तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में यातना देने का एक और मामला सामने आया है। राज्य में पुलिस हिरासत के दौरान एक युवक की बेरहमी से पिटाई किया जाने का आरोप लगा है। पिटाई से बुरी तरह जख्मी युवक ने शनिवार (जून 27, 2020) देर रात अस्पताल में दम तोड़ दिया, जिसके बाद यहाँ हंगामा खड़ा हो गया है।
मृतक युवक का नाम एन कुमारसेन बताया जा रहा है। एन कुमारसेन के रिश्तेदारों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया है और कुमारसेन के लिए न्याय की माँग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक सब-इंस्पेक्टर चंद्रशेखर और एक कॉन्स्टेबल कुमार पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 174 (3) के तहत केस दर्ज किया गया है।
घटना के बारे में मिली विस्तृत जानकारी के मुताबिक कुमारसेन पेशे से ऑटो ड्राइवर थे। कुछ दिनों पहले जमीन विवाद से जुड़े एक मामले में एन कुमारसेन को थाने में बुलाया गया था। इसी दौरान उसकी पिटाई करने का आरोप लगा था। बताया जा रहा है कि थाने में कुमारसेन को पूरे दिन रखा गया था। एक दिन बाद घर लौटने के बाद कुमारसेन ने किसी से बातचीत नहीं की थी।
कुछ ही देर बाद कुमारसेन को खून की उल्टियाँ होने लगीं। उनकी बिगड़ती हालत को देखे हुए उन्हें सुरंदई में स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद उन्हें थिरुनेलवेली सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जाँच के दौरान डॉक्टरों को पता चला की कुमारसेन के Kidney और Spleen बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे।
कुमारसेन ने बताया कि जमीन विवाद के सिलसिले में पूछताछ के लिए थाने में बुलाने के दौरान उनकी जमकर पिटाई की गई थी। कुमारसेन ने यह भी बताया था कि पुलिस वालों ने पिटाई के बाद उन्हें धमकी दी थी कि थाने से निकलने के बाद वो अपना मुँह बंद रखें। कुमारसेन के मुताबिक पुलिस वालों ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने इसकी शिकायत किसी से की तो वो उनके पिता को भी नुकसान पहुँचाएँगे।
गौरतलब है कि इससे पहले तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में एक पिता और बेटे की मौत की वजह से राज्य में आक्रोश पैदा हो गया था। पुलिस ने तूतीकोरिन में पी जयराज (59) और उनके बेटे जे बेनिक्स (Benicks, कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फ़ेनिक्स- Fenix भी, उम्र – 31 साल) को निर्धारित समय के बाद भी मोबाइल की दुकान खोले रखने पर 19 जून को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उनकी हिरासत में ही मृत्यु हो गई। आरोप है कि उन्हें हिरासत में यातना दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर लोगों ने दावा किया था कि पुलिसकर्मियों ने पिता और पुत्र के मलद्वार में लाठियाँ डालकर घुमाया और उन्हें यातनाएँ दीं। यह भी दावा किया गया कि पुलिस हिरासत में उनकी बेरहमी से पिटाई की गई जिससे पिता-पुत्र के जननांग भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।