अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले राम की नगरी श्रद्धालुओं से पट गई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक करीब 30 लाख लोगों ने 14 कोसी परिक्रमा पूरी की। अब प्रशासन गुरुवार (7 नवंबर) को होने वाली पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी में जुटा है। अनुमान है कि 20 लाख श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेंगे।
राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद और आतंकवादी हमले की आशंका के बीच परिक्रमा बुधवार सुबह पूरी हुई। परिक्रमा में हर आयु वर्ग के श्रद्धालु शामिल थे। पूरा परिक्रमा पथ राम के जयघोष से गूॅंज उठा। परिक्रमा पूरी करने के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और नागेश्वरनाथ समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में पूजा की।
कार्तिक पूर्णिमा मेला और परिक्रमा को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम पहले से थे। आतंकी हमले के इनपुट के बाद सुरक्षा-व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। खुफिया सूत्रों के हवाले से कुछ खबरों में बताया गया है कि 7 पाकिस्तानी आतंकी नेपाल के रास्ते यूपी में दाखिल हुए हैं। आशंका जताई जा रही है कि ये गोरखपुर और फैजाबाद में छिपे हो सकते हैं तथा भगवा लिबास में अयोध्या में हमले को अंजाम दे सकते हैं।
अयोध्या के एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से 1600 गाँवों में 16,000 वालंटियर्स को लगाया गया है। सभी मोबाइल एप के जरिए आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर किसी तरह की अफवाह फैलने से रोकने के लिए भी तैयारी की गई है। प्रशासन सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी कर रहा है।
Ayodhya SSP Ashish Tiwari on Ayodhya case: Elaborate deployment,intelligence network&confidence-building measures are in place.We’ve launched mobile application connecting 16,000 volunteers in 1,600 villages,10 volunteers each.We’re also actively refuting rumours on social media. pic.twitter.com/fr1vq2NUon
— ANI UP (@ANINewsUP) November 6, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर प्रशासन ने पहले से ही अयोध्या में विजयोत्सव निकालने पर रोक, लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक सहित कई पाबंदियां लगा रखी है। 4 नवम्बर से लेकर 18 नवम्बर तक पुलिस ने विशेष निषेधाज्ञा लागू कर रखी है। ज़िले में धारा 144 को बढ़ाकर 28 दिसंबर तक लागू कर दिया गया है। गौरतलब है कि बीते महीने 40 दिन की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश के अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अयोध्या मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 17 नवंबर से पहले फैसला आने की उम्मीद है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई शहर में पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे ने दूसरे समुदाय से शान्ति की अपील करते हुए मुलाक़ात की। बता दें कि जन्मभूमि पर कारसेवा करने के जवाब में साल 1993 में मुंबई नगरी सीरियल ब्लास्ट से दहल उठी थी जिसमें सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गँवा दी थी।