जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में इस्लामी आतंकियों ने एक महिला कश्मीरी हिंदू (पंडित) की हत्या कर दी है। हाई स्कूल गोपालपोरा की शिक्षिका रजनी को आतंकियों ने स्कूल में गोलियों से छलनी कर दिया। घायल रजनी को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।
#UPDATE | Injured woman teacher, a Hindu & resident of Samba (Jammu division) succumbed to her injuries. Terrorists involved in this gruesome terror crime will be soon identified & neutralised: Kashmir Zone Police
— ANI (@ANI) May 31, 2022
महिला कश्मीरी पंडित और शिक्षिका की हत्या के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी की गई है। 31 मई 2022 को अंजाम दी गई इस घटना के बाद आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
#KulgamTerrorIncidentUpdate: Injured lady teacher, a #Hindu & resident of Samba (Jammu division) #succumbed to her injuries. #Terrorists involved in this #gruesome #terror crime will be soon identified & neutralised.@JmuKmrPolice https://t.co/8rZR3dMmLY
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) May 31, 2022
कश्मीर जोन की पुलिस का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंकियों को खोज निकाला जाएगा और उन्हें ढेर कर दिया जाएगा।
कश्मीरी हिंदुओं पर टार्गेटेड अटैक
कश्मीर के ही बडगाम में दो-तीन हफ्ते पहले 12 मई 2022 को लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने एक सरकारी कार्यालय में घुस कर 35 वर्षीय राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राहुल भट प्रवासी कश्मीरी हिंदुओं के रोजगार के लिए दिए गए विशेष पैकेज के लिए काम कर रहे थे।
जिस समय दोनों आतंकियों ने कार्यालय में घुसकर भट की हत्या की थी, उस समय शाम के लगभग साढ़े चार बज रहे थे और तहसील कार्यालय कर्मचारियों से भरा हुआ था। आतंकी दुस्साहस दिखाते हुए भरी ऑफिस में घुस गए और राहुल भट को सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी।
टार्गेटेड अटैक खौफ की रणनीति
राहुल भट की हत्या से पहले पिछले साल 7 अक्टूबर को आतंकियों ने प्रिंसिपल सतिंदर कौर और अध्यापक दीपक चंद की हत्या कर दी थी। 5 अक्टूबर को माखनलाल बिंद्रू को मौत के घाट उतारा गया था। 17 सितंबर को कॉन्स्टेबल बंटू शर्मा को जान से हाथ धोना पड़ा था। 8 जून को सरपंच अजय पंडिता की जान गई थी। यह सिलसिला मानो थमने का नाम नहीं ले रहा है।
राहुल भट या महिला शिक्षक रजनी की हत्या आम आतंकी घटना नहीं। यह टार्गेटेड किलिंग है। टार्गेटेड किलिंग इसलिए क्योंकि जिस ऑफिस/स्कूल में घुस कर आतंकी ऐसी घटना को अंजाम देते हैं, अगर यह आम आतंकी घटना होती तो वहाँ काम करने वाले दूसरे भी मारे जा सकते थे या घायल होते। क्या ऐसा हुआ? नहीं। क्या कारण हो सकता है? सिर्फ और सिर्फ टार्गेटेड किलिंग। भीड़ भरे ऑफिस/स्कूल/जगह में घुसना और नाम पूछ कर गोली मारना टार्गेटेड किलिंग नहीं है तो और क्या है?