उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में शनिवार (16 अक्टूबर 2021) रात दर्जन भर से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी तौफीक की पुलिस से मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ प्रतापगढ़ के बाबूतारा इलाके में हुई। पुलिस के अनुसार दोनों तरफ से चली गोलीबारी में तौफीक घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय रविवार (17 अक्टूबर 2021) को उसकी मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रतापगढ़ पुलिस के लालगंज थाने की टीम और जिले की स्वाट टीम ने इस मुठभेड़ में सामूहिक रूप से हिस्सा लिया था। यह मुठभेड़ तब हुई, जब पुलिस को जिले के बाबूतारा गाँव में एक अपराधी के होने की सूचना मिली थी। सूचना इस बात की भी थी कि अपराधी किसी बड़ी योजना को अंजाम देने वाले हैं।
पुलिस ने मौके पर पहुँच कर अपराधी की घेराबंदी की और सरेंडर करने को कहा। जवाब में सामने से गोलियाँ चलने लगी। इस अप्रत्याशित हमले में कॉन्स्टेबल सत्यम यादव और कॉन्स्टेबल श्रीराम घायल हो गए। दोनों को प्रयागराज के SRN अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
अपराधियों की ओर से जब सरेंडर के बजाय गोली चलाई जाने लगी तो जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई। इसी जवाबी फायरिंग में तौफीक घायल हुआ और उसकी मौत हुई।
एनकाउंटर के बाद तौफिक के परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी कर तौफीक का शव जब उसके गाँव लाया गया तो तनाव फैल गया। मृतक की पत्नी ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया। वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने पर 20 घंटे बाद उसका जनाजा उठा।
गाँव-परिवार वालों के हंगामे के बाद इस घटना ने राजनैतिक रूप ले लिया। सबसे पहले AIMIM पार्टी इसमें कूदी। इस मामले में पार्टी मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयानबाजी की। भीड़ को सम्बोधित करते हुए उन्होंने इसको फेक एनकाउंटर बताया।
प्रतापगढ #Taufeeq #FakeEncounter पर असदउद्दीन ओवैसी @asadowaisi साहब ने क्या कहा सुने …! #OwaisiInUttarpradesh #AIMIMUttarPradesh pic.twitter.com/7ywWutslQw
— AIMIM RAEBARELI (@Aimim_Raebareli) October 23, 2021
इसके बाद राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी इसे लपक लिया। इस मुद्दे पर इसने समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस की धर्मनिरपेक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने लिखा, “प्रतापगढ़ के बाबूतारा गाँव के निवासी तौफीक खान के एनकाउंटर पर सभी तथाकथित सेक्युलर नेता एवं पार्टियाँ खामोश हैं। क्योंकि मरने वाला दुबे, मिश्रा या गुप्ता नहीं है। प्रियंका, राहुल, अखिलेश या और कोई तथाकथित सेक्युलर कैसे बोले? हिंदू वोटर नाराज़ हो जाएगा?”
प्रतापगढ़ के बाबूतारा गाँव के निवासी तौफ़ीक़ खान के एनकाउंटर पर सभी तथाकथित सेक्युलर नेता एवं पार्टियां खामोश हैं, क्योंकि मरने वाला दुबे, मिश्रा या गुप्ता नहीं है ।प्रियंका ,राहुल ,अखिलेश या और कोई तथाकथित सेक्युलर कैसे बोले.? हिंदू वोटर नाराज़ हो जाएगा.?
— Rashtriya Ulama Council (RUC) (@RUConline) October 20, 2021
सब कुछ हो रहा। आरोप गढ़े जा रहे लेकिन घायल पुलिस वालों के लिए कोई नहीं लिख-बोल रहा। ना ओवैसी ना ही उलेमा। जो पुलिस वाले घायल हुए हैं, जरा उनका वीडियो भी देख लेते हैं।
उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम है, कॉन्ग्रेस कैसे नहीं कूदती? इसके अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी इमरान प्रतापगढ़ी ने मोर्चा संभाल लिया। ट्वीट में लिखा, “प्रतापगढ़ में तौफीक नामक व्यक्ति को गोली मारने की पुलिसिया कहानी में इतना झोल है कि पहली नज़र में फ़र्ज़ी लगती है, मृतक तौफीक की पत्नी के आरोप पूरे प्रतापगढ़ पुलिस को कटघरे में खड़ा करती है।”
प्रतापगढ़ में तौफीक नामक व्यक्ति को गोली मारने की पुलिसिया कहानी में इतना झोल है कि पहली नज़र में फ़र्ज़ी लगती है,मृतक तौफीक की पत्नी के आरोप पूरे @pratapgarhpol को कटघरे में खड़ा करते हैं ।@INCMinority का एक डेलिगेशन जल्द ही परिवार से मिलेगा । pic.twitter.com/vVizdGgkxP
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) October 21, 2021
इमरान प्रतापगढ़ी वही कॉन्ग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने कहा था कि ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करो। इनके अनुसार कॉन्ग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा जल्द ही तौफीक के परिवार से मिलने जाएगा। कॉन्ग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना को भुनाना चाहा।
समाजवादी पार्टी के कई नेता तौफीक के परिवार से मिलने भी गए। पार्टी ने ट्वीट करके आरोप के बजाय “पुलिस ने दौड़ा कर मारी गोली” जैसे शब्द लिख कर फैसला भी सुना दिया। मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने तक की माँग की लेकिन घायल पुलिस वालों के लिए एक शब्द नहीं लिखा।
मुख्यमंत्री की “ठोक दो नीति” के कारण यूपी पुलिस बेलगाम!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 22, 2021
प्रतापगढ़ के लालगंज कोतवाली क्षेत्र में युवक को पकड़ने गई पुलिस ने दौड़ा कर मारी गोली,हुई मौत।
पत्नी का आरोप पुलिस वालों ने रची मुठभेड़ की कहानी।
मामले की हो जांच।दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करे सरकार। pic.twitter.com/QnzWABZRUM
इस घटनाक्रम पर ऑप इंडिया ने प्रतापगढ़ पुलिस से मृतक तौफीक के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई। पुलिस के अनुसार अब तक उत्तर प्रदेश के ही अलग-अलग जिलों में लगभग एक दर्जन से अधिक मुकदमों उस पर हैं। अन्य प्रदेशों में तौफीक पर जो मुकदमे दर्ज हैं, उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। तौफीक पर दर्ज मुकदमों में एक POCSO एक्ट भी है।
इस मामले में ऑप इंडिया न्यूज़ ने प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अब तक प्रतापगढ़ और आस-पास के जिलों को ही मिला कर तौफीक पर 16 मुकदमों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। तौफीक एक पेशेवर अपराधी था, जिस पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में भी केस होना संभावित है। पुलिस इन राज्यों से भी उसके बारे में सूचना मँगवा रही है।