Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाज'सलामत अंसारी और प्रियंका हमारे लिए हिन्दू-मुस्लिम नहीं, वो साथ रह सकते हैं' -...

‘सलामत अंसारी और प्रियंका हमारे लिए हिन्दू-मुस्लिम नहीं, वो साथ रह सकते हैं’ – इलाहाबाद HC

सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि वो दोनों को हिन्दू-मुस्लिम के रूप में देखती ही नहीं। जबकि प्रियंका के परिवार ने सलामत पर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को बहला-फुसला कर ले जाया गया, जिसके बाद...

देश भर में कई मामले सामने आने के बाद ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। उत्तर प्रदेश में ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के खिलाफ क़ानून बनाने के लिए चल रही तैयारियों के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि सभी नागरिकों को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार तो है ही, साथ ही क़ानून दो बालिग़ व्यक्तियों को स्वेच्छा से एक साथ रहने की अनुमति प्रदान करता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दो व्यक्ति चाहे विपरीत सेक्स के हों या समान सेक्स के हों, उन्हें संविधान अनुमति देता है कि वो अपनी मर्जी से साथ रहें। अदालत ने कुशीनगर निवासी सलामत अंसारी और प्रियंका खरवार मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की और कहा कि बालिग़ स्त्री-पुरुषों को साथ रहने का अधिकार क़ानून ही देता है। साथ ही कहा कि उनके शांतिपूर्ण जीवन में दखल देने का अधिकार न तो किसी व्यक्ति, और न ही किसी परिवार को है।

अदालत ने यहाँ तक कहा कि कोई सरकार भी उनके जीवन में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सलामत और प्रियंका ने मुस्लिम रीति-रिवाज से परिवार की मर्जी के खिलाफ अगस्त 2019 में निकाह किया था। प्रियंका के परिवार ने सलामत पर आरोप लगाया कि उनकी बेटी को बहला-फुसला कर ले जाया गया है, जिसके बाद आरोपित के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही थी। जस्टिस पंकज नकवी और विवेक अग्रवाल की डिवीजन बेच ने इसकी सुनवाई की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यहाँ तक कहा कि अदालत तो सलामत और प्रियंका को हिन्दू-मुस्लिम के रूप में देखती ही नहीं है। दर्ज की गई FIR को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि ये प्रियंका की मर्जी है कि वो किससे मिलना चाहती हैं और किससे नहीं। लेकिन, साथ ही कोर्ट ने प्रियंका से भी कहा कि वो अपने परिवार की बेटी होने के कारण उनके साथ उचित सम्मान और शिष्टाचार का व्यवहार करें।

‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ पर चहुँओर चल रही बहस के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ये तो व्यक्ति की पर्सनल लिबर्टी का हिस्सा है और उसमें अगर कोई हस्तक्षेप कर के उसका अतिक्रमण करता है, तो ये दो लोगों के बीच ‘फ्रीडम ऑफ चॉइस’ का उल्लंघन है।

सरकारी वकील का कहना था कि शादी के लिए धर्मांतरण के कारण इस निकाह की क़ानूनन कोई वैधता नहीं है, इसीलिए कोर्ट इस पर ‘एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी जजमेंट’ देने से बचे। साथ ही कोर्ट ने अंसारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अतिशयोक्तिपूर्ण और गलत तरीके से प्रेरित करार दिया।

हाल ही में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अगले सत्र में ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के खिलाफ कानून को लेकर बिल लाने की बात कही थी। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवौसी ने इसे संविधान की भावना के खिलाफ बताया था। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा है तो स्पेशल मैरिज एक्ट को तब खत्म कर दें।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

नारायणमूर्ति का 4 महीने का पोता अरबपतियों की लिस्ट में शामिल, दादा ने दिए इंफोसिस के ₹240 करोड़ के शेयर

अपने पोते एकाग्रह को नारायणमूर्ति ने अपनी कम्पनी इंफोसिस के 15 लाख शेयर दिए हैं। यह शेयर उन्होंने अपने हिस्से गिफ्ट के तौर पर दिए हैं।

‘शानदार… पत्रकार हो पूनम जैसी’: रवीश कुमार ने ठोकी जिसकी पीठ इलेक्टोरल बॉन्ड पर उसकी झूठ की पोल खुली, वायर ने डिलीट की खबर

पूनम अग्रवाल ने अपने ट्वीट में दिखाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर जारी लिस्ट में गड़बड़ है। इसके बाद वामपंथी मीडिया गैंग उनकी तारीफ में जुट गया। लेकिन बाद में हकीकत सामने आई।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe