Friday, April 26, 2024
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15+ मामलों के अपराधी तौफीक के लिए रो रहे कॉन्ग्रेस-सपा वाले, एनकाउंटर में गंभीर घायल 2 पुलिस वालों पर ‘चुप्पी’

ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करने वाले कॉन्ग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी से लेकर AIMIM वाले ओवैसी... समाजवादी पार्टी और उलेमा काउंसिल... सब के सब अपराधी की मौत पर राजनीति कर रहे। UP पुलिस के 2 जवान जो गंभीर रूप से घायल हैं, उन पर सब चुप।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में शनिवार (16 अक्टूबर 2021) रात दर्जन भर से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी तौफीक की पुलिस से मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ प्रतापगढ़ के बाबूतारा इलाके में हुई। पुलिस के अनुसार दोनों तरफ से चली गोलीबारी में तौफीक घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय रविवार (17 अक्टूबर 2021) को उसकी मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रतापगढ़ पुलिस के लालगंज थाने की टीम और जिले की स्वाट टीम ने इस मुठभेड़ में सामूहिक रूप से हिस्सा लिया था। यह मुठभेड़ तब हुई, जब पुलिस को जिले के बाबूतारा गाँव में एक अपराधी के होने की सूचना मिली थी। सूचना इस बात की भी थी कि अपराधी किसी बड़ी योजना को अंजाम देने वाले हैं।

पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ UP

पुलिस ने मौके पर पहुँच कर अपराधी की घेराबंदी की और सरेंडर करने को कहा। जवाब में सामने से गोलियाँ चलने लगी। इस अप्रत्याशित हमले में कॉन्स्टेबल सत्यम यादव और कॉन्स्टेबल श्रीराम घायल हो गए। दोनों को प्रयागराज के SRN अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

अपराधियों की ओर से जब सरेंडर के बजाय गोली चलाई जाने लगी तो जवाब में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में गोली चलाई। इसी जवाबी फायरिंग में तौफीक घायल हुआ और उसकी मौत हुई।

एनकाउंटर के बाद तौफिक के परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी कर तौफीक का शव जब उसके गाँव लाया गया तो तनाव फैल गया। मृतक की पत्नी ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया। वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने पर 20 घंटे बाद उसका जनाजा उठा।

गाँव-परिवार वालों के हंगामे के बाद इस घटना ने राजनैतिक रूप ले लिया। सबसे पहले AIMIM पार्टी इसमें कूदी। इस मामले में पार्टी मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी बयानबाजी की। भीड़ को सम्बोधित करते हुए उन्होंने इसको फेक एनकाउंटर बताया।

इसके बाद राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी इसे लपक लिया। इस मुद्दे पर इसने समाजवादी पार्टी और कॉन्ग्रेस की धर्मनिरपेक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने लिखा, “प्रतापगढ़ के बाबूतारा गाँव के निवासी तौफीक खान के एनकाउंटर पर सभी तथाकथित सेक्युलर नेता एवं पार्टियाँ खामोश हैं। क्योंकि मरने वाला दुबे, मिश्रा या गुप्ता नहीं है। प्रियंका, राहुल, अखिलेश या और कोई तथाकथित सेक्युलर कैसे बोले? हिंदू वोटर नाराज़ हो जाएगा?”

सब कुछ हो रहा। आरोप गढ़े जा रहे लेकिन घायल पुलिस वालों के लिए कोई नहीं लिख-बोल रहा। ना ओवैसी ना ही उलेमा। जो पुलिस वाले घायल हुए हैं, जरा उनका वीडियो भी देख लेते हैं।

उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम है, कॉन्ग्रेस कैसे नहीं कूदती? इसके अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रभारी इमरान प्रतापगढ़ी ने मोर्चा संभाल लिया। ट्वीट में लिखा, “प्रतापगढ़ में तौफीक नामक व्यक्ति को गोली मारने की पुलिसिया कहानी में इतना झोल है कि पहली नज़र में फ़र्ज़ी लगती है, मृतक तौफीक की पत्नी के आरोप पूरे प्रतापगढ़ पुलिस को कटघरे में खड़ा करती है।”

इमरान प्रतापगढ़ी वही कॉन्ग्रेसी नेता हैं, जिन्होंने कहा था कि ब्यूरोक्रेसी पर कब्जा करो। इनके अनुसार कॉन्ग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा जल्द ही तौफीक के परिवार से मिलने जाएगा। कॉन्ग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना को भुनाना चाहा।

समाजवादी पार्टी के कई नेता तौफीक के परिवार से मिलने भी गए। पार्टी ने ट्वीट करके आरोप के बजाय “पुलिस ने दौड़ा कर मारी गोली” जैसे शब्द लिख कर फैसला भी सुना दिया। मुठभेड़ में शामिल पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने तक की माँग की लेकिन घायल पुलिस वालों के लिए एक शब्द नहीं लिखा।

इस घटनाक्रम पर ऑप इंडिया ने प्रतापगढ़ पुलिस से मृतक तौफीक के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई। पुलिस के अनुसार अब तक उत्तर प्रदेश के ही अलग-अलग जिलों में लगभग एक दर्जन से अधिक मुकदमों उस पर हैं। अन्य प्रदेशों में तौफीक पर जो मुकदमे दर्ज हैं, उनकी भी जानकारी जुटाई जा रही है। तौफीक पर दर्ज मुकदमों में एक POCSO एक्ट भी है।

मृत तौफीक द्वारा किए गए अब तक ज्ञात अपराधों की लिस्ट

इस मामले में ऑप इंडिया न्यूज़ ने प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अब तक प्रतापगढ़ और आस-पास के जिलों को ही मिला कर तौफीक पर 16 मुकदमों की जानकारी जुटाई जा चुकी है। तौफीक एक पेशेवर अपराधी था, जिस पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात में भी केस होना संभावित है। पुलिस इन राज्यों से भी उसके बारे में सूचना मँगवा रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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