Tuesday, October 8, 2024
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उन्‍नाव केस: जहर खाने से हुई दोनों लड़कियों की मौत, शरीर पर चोट के निशान नहीं- पोस्टमॉर्टम से खुला राज

"अब तक की जाँच के अनुसार, चश्मदीद गवाहों के बयान और डॉक्टरों की राय के आधार पर घटनास्थल पर काफी झाग पाया गया। इसलिए प्रथम दृष्टया जहर के लक्षण हैं। हम मामले की जाँच कर रहे हैं। शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं।"

उन्नाव की दोनों किशोरियों का पोस्टमार्टम हो चुका है। पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों का कहना है कि दोनों किशोरियों की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है। दोनों ने मौत से करीब 6 घंटे पहले खाना खाया था। दोनों के पेट में 100 से लेकर 80 ग्राम तक खाना मिला है। खाने में जहर होने की वजह से मौत हो गई।

उन्नाव के एसपी आनंद कुलकर्णी ने ANI को बताया, “अब तक की जाँच के अनुसार, चश्मदीद गवाहों के बयान और डॉक्टरों की राय के आधार पर घटनास्थल पर काफी झाग पाया गया। इसलिए प्रथम दृष्टया जहर के लक्षण हैं। हम मामले की जाँच कर रहे हैं। शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं।”

मृत पाई गई दोनों लड़कियों के पोस्‍टमार्टम के लिए प्रशासन ने तीन डॉक्‍टरों का पैनल बनाया था। बुधवार (फरवरी 17, 2021) देर शाम तीन नाबालिग दलित लड़कियाँ उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गाँव के एक खेत में बेहोशी की हालत में मिली थी। इनमें दो की मौत हो चुकी थी, जबकि एक को सीएचसी से जिला अस्पताल और उसके बाद कानपुर रीजेंसी अस्‍पताल रेफर किया गया। इलाज के 12 घंटे बाद भी उसकी हालत गंभीर है। उसे बैग और ट्यूब वेंटिलेशन पर रखा गया है। अस्पताल की चाइल्ड केयर यूनिट उसका गहनता से इलाज कर रही है।

मामले के खुलासे के लिए रात भर पुलिस का एक्‍शन जारी रहा। पुलिस ने मामले में चार युवकों को उठा लिया। उनसे पूछताछ चल रही है। उठाए गए चारों युवक बाबूरहा के बगल के गाँव के हैं। देर रात तक पुलिस असोहा के बाबूरहा गाँव में ही डटी रही। उन्नाव जनपद के नौ थानों की पुलिस फोर्स गाँव में तैनात है। इसके साथ ही 19 दरोगाओं, 70 मुख्य आरक्षी, 30 सिपाहियों की अतिरिक्त तैनाती की गई।

इस दौरान करीब 2:30 बजे पुलिस पीड़ित परिवार को लेकर थाने पहुँची, जहाँ एडीजी एसएन सावंत और आईजी लक्ष्मी सिंह ने उनसे घटना के बारे में पूछताछ की। लोगों ने इस केस की एकमात्र गवाह बची किशोरी को बचाने की गुहार लगाते हुए उसे तुरंत दिल्ली एम्स में शिफ्ट करने की माँग की।

घटना के खुलासे के लिए टीम गठित की गई है जो हर पहलुओं का निरीक्षण करेगी। उधर, परिवार ने पूरे मामले की जाँच सीबीआई से कराने की माँग की है। गौरतलब है कि पुलिस ने पहले ही संदेह जताया था कि इन लड़कियों ने जहर खाया होगा और डॉक्टर्स का भी प्रथम दृष्टया यही कहना है क्योंकि घटनास्थल पर किसी तरह के कोई अन्य साक्ष्य फिलहाल नहीं मिले, ना ही उनके शरीर पर किसी तरह के कोई चोट के निशान थे। दोनों बड़ी लड़कियाँ बहनें हैं, जबकि उनमें से सबसे छोटी लड़की उनकी चचेरी बहन थी। मामले की जाँच के लिए पुलिस ने 6 टीमें गठित की हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि लड़कियों के भाई ने कहा कि उनके हाथ और पैर बँधे हुए पाए गए थे। छोटी लड़कियों को अस्पताल पहुँचने पर मृत घोषित कर दिया गया, जबकि 17 वर्षीय की हालत गंभीर बनी हुई है।

पत्रकारों से बात करते हुए, लड़कियों के भाई ने कहा, “वे खेत में घास लेने गईं थीं। आज उन्हें घर लौटने में जब देर हुई तो हम उनकी तलाश में गए। हमने उन्हें अपनी चुन्नी से बँधा हुआ पाया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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