Thursday, May 22, 2025
Homeदेश-समाज'किसानों को विरोध का अधिकार, लेकिन अनिश्चितकाल तक सड़क बंद नहीं रख सकते': SC...

‘किसानों को विरोध का अधिकार, लेकिन अनिश्चितकाल तक सड़क बंद नहीं रख सकते’: SC ने केंद्र-UP से समाधान खोजने को कहा

याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल ने कहा कि सार्वजनिक सड़कों को यातायात के लिए सुगम बनाए रखने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा पारित विभिन्न निर्देशों के बावजूद उनका पालन नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के सिंगल मदर होने के कारण उसे नोएडा से दिल्ली की यात्रा करना दूभर हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने पर इसका समाधान खोजने को कहा है। अदालत ने सोमवार (23 अगस्त) को नोएडा के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, ”आपको समाधान खोजना होगा, उन्हें आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन इस तरह से नोएडा से दिल्ली के बीच सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है।”

Bar and Bench की​ रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस एसके कौल ने नोएडा के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया, जिसमें किसानों के विरोध के कारण सड़कों पर की गई नाकेबंदी से राहत की माँग की गई थी। वहीं, यूपी सरकार ने इस मामले में शीर्ष अदालत को बताया है कि वह सुगम यातायात के लिए इस क्षेत्र को खाली कराने के लिए किसानों से अनुरोध कर रही है।

जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन सड़कों को अनिश्चित काल के लिए अवरुद्ध नहीं किया जा सकता है। इसलिए कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों को इसका समाधान निकालने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा, “आपको समाधान खोजना होगा, क्योंकि इसका समाधान केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के हाथों में है।”

याचिकाकर्ता मोनिका अग्रवाल ने कहा कि सार्वजनिक सड़कों को यातायात के लिए सुगम बनाए रखने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा पारित विभिन्न निर्देशों के बावजूद उनका पालन नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के सिंगल मदर होने के कारण उसे नोएडा से दिल्ली की यात्रा करना दूभर हो गया है।

बता दें कि शीर्ष अदालत के समक्ष दायर एक हलफनामे में यूपी सरकार ने कहा है कि वह किसानों को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों के अनुसार सड़कों को अवरुद्ध करके विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि किसानों द्वारा सड़कों को अवरुद्ध करने के अवैध कार्य को समझाने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार को इस मुद्दे की जाँच करने और समाधान के साथ कोर्ट को वापस रिपोर्ट करने का समय दिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कहाँ हैं बांग्लादेश के 2 ‘चिकन नेक’, इनके कटते ही कैसे बदल जाएगा नक्शा: असम CM ने क्यों की इसकी चर्चा, जानिए सब कुछ

बांग्लादेश के दोनों चिकन नेक्स जिन शहरों में हैं, वे शहर उसकी अर्थव्यवस्था के लिए सबसे जरूरी हैं। उन पर नियंत्रण खोने से बांग्लादेश पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा।

नेपाल बॉर्डर से भारत में घुसना चाहते हैं 37 आतंकी, पाकिस्तान-बांग्लादेश से पहुँचे खुली सीमा पर: SSB ने तैनात किए 1500+ जवान, पुलिस बोली-...

सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि करीब 37 पाकिस्तानी और बांग्लादेशी आतंकी इस समय नेपाल में मौजूद हैं और भारत में घुसपैठ करने की ताक में हैं।
- विज्ञापन -