सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना महामारी से जिनकी मौत हुई है उनके परिजन मुआवजे के हकदार हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) को छह सप्ताह के भीतर दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा गया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि वह केंद्र सरकार को मुआवजे के तौर पर एक विशेष राशि ही देने का निर्देश नहीं दे सकती है।
याचिकाकर्ताओं ने पीड़ित परिवारों को 4 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश देने की अपील की थी। साथ ही कोविड के कारण जान गँवाने पर मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया में भी सरलीकरण की गुहार लगाई थी। SC ने कहा कि कोविड पीड़ितों को अनुग्रह राशि सहित राहत का न्यूनतम मानक प्रदान करना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए वैधानिक रूप से अनिवार्य है।
A three-judge bench of the Supreme Court headed by Justice Ashok Bhsuhan, in its judgement, also directs the National Disaster Management Authority to ascertain within 6 weeks ex-gratia amount that can be paid to the family members of those who died due to COVID
— ANI (@ANI) June 30, 2021
कोर्ट ने COVID पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तय किया जाएगा कि पीड़ितों को कितनी राशि दी जाए। 6 हफ्ते में गाइडलाइन तैयार की जाएगी।
जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कोर्ट कोई मुआवजा तय नहीं कर सकती। सरकार अपनी नीति के मुताबिक पीड़ित परिवार को राहत देने का निर्णय ले सकती है। कोर्ट ने कहा कि सरकार अपने संसाधन के हिसाब से मुआवजा या राहत पर नीति तय कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी नियम और संसाधन के मुताबिक मुआवजा तय कर सकती है।
याचिका में केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कोरोना के कारण जान गँवाने लोगों के परिवारों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने का अनुरोध किया गया था। याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब माँगा था। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि आपदा प्रबंधन कानून में मुआवजे का प्रावधान केवल भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही लागू है, जिसे कोरोना महामारी पर लागू नहीं किया जा सकता है।
डेथ सर्टिफिकेट में ‘कोरोना से मौत’ लिखना होगा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह कोविड संक्रमण के कारण होने वाली मौतों के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने को आसान बनाने के लिए उचित दिशा-निर्देश भी जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह ‘कोरोना से मौत का दिन’ लिखना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोविड से मृत व्यक्ति के परिवारों को अनुग्रह सहायता देना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 के तहत निर्धारित ‘राहत के न्यूनतम मानकों’ का हिस्सा है।