सुप्रीम कोर्ट ने मुहर्रम जुलूस निकालने की माँग वाली याचिका को आज (अगस्त 27, 2020) सुनवाई के दौरान खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मुहर्रम जुलूस निकालने की इजाजत देंगे तो इससे अराजकता फैलेगी।
कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, “अगर हम जुलूस निकालने की अनुमति दे देंगे तो इससे आराजकता फैलेगी और फिर एक समुदाय विशेष को कोरोना फैलाने के नाम पर लक्षित किया जाएगा, जो सुप्रीम कोर्ट नहीं चाहेगा।” अदालत ने यह भी कहा कि वह ऐसा कोई आदेश नहीं देंगे जिससे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो।
“Granting general permissions for the whole country to take out #Muharram procession will lead to chaos. A whole community may be targeted for spreading the virus.”
— Live Law (@LiveLawIndia) August 27, 2020
– #CJI SA Bobde
पीठ ने वकील द्वारा शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बताया था कि जगन्नाथ पुरी मंदिर में रथ यात्रा की अनुमति दी गई थी।
पीठ ने पुरी यात्रा को लेकर कहा कि वह यात्रा एक जगह पर होती है और याचिकाकर्ता पूरे देश के लिए इजाजत माँग रहे हैं। अगर किसी एक जगह की बात होती, तो खतरे का आँकलन करके आदेश दिया जा सकता था।
Supreme Court’s CJI led bench refuses plea seeking permission to hold Muharram procession.#CJI: Cannot grant general directions & cannot expose you to that risk. We cannot give general directions. Case different from Puri or Jain temples as they had “identified areas of access”
— Live Law (@LiveLawIndia) August 27, 2020
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मुहर्रम के जुलूस के लिए कोई निश्चित स्थान नहीं होता है, जहाँ प्रतिबंध और सावधानी बरती जा सकती है। बेंच ने कहा कि आप एक समुदाय के लिए पूरे देश के लिए अस्पष्ट निर्देश माँग रहे हैं।
The petitioner had asked if permission for only Lucknow can be granted to hold the Muharram procession as a large percentage of the Shia Community resided there.#CJI asks the petitioner to approach Allahabad High Court as appropriate forum.
— Live Law (@LiveLawIndia) August 27, 2020
#Muharram
बता दें कि मुहर्रम जुलूस निकालने के लिए शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने याचिका दाखिल की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पूरे देश पर लागू होने वाला कोई आदेश नहीं दे सकते। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से अपील की थी कि हमें कम से कम लखनऊ में जुलूस की इजाज़त दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा।
गौरतलब है कि पूरे देश में मुहर्रम का त्योहार 29 अगस्त को मनाया जाना है। ऐसे में कोर्ट ने इस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें मुहर्रम जुलूस में केवल 5 लोगों को ही शामिल होने की इजाजत माँग थी।