उत्तर प्रदेश में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में वडोदरा से गिरफ्तार आरोपित सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख को लेकर पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि शेख ने चैरिटेबल ट्रस्ट AFMI (अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम्स ऑफ इंडियन ओरिजिन) के माध्यम से दिल्ली में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में हुए दंगों के आरोपितों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगभग 60 लाख रुपए खर्च किए गए थे। इसके अलावा, लगभग 6 करोड़ रुपए इस्लाम में धर्मांतरण कराने और गुजरात समेत अन्य स्थानों में मस्जिदों के निर्माण में खर्च करने के लिए उपलब्ध कराए गए।
यूपी और गुजरात ATS की जाँच में पता चला कि सामाजिक सेवा के नाम पर सलाउद्दीन की संस्था AFMI विदेशों से फंड इकठ्ठा करने का काम करती थी। इस संस्था को पिछले 5 सालों में मिले लगभग 24.48 करोड़ रुपए में से 19.03 करोड़ रुपए ट्रस्ट के FCRA खाते में आई थी, जबकि बाकी राशि हवाला के माध्यम से प्राप्त हुई थी।
बुधवार (25 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने बताया कि AFMI ट्रस्ट द्वारा इकठ्ठा किए गए फंड में से सलाउद्दीन ने लगभग 5.91 करोड़ रुपए मौलाना उमर गौतम और अन्य सहयोगियों को गैर-मुस्लिमों के इस्लामी धर्मांतरण और गुजरात समेत अन्य राज्यों में मस्जिदों के निर्माण के उद्देश्य से दिए थे। यह फंड उमर गौतम की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) को दिया गया था।
इस मामले में कार्रवाई कर रही वडोदरा पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि सलाउद्दीन की संस्था के द्वारा 59.94 लाख रुपए दिल्ली में CAA के विरोध के नाम पर हुए दंगों के आरोपितों को कानूनी सहायता देने के लिए भी खर्च किए गए थे। चूँकि सलाउद्दीन की संस्था का ऑफिस वडोदरा में है, इसलिए वडोदरा पुलिस ने भी मामले की जाँच के लिए एक 5 सदस्यीय विशेष जाँच टीम (SIT) का गठन किया। मंगलवार (24 अगस्त 2021) को वडोदरा पुलिस ने सलाउद्दीन, उमर गौतम और अन्य आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-A, 465, और 120-b के अंतर्गत केस दर्ज किया।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में 1,000 से अधिक लोगों के सामूहिक इस्लामी धर्मांतरण का खुलासा होने के बाद यूपी ATS ने इस मामले में मुख्य आरोपित सलाउद्दीन और उमर गौतम को गिरफ्तार किया था। इस मामले में यूपी ATS अभी तक 10 आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है और 6 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। फिलहाल दोनों आरोपित लखनऊ की जेल में बंद हैं।