साल 2020 को जाने में महज कुछ ही दिन बचे हैं। यह पूरा साल कोरोना वायरस को समर्पित रहा। जहाँ एक तरफ इस महामारी ने लोगों में दहशत फैला दिया, वहीं इस साल दूसरी महामारी (डिजिटल) यानी फेक न्यूज़ भी एक समस्या रही। इससे कोई भी अछूता नहीं रहा। कुछ लोगों ने उन पर यकीन किया तो कुछ ने नहीं किया।
फेक न्यूज के जरिए सोशल मीडिया पर लोगों को जम कर बरगलाने और भड़काने का काम किया गया। इसकी रोकथाम के लिए सरकार ने भी बहुत से कदम उठाए। कई बार ऐसा होता है कि किसी न किसी तरह हम सब फर्जी ख़बरों के झाँसे में आ ही जाते हैं। चलिए आपको उन 10 फेक न्यूज से रूबरू कराते हैं, जिन्हें इस पूरे साल असली समझ कर यूजर्स ने सोशल मीडिया पर जम कर शेयर किया:-
1. ट्रंप के आगे देश को बदनाम करने के लिए AAP समेत लिबरल गिरोह ने फैलाया झूठ, हुआ पर्दाफाश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान लिबरल गिरोह ने अपनी सारी युक्तियाँ लगाकर डोनॉल्ड ट्रंप के आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि के साथ देश की छवि मटियामेट करने का काम किया था। डोनॉल्ड ट्रंप के भारत दौरे से ठीक कुछ दिन पहले एक तस्वीर को सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया गया। इसमें यह दिखाया जा रहा था कि जिन दीवारों पर ट्रंप के स्वागत के लिए उनके पोस्टर बने हुए हैं, वहाँ तो भारतीय लोग पेशाब करके जा रहे हैं।
इस तस्वीर को 38 हजार फॉलोवर्स वाली आम आदमी पार्टी की सोशल मीडिया टीम की इंचार्ज एश्वरी वर्मा के साथ ही 20 हजार फॉलोवर्स वाले फिल्म निर्देशक और पत्रकार अविनाश दास ने भी शेयर किया था। हालाँकि यह तस्वीर डॉक्टर्ड (फोटोशॉप की गई) थी।
2. JNU में हमला कर रही नकाबपोश गुंडी ABVP कार्यकर्ता नहीं है, फैलाया जा रहा झूठ
5 जनवरी, 2019 को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में लाठी-डंडों से लैस वामपंथियों ने जम कर उत्पात मचाया था। इस दौरान जेएनयू कैंपस के अंदर हुई हिंसा को लेकर कई सारी भ्रामक सूचनाएँ फैलाई गई। हमले के बाद कई वीडियो सामने आए, जिसमें एक के बाद एक खतरनाक रूप से गढ़े गए प्रोपेगेंडा को देखा गया।
कैंपस में हुई हिंसा के एक वीडियो में नकाबपोश लोग डंडे और लोहे की रॉड लेकर मारपीट करते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान प्रदर्शनकारी यह कहते सुने जा सकते हैं, ‘कौन हो तुम लोग? किसे डराना चाह रहे हो?… एबीवीपी वापस जाओ।’
फिर क्या था, वामपंथियों के प्रोपेगेंडा ने रफ्तार पकड़ ली तो एक ट्विटर यूजर ने आरोप लगाया कि वीडियो में नकाबपोश गुंडों में से एक लड़की एबीवीपी कार्यकर्ता थी। सोशल मीडिया पर एबीवीपी को बदनाम करने की कोशिश में संगठन की एक कार्यकर्ता और नकाबपोश में लड़की की तस्वीर की तुलना करते हुए फ़ोटो को जमकर वायरल किया गया। हालाँकि बाद में यह तस्वीर फेक निकली।
3. कोरोना से बचने के लिए अत्यधिक गोमूत्र पीकर बीमार हुए बाबा रामदेव? कट्टरपंथियों के दावे का फैक्ट-चेक
कोरोना के शुरुआती दौर में बाबा रामदेव की एक फ़ोटो वायरल की गई। इसको लेकर दावा किया गया कि अधिक मात्रा में गोमूत्र का सेवन करने के बाद योग गुरु को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। हालाँकि ऐसा कुछ भी नहीं था। यह बाबा रामदेव की पुरानी तस्वीर थी, जिसे गोमूत्र का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया। बता दें कि यह जिहादी आतंकवादियों और इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं का मजाक उड़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पसंदीदा हथियार है।
4. रूस में लोगों को घर में रखने के लिए पुतिन ने सड़क पर छोड़े 500 शेर?
