लखनऊ में शनिवार (अगस्त 8, 2020) की दोपहर तब अचानक से हड़कंप मच गया, जब पत्रकारों को विदेशी नम्बरों से फोन कॉल्स आने लगे। 12 बजे के बाद करीब 3 बजे तक ये सिलसिला चला। फोन कॉल्स का लोकेशन यूनाइटेड स्टेट्स और एटलांटा बता रहा था। साथ ही ये फोन कॉल्स पर ‘यूसुफ अली’ का नाम दिखा रहा था। इन फोन कॉल्स में अयोध्या के राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर धमकियाँ दी जा रही थीं।
साथ ही मजहब विशेष वालों को भी भड़काया जा रहा है। अपील की जा रही है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध किया जाए और राम मंदिर भूमिपूजन को लेकर लोगों को भी भड़काया जा रहा है। लोगों को किए गए फोन कॉल्स में कहा गया कि भारत के मजहब विशेष वाले मिल कर अब एक अलग देश ‘उर्दूस्तान’ की माँग करें, जो भारत को खंडित कर के बनाया जाएगा। पत्रकारों ने तुरंत इस बात की शिकायत कराई।
लखनऊ स्थित हजरतगंज पुलिस स्टेशन में इसे लेकर मामला दर्ज किया गया है। लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि पत्रकारों के अलावा कई अन्य लोगों को भी फोन कॉल्स से वॉइस मैसेज प्राप्त हुए, जिसमें 15 अगस्त को होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोहों को लेकर धमकाया जा रहा है और साथ ही देश की एकता को खंडित किए जाने वाली बातें की जा रही हैं। इस मामले में FIR दर्ज हो गई है।
Several media persons & others have received a voice message from unknown numbers pretaining to Independence Day & unity of the country. An FIR is being registered at Hazratganj Police Station in Lucknow & strict action will be taken: Lucknow Police Commissioner Sujeet Pandey pic.twitter.com/5f86h7MEtW
— ANI UP (@ANINewsUP) August 8, 2020
पांडेय ने आश्वासन दिया कि इस मामले में पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। यूएपीए और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। हालाँकि, कई पत्रकारों ने इंटरनेशनल नम्बर देख कर कॉल नहीं उठाया था। लेकिन, लखनऊ में यूपी इन्फॉर्मेशन डिपार्टमेंट से जितने भी पत्रकार जुड़े हुए हैं, उन सभी को फोन कॉल्स आए। उत्तर प्रदेश में सैकड़ों पत्रकारों को ये कॉल्स आए।
कहा गया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर के राम मंदिर बनाया जा रहा है, इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर झंडा नहीं फहराने दिया जाएगा। साथ ही उदाहरण देते हुए भड़काया गया कि जिस तरह से सिख एक अलग खालिस्तान की माँग कर रहे हैं, उसी तरह से दूसरे मजहब वालों को भारत से कट कर एक अलग देश उर्दूस्तान के लिए प्रयास करना चाहिए। इसमें खालिस्तान का भी समर्थन किया गया।