उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शामली जिले से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान कलीम के रूप में हुई। वह अपनी अम्मी आमना और अब्बू नफीस के साथ पाकिस्तान को जेल से रिहा होकर 12 अगस्त 2023 को भारत लौटा था। वह व्हाट्सएप के जरिए ISI को सेना से जुड़ी फोटो भेजता था। उसके फोन से राफेल विमान व अखण्ड भारत की फोटो तथा अखबारों की कटिंग मिली हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एसटीएफ मेरठ को सूचना मिली थी कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ लोग कई शहरों में हथियारों के जरिए आतंक फैलाने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद एसटीएफ ने 16 अगस्त 2023 को शामली के नोकुआँ में छापेमारी कर कलीम को हिरासत में लेकर करीब 10 घण्टे तक पूछताछ की थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने तहसीम निवासी मोमीनपुरा घेरबुखारी नोकुआँ रोड शामली और यूसुफ समसी निवासी तेलीय वाला चौक आली सहारनपुर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल, तहसीम और युसुफ फरार चल रहे हैं। दोनों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
गौरतलब है कि पकड़े गए कलीम का भाई तहसीम पुराना आर्म्स डीलर है। उस पर पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हथियारों की तस्करी के मुकदमे दर्ज हैं। कलीम पाँच भाई है। वह तीसरे नंबर पर है। उसके सभी भाइयों का निकाह हो चुका है और वह अभी अविवाहित है।
करीब 4-5 दिन पहले कलीम पाकिस्तान से भारत लौटा था। आरोप है कि कलीम यहाँ पर लोगों को जेहाद फैलाने के लिए उकसा रहा था। वह भारत में मुजाहिदीन की जमात बनाने की तैयारी में था। वह लोगों से कहता था कि ‘आप मेरे लिए शहादत की दुआ करना’ तथा ‘आपके जो दोस्त मुजाहिद बनना चाहते हैं उनसे मेरी बात करा देना’।
जाँच में सामने आया है कि कलीम, तहसीम और यूसुफ भारत में दहशतगर्दी फैलाने की तैयारी में थे। इसके लिए वे कुछ अन्य लोगों को भी भड़का रहे थे। STF ने कलीम के मोबाइल से रक्षा संस्थान, आर्मी ऑफिसर, राफेल विमान, अखण्ड भारत की तस्वीर, कुछ अखबारों की कटिंग और उर्दू में लिखे कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। इन्हें उसने पाकिस्तान भेजा था।
पूछताछ में कलीम ने यह भी खुलासा किया है कि ISI के इशारे पर वह राजस्थान के अनूपगढ़ गया था। यहीं से सेना से जुड़े फोटो खींचे थे। वह व्हाट्सएप पर 5 संदिग्ध ग्रुपों से जुड़ा हुआ था। व्हाट्सएप के जरिए ही वह सेना से जुड़े फोटो ISI को भेजता था। उसके फोन में पाकिस्तान के कई नंबर मिले हैं।
कलीम ने फर्जी आईडी पर एक सिम खरीदी थी। इस फर्जी सिम के जरिए ही वह व्हाट्सएप चलाता था। कलीम का व्हाट्सएप पाकिस्तान के आईएसआई ऑपरेटिव आतंकी दिलशाद उर्फ मिर्जा उर्फ शेख खालिद हाफिज के मोबाइल पर भी एक्टिव था। कलीम का भाई तहसीम भी आतंकी दिलशाद के संपर्क में था। वह भी व्हाट्सएप के जरिए दिलशाद से बात करता था।
मामले की जाँच कर रहे SSP का कहना है कि पूछताछ में सामने आया है कि कलीम की बुआ पाकिस्तान में रहती है। उससे मिलने वह अक्सर पाकिस्तान जाता था। बुआ की ISI हैंडलर और एजेंट से पहचान है। वह भी उन लोगों से मिलता था। इसी दौरान पैसों का लालच देकर उसे ISI के इशारे पर काम करने के लिए कहा गया था।
ISI ने कलीम को भारत में शरीयत कानून लागू कराकर देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के नाम पर भड़काया था। साथ ही भारत में दहशत फैलाने और दंगा कराने के लिए हथियार व गोला-बारूद देने की बात कही थी। कलीम तीन ह्वाट्सएप चलाता था। उसके पास से दो सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं।
बता दें कि कलीम 12 अगस्त को ही अपनी अम्मी आमना और अब्बू नफीस के साथ पाकिस्तान जेल से रिहा होकर भारत लौटा था। ये लोग अवैध पिस्टल रखने के आरोप में जुलाई 2022 से पाकिस्तान जेल में बंद थे।