Saturday, July 27, 2024
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गर्भवती निकली 3 तबलीगी महिलाएँ… जबकि 111 दिन से क्वारंटाइन, हिरासत में थीं, शौहर भी कल ही आए जेल से बाहर

इन महिलाओं ने गत 30 मार्च से 20 जुलाई तक कुल 111 दिन पुलिस हिरासत और क्वारंटाइन में ही बिताए हैं। जेल और क्वारंटाइन सेंटर में सख्त पाबंदियों के बावजूद यह कैसे सम्भव हुआ, चर्चा का विषय बना हुआ है।

राँची के एक क्वारंटाइन सेंटर और उसके बाद जेल में 111 दिनों से प्रशासन व पुलिस की निगरानी में रह रहीं तबलीगी जमात की 3 विदेशी महिलाएँ गर्भवती पाई गई हैं। मंगलवार (जुलाई 21, 2020) को यह मामला तब सामने आया, जब तीनों तबलीगी महिलाएँ और उनके पति समेत कुल 17 विदेशी जेल से बाहर निकले।

तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशियों को झारखंड हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद गत बुधवार (जुलाई 15, 2020) को सुनवाई के बाद सभी को जमानत प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इन्हें राँची पुलिस ने हिंदपीढ़ी की एक मस्जिद से गिरफ्तार किया था। इनमें मलेशिया, हॉलैंड, इंग्लैंड, जांबिया की चार महिला और 13 पुरुष शामिल थे।

दरअसल, राँची पुलिस ने मार्च के माह में सभी को गिरफ्तार करने के बाद खेलगाँव के क्वारंटाइन सेंटर में रखा था। इसके बाद एक विदेशी महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी। इन सभी की क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद निचली अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद सभी को जेल भेज दिया गया था।

इनमें पाँच विदेशी महिलाएँ, उनके पति और बाकी पुरुष गत 17 मार्च को दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज से होकर वापस राँची गए थे। इसके बाद, 30 मार्च को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ऐसे में लोगों का सवाल है कि क्वारंटाइन सेंटर और पुलिस हिरासत में आखिर यह कारनामा कैसे सम्भव हुआ?

अब करीब तीन माह से ज्यादा समय के बाद तीन महिलाओं के गर्भवती होने की खबर ने सबको हैरान कर दिया है। इन महिलाओं ने गत 30 मार्च से 20 जुलाई तक कुल 111 दिन पुलिस हिरासत में जेल में ही बिताए हैं। मई 20, 2020 को लगभग 50 दिनों के बाद इन सभी को खेलगाँव के क्वारंटाइन सेंटर से जेल भेज दिया गया था।

जागरण की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जेल और क्वारंटाइन सेंटर में सख्त पाबंदियों के बावजूद यह हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से एक महिला का गर्भ अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह से लेकर मई माह के पहले सप्ताह के बीच का बताया गया है है। जबकि, दो महिलाएँ इनसे कुछ दिनों पहले की गर्भवती हैं, लेकिन इनमें से किसी का भी गर्भ 3 माह से अधिक नहीं पाया गया है।

इनकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में भी यह तथ्य सामने आया है कि इन्हें कोरोना वायरस के दौरान क्वारंटाइन सेंटर में ही गर्भ ठहरा था। रिपोर्ट के अनुसार, इन महिलाओं को जेल भेजने से पूर्व उनकी मेडिकल जाँच और प्रेगनेंसी टेस्ट की गई थी, जिसमें इन तीनों महिलाओं ने एक माह का गर्भ होने की बात कही थी। ध्यान देने की बात है कि ये महिलाएँ इससे ठीक 50 दिनों पहले क्वारंटाइन सेंटर में थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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