक में यह फैसला किया गया। 6 सदस्य फैसले के समर्थन में थे, जबकि एकमात्र सदस्य अब्दुल रज्जाक ने इसका विरोध किया। एक अन्य सदस्य बैठक में मौजूद नहीं थे।
Abdul Razzaq Khan,Sunni Waqf Board: Majority decision in our meeting is that review petition in Ayodhya case should not be filed. pic.twitter.com/pwexHmprHb
— ANI UP (@ANINewsUP) November 26, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि रामलला को सौंपते हुए मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में मुस्लिम पक्ष को कहीं और पॉंच एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिय केंद्र सरकार को दिया था। सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में मस्जिद के लिए जमीन कबूल करने के संबंध में कोई फैसला नहीं हो पाया है। इसकी पुष्टि खुद अब्दुल रज्जाक खान ने की। उन्होंने कहा कि इस संबंध में बोर्ड की अगली बैठक में विचार किया जाएगा। हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बोर्ड जमीन लेगा लेकिन वहाँ मस्जिद की बजाय इस्लामिक यूनिवर्सिटी बनेगी।
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सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के 8 में से 6 सदस्यों ने अयोध्या केस पर पुनर्विचार याचिका डालने से मना किया. साथ ही कोर्ट से आवंटित की गई ज़मीन को स्वीकार कर वहां इस्लामिक यूनिवर्सिटी बनाने का फैसला किया. @AnchorAnandN pic.twitter.com/FENLTIPrbI
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड कई मौकों पर पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने की बात कह चुका है। हालॉंकि आखिरी फैसला आज की बैठक में होने की बात कही गई थी। पिछली बैठक में बोर्ड के दो सदस्यों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का समर्थन किया था। बोर्ड की बैठक से पहले जानी-मानी 100 मुस्लिम हस्तियों ने रिव्यू पीटिशन नहीं दाखिल करने अपील की थी। इनलोगों का कहना था कि पुनर्विचार दायर करना विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम समुदाय को नुकसान पहुँचाएगा।
लखनऊ सुन्नी वक्फ बोर्ड की अहम बैठक आज,सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई 5 एकड़ जमीन लेने या ना लेने पर होगा विचार,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 17 नवंबर को 5 एकड़ जमीन को बताया था शरीयत के खिलाफ,सदस्यों का पहुचना शुरू @SunniHainHum @myogiadityanath @AIMPLB_Official pic.twitter.com/PKvlUC2Ec4
— Journalist Neelesh chauhan (@NeeleshChauha) November 26, 2019
सुन्नी वक्फ बोर्ड और इकबाल अंसारी इस मामले के दो मुख्य मुस्लिम पक्ष थे। अंसारी भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर चुके हैं। लेकिन, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।