कोरोना वायरस को लेकर रूस की एक तस्वीर भी खासा वायरल हुई थी। जिसको अधिकतर लोगों ने सच भी माना था। दरअसल, ब्रेकिंग न्यूज़ बताते हुए रूस के सड़क पर शेर की घूमने वाली एक तस्वीर वायरल हुई थी। बताया जा रहा था कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिस पुतिन ने कोरोना के चलते लोगों को घर में रखने के लिए ये अनोखा तरीका निकाला। ये भी दावा किया जा रहा था कि रूस में ऐसे 500 शेर सड़कों पर खुले छोड़ दिए गए हैं। हालाँकि फैक्ट चेक में यह खबर फेक निकली।
5. ऋषि कपूर के अंतिम क्षणों का अस्पताल वाला वीडियो वायरल, पास में खड़ा हो गाना गा रहा लड़का
ऋषि कपूर की मौत के बाद एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे कई प्रमुख मीडिया संस्थानों ने इस दावे के साथ प्रकाशित किया कि ये ऋषि कपूर की मौत से बस एक रात पहले का है और जिसमें उन्हें मुस्कुराते हुए और एक युवक के साथ दीवाना” के एक गाना गाते देखा गया। दी ट्रिब्यून’ मीडिया हाउस से लेकर इंडिया टुडे और एबीपी तक ने अपने-अपने चैनलों और वेबसाइट पर इसे चलाया। वहीं तमाम सोशल मीडिया यूजर ने भी इसे शेयर किया था।
हालाँकि ऋषि कपूर के साथ रिकॉर्ड किया गया यह वीडियो फरवरी 2020 का है, ना कि ऋषि कपूर की मौत के एक रात पहले का। यह यूट्यूब पर फरवरी 2020 को शेयर किया गया था।
6. NDTV पत्रकार ने ‘प्रियंका गाँधी के 1000 बस’ के नाम पर शेयर की कुंभ मेले के बसों की तस्वीर
फेक न्यूज़ फैलाते हुए अक्सर पकड़े जाने वाले NDTV ने एक बार फिर अपनी पहचान के मुताबिक सरकार के खिलाफ अपना एजेंडा चलाते हुए एक फोटो से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की थी, जिसमें यूपी सरकार की ओर से कॉन्ग्रेस द्वारा भेजे जाने वाली बसों की खबर को उस फोटो के साथ शेयर किया गया, जिस फोटो को हम सभी ने पिछले वर्ष प्रयागराज में लगे कुंभ मेले में सबसे लंबी बस परेड का विश्व रिकॉर्ड बनने के दौरान देखा था।
7. ‘नीच’ कॉन्ग्रेस ने लड़की के साथ मोदी की तस्वीर लगाई, लिखा ऐशो-आराम की ज़िंदगी में मस्त…
कॉन्ग्रेस ने नीच राजनीति दिखाते हुए अपने ट्विटर एकाउंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो झूठे दावे के साथ शेयर की थी। कॉन्ग्रेस ने मोदी के साथ एक लड़की का वीडियो शेयर किया थी, जोकि उनका बाल बना रही थी। और यह साबित करने का प्रयास किया कि सरकार किसान की आवाज नहीं सुनती और ‘ऐशो-आराम की जिन्दगी में मस्त’ है। हालाँकि कॉन्ग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया था, वह अप्रैल 2016 में मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम के लिए नरेन्द्र मोदी की प्रतिमा के लिए ली गई थी।
वीडियो में इसे इस्तेमाल कर यह भ्रामक संदेश देने का काम किया गया था कि पीएम मोदी कोरोना वायरस के समय किसी आलिशान सैलून में अपने बाल बनवा रहे हैं।
8. क्या योगी आदित्यनाथ इन तस्वीरों में गैंगस्टर विकास दुबे के साथ खड़े हैं?
उत्तर प्रदेश में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे द्वारा पुलिस पर किए गए हमले के बाद योगी सरकार को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए गए थे। जिनमें से एक विकास दुबे को भाजपा नेता बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक तस्वीर वायरल हुई थी। इस तस्वीर में भी यह दावा किया गया कि यह वही खूॅंखार गैंगस्टर और ‘भाजपा नेता’ विकास दुबे है, जिसके कारण 02 जुलाई 2020 को कानपुर में 8 यूपी पुलिसकर्मियों की जान गई।
जबकि वास्तविकता यह थी कि तस्वीर में दिख रहा शख्स का नाम विकास दुबे जरूर था, लेकिन वह खूनी विकास दुबे नहीं बल्कि कानपुर का एक स्थानीय बीजेपी नेता है। जिसकी तस्वीर का इस्तेमाल लोगों को बरगलाने और सीएम योगी की छवि को खराब करने के लिए किया गया था।
9. टीवी और मिक्सर ग्राइंडर के कचरे से ‘ड्रोन बॉय’ प्रताप एनएम ने बनाए 600 ड्रोन: फैक्ट चेक में खुली पोल
सोशल मीडिया पर ‘ड्रोन बॉय’ प्रताप एनएम (Drone boy Prathap NM) ‘ड्रोन वैज्ञानिक’ बताते हुए एक लड़के की तारीफों की खूब पुल बाँधे गए थे। हालाँकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत थी। वायरल फ़ोटो में प्रताप के साथ एक बेहद आधुनिक नजर आने वाला ड्रोन मौजूद था। ड्रोन के ऊपर कई जगहों पर ACSL नाम का ब्रांड लिखा था।
बता दें कि ACSL एक जापानी कंपनी है, जो मानव रहित हवाई वाहन या ड्रोन बनाती है। वास्तव में प्रताप के साथ खींचे गए ड्रोन पर ACSL का लोगो है। थोड़ा से ऑनलाइन सर्च से ही पता चलता है कि यह ACSL द्वारा बनाया गया PF-1 ड्रोन है, और यह ‘ड्रोन बॉय’ द्वारा रिसाइकिल किए गए भागों से बना ड्रोन नहीं है।
तस्वीर में एक ACSL ब्रांडेड शर्ट वाला व्यक्ति भी है, और स्टॉल की दीवार में और दीवार पर लगे टीवी पर भी ACSL का लोगो देखा जा सकता है। ये सभी इस संभावना की ओर इशारा करते हैं कि प्रताप ने किसी प्रदर्शनी में भाग लिया था, जहाँ ACSL ने अपने ड्रोन दिखाए थे, और खुद को खड़ा कर जापानी कंपनी द्वारा बनाए गए ड्रोन में से एक के साथ फोटो लिया था।
10. हिन्दू युवा वाहिनी के नेता ने बनाए गधे की लीद से मिलावटी मसाले: मीडिया की खबर का DM ने किया खंडन
हाथरस के जिलाधिकारी ने हाल ही में एक ऐसी खबर का खंडन किया, जिसमें दावा किया जा रहा था कि हिन्दू युवा वाहिनी के नेता अनूप वार्ष्णेय की मसाले बनाने वाली फैक्ट्री में गधे की लीद और भूसे से मिलावटी मसाले तैयार किए जाते थे। यह फर्जी खबर कई समाचार समूह, समाजवादी पार्टी जैसे कुछ राजनीतिक दलों और फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। जोकि फेक न्यूज़ निकली